25 Feb 2014

Communalism a bigger problem than Corruption : Kejriwal

भ्रष्टाचार से बड़ा मुद्दा है सांप्रदायिकता : केजरीवाल


भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से पैदा हुआ फोर्ड और CIA का दलाल केजरीवाल आ गया अपनी असली औकात पर। हम शुरू से कह रहे थे की इस केजरीवाल को भ्रष्टाचार से कोई लेना देना नहीं, बस इसने भ्रष्टाचार विरोधी मुखौटा पहन रखा है ताकि चंदे के धंधे को आगे बढ़ा सके। 

केजरीवाल ने India Islamic Cultural Centre in Delhi मे अपने भाषण के दौरान सीधे तौर पर कहा की "भ्रष्टाचार से बड़ा मुद्दा है सांप्रदायिकता"

केजरीवाल ये बातें कहते वक्त अकेले नहीं थे बल्कि चाँदनी चौक से आम आदमी पार्टी के लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार आशुतोष गुप्ता भी केजरीवाल के साथ थे। जो केजरीवाल राजनीति मे आते वक्त भौंकते हुए नहीं थकता था की हम राजनीति करने नहीं बल्कि राजनीति को बदलने आए हैं, हम जातिगत राजनीति नहीं करेंगे, हम धर्म आधारित राजनीति नहीं करेंगे, हमारा सिर्फ एक मात्र मुद्दा रहेगा जनलोकपाल और भ्रष्टाचार। वही केजरीवाल हमेसा मुस्लिम नेताओं को तरजीह देते रहे, केजरीवाल को कभी भी दंगा करने एवं कई हत्याओं के दोषी मुस्लिमों से उनके चरणों का आबे-जमजम लेने मे कोई बुराई नहीं दिखी। 

केजरीवाल और आशुतोष गुप्ता की जोड़ी इतने पर ही नहीं रुकी बल्कि आशुतोष गुप्ता तो केजरीवाल से भी 2 कदम आगे निकलते हुए वहाँ उपस्थित मुस्लिमों को मोदी विरोधी सीख देने मे लग गए।

आशुतोष गुप्ता ने कहा की, "कभी भी उस इन्सान (मोदी) का विश्वास ना करना जो पटना ब्लास्ट मे घायल और मृत लोगों से मिलने के लिए सैकड़ों मील चल के आ गया लेकिन गुजरात मे भी गुलबर्ग सोसाइटी मे दंगे मे मारे गए मुस्लिमों से मिलने नहीं गया।"

आशुतोष ने यहाँ परोक्ष रूप से ये जताया की पटना मे हुए ब्लास्ट मे मरने वाले सिर्फ हिन्दू थे और गुलबर्ग मे मरने वाले मुस्लिम। अब ऐसे मे कोई महामूर्ख ही होगा जो ये कहेगा की आम आदमी पार्टी जातीय या धर्म की राजनीति नहीं करती है। आम आदमी पार्टी और इस पार्टी से जुड़ा हर नेता सिर्फ एक दलाल है इससे ज्यादा और कुछ नहीं। आम आदमी पार्टी का प्रादुर्भाव ही सिर्फ मोदी को रोकने के लिए हुआ है।

बात यहीं नहीं खत्म हुई बल्कि कल जो India Islamic Cultural Centre in Delhi इवैंट का ऑर्गनाइज़र था उसने कहा की आज तक भारत मे जितने भी दंगे हुए क्या आम आदमी पार्टी शासन मे आने पर उन सभी दंगों का SIT जांच करवाएगी ? 

इस सवाल के जवाब मे केजरीवाल ने तुरंत कहा की "भारत मे हुए 23,500 दंगों की जांच फिर से एक नए सिरे से SIT से कराई जाएगी।"

अब कोई आपिया मुझे ये समझाये की ये दलाल केजरीवाल क्या भारत मे आज तक हुए 23,500 दंगों का दोषी हिंदुओं को ही मानता है।

ये वही केजरीवाल है जिसने कुछ समय पहले एक मौलवी से मिल कर दिल्ली को तहरीर चौक बनाना चाहा था। इसके लिए केजरीवाल बाकायदा उस मौलवी "मौलाना हसरत अली" से मदद मांगने गया था दिल्ली को तहरीर चौक बनाने के लिए। अब सभी जानते हैं की तहरीर चौक बन जाता अगर दिल्ली तो दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरा भारत उस आग मे जलता रहता और केजरीवाल अपनी पुंछ उठा कर अपनी बीबी जो की सोनिया गांधी की चहेती है उसके साथ अपने बाप CIA की मदद से भारत से भाग चुका होता।

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उपरोक्त इन सभी कथनों से आपको क्या शिक्षा मिलती है ? अगर ये सवाल मैं किसी छोटे बच्चे से भी करूँ तो वो यही कहेगा की ये केजरीवाल सिर्फ एक दलाल और देश का ऐसा गद्दार है जिसे सुवरबाड़े मे डाल कर इसके ऊपर हरी-मिर्च और नमक की चटनी मल कर सुवरों को परोस देना चाहिए।

हिन्दू-मुस्लिम मे जो एक खाई भरनी चालू हुई थी एवं मुस्लिम भी अपने विकास को सोच रहा था उस खाई को फिर से ये दलाल/गद्दार केजरीवाल खोद कर इतना बड़ा बनाना चाहता है ताकि उसमे ये अपनी दलाली का चंदा बटोर सके और देश को फिर से गुलाम बनवाए।

कभी मायावती ने नारा दिया था "तिलक तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार"

अभी सभी राष्ट्रभक्तों को ये नारा अपनाना चाहिए, "चंदा, धंधा और केजरीवाल, इसको मारो रोज जूते चार"

20 Feb 2014

Narendra Modi ji ki kavita


सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
मैं देश नहीं रुकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।।

मेरी धरती मुझसे पूछ रही कब मेरा कर्ज चुकाओगे।
मेरा अंबर पूछ रहा कब अपना फर्ज निभाओगे।।

मेरा वचन है भारत मां को तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा।
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।।

वे लूट रहे हैं सपनों को मैं चैन से कैसे सो जाऊं।
वे बेच रहे हैं भारत को खामोश मैं कैसे हो जाऊं।।

हां मैंने कसम उठाई है मैं देश नहीं बिकने नहीं दूंगा।
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।।

वो जितने अंधेरे लाएंगे मैं उतने उजाले लाऊंगा।
वो जितनी रात बढ़ाएंगे मैं उतने सूरज उगाऊंगा।।

इस छल-फरेब की आंधी में मैं दीप नहीं बुझने दूंगा।
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।।

वे चाहते हैं जागे न कोई बस रात का कारोबार चले।
वे नशा बांटते जाएं और देश यूं ही बीमार चले।।

पर जाग रहा है देश मेरा हर भारतवासी जीतेगा।
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।।

मांओं बहनों की अस्मत पर गिद्ध नजर लगाए बैठे हैं।
मैं अपने देश की धरती पर अब दर्दी नहीं उगने दूंगा।।

सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
अब घड़ी फैसले की आई हमने है कसम अब खाई।।

हमें फिर से दोहराना है और खुद को याद दिलाना है।
न भटकेंगे न अटकेंगे कुछ भी हो हम देश नहीं मिटने देंगे।।

सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
मैं देश नहीं रुकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।।


नरेंद्र मोदी जी की कविता