9 Aug 2013

Arvind kejariwal the Traitor


क्या 4 जून 2011 की वो काली रात आपको याद है ?



उस 4 जून 2011 को दिल्ली की पुलिस ने रामलीला मैदान मे जालियावाला बाग की तरह सो रहे बाबा रामदेव के समर्थकों पर लाठी चार्ज की थी। उस लाठी चार्ज मे बहन राजबाला का दुखद निधन हो गया था। और उसमे बाबा को मंच छोडना पड़ा था क्यूंकी उनकी हत्या की साजिश रची जा चुकी थी।

इतना तो शायद सभी जानते होंगे। लेकिन इसके पीछे एक और सच्चाई जो अब तक बाहर नहीं आई थी।

उसी 4 जून की रात को बाबा रामदेव के साथ मंचासीन होने अन्ना आने वाले थे। जी हाँ वही केजरीवाल के अन्ना। लेकिन केजरीवाल ने अन्ना को उस दिन आने से रोक दिया। अन्ना को केजरीवाल ने फोन कर किसी भी हालत मे अगले दिन आने को कहा। अन्ना फिर 4 जून 2011 को ना आ कर अगले दिन 5 जून 2011 को दिल्ली पहुंचे।

सभी जानते थे की बाबा रामदेव के अनुयायाई ना सिर्फ दिल्ली या भारत मे बल्कि पूरे विश्व मे हैं। उनके एक आहवाहन पर लाखों लोग एक झटके मे पहुँच जाएंगे। तब तक अन्ना सिर्फ महाराष्ट्र मे जाने जाते थे और केजरीवाल सिर्फ लूट-खसोट करने वाली बीरादारी NGO मे जाने जाते थे। इससे आगे इन दोनों का वजूद ना के बराबर था। लेकिन केजरीवाल ने सोचा की अगर लाठी चार्ज होती है और बाबा को मार दिया जाता है इसमे और इसके बाद अन्ना के साथ मिलकर केजरीवाल अनसन करते हैं तो पूरा देश केजरीवाल के साथ खड़ा होगा एवं ये अपना उल्लू सीधा कर सकते हैं।

4 जून 2011 को रामलीला मैदान मे केजरीवाल के षड्यंत्र से लाठी चार्ज हुई थी। यही जयचंद बन कॉंग्रेस से मिलकर लाठी चार्ज करवाया था। और उस लाठी चार्ज मे हमे बहन राजबाला को खोना पड़ा।

गद्दार जयचंद है ये केजरीवाल

No comments:

Post a Comment