बिहार के लोगों ने चुनी तो एनडीए की खुशहाली थी, लेकिन झेल रहे हैं यूपीए का दंश
16 जुलाई छपरा तो 16 अगस्त वैशाली मिड-ड़े-मील बना जहर
बिहार मे अभी पिछले महीने मिड-ड़े-मील खा कर मारे बच्चों की कब्र गीली ही होगी की आज फिर से 40 बच्चों की तबीयत खराब हो गई बिहार के ही वैशाली जिले मे।
छपरा मे 23 बच्चों का लील गया था नितीश बाबू का मिड-ड़े-मील और इस बार वैशाली जिले के 40 बच्चे पड़े बीमार
ज्ञात खबरों के आधार पर मिड-ड़े-मील खाते ही बच्चों को पेट मे तेज दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। बीमार बच्चों का इलाज अस्पताल मे कराया जा रहा है।
आश्चर्य इस बात का है की पिछले महीने हुई मिड-ड़े-मील जहर काण्ड की पड़ताल अभी चल ही रही है की आज दूसरा काण्ड हो गया।
क्या मिड-ड़े-मील जहर से कभी अमृत बन सकता है और दूसरा सबसे बड़ा प्रश्न यही अनाज तो मिलेगा फूड सिक्योरिटी बिल मे भी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल रविवार (18-08-2013) को "नाग ने आदमी को डसा" (रविवासरीय चर्चा-अंकः1341) पर भी होगा!
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
इस उत्साहवर्धन हेतु धन्यवाद मयंक सर
Deleteआपका प्रश्न जायज़ है । इतने हादसे होने पर भी अन्न और उसको पकाने की जांच क्यूं नही की जाती । इससे तो बच्चे भूखे ही ठीक, माँ बाप कम देंगे पर जिंदा तो रखेंगे ।
ReplyDeleteसभी अपना पेट भरने मे लगे हैं आशा जी....किसी को जनता की कोई फिक्र नहीं है...जनता जिये या मरे लेकिन अपनी कुर्सी बची रहनी चाहिए
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