विश्व हिन्दू परिषद संगठन को बैन करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। क्या ये बैन इस 84 कोसी यात्रा के चलते हो रहा है....मुझे ऐसा नहीं लगता है। क्यूंकी अगर ऐसा होता तो देश मे शुक्रवार को निकलने वाली भीड़ पर भी बैन लग चुका होता, तजिया को भारत से खत्म किया जा चुका होता है एवं भारत मे बसे हाफ़िज़ सईद जो हमेसा भड़काऊ भाषण देते रहते हैं ओवैसी बंधुओं को फांसी के फंदे पर लटका कर सुवरों को उनके मांस को खाने हेतु परोसा जा चुका होता।
लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ फिर ऐसे मे विश्व हिन्दू परिषद को बैन करने की बात समझ से परे हैं। लेकिन अगर कुछ समय पहले की घटनाओं को देखने पर पता चलता है की ऐसा संभव है। क्यूंकी कुछ समय पहले सोनिया गांधी बजरंग दल झूठे आरोप लगा कर उसको बैन करने की तैयारी कर चुकी थी। आरोप भी ये की बजरंग दल क्रिश्चियनों को जान से मार रहा है जबकि उन सभी क्रिश्चियनों की मौत आशनाई (लड़की बाजी, ननों के साथ हमबिस्तरी) के चक्कर मे क्रिश्चियनों ने ही की थी, जो की पुलिस जांच मे पता चली थी।
चाहे बजरंग दल हो या विश्व हिन्दू परिषद या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी वेटिकन के पोप एवं उनकी मातहत सोनिया गांधी द्वारा भारत मे संचालित बलात धर्मपरिवर्तन के आड़ मे बहुत बड़े रोड़ा हैं। ये तीनों ही संस्थाएं मिल कर पहले तो लोगों को धर्मपरिवर्तन करने से रोकती हैं अगर कोई धर्मपरिवर्तित मिल जाता है तो उसे पुनः उसकी स्वेक्षा से, ना की सोनिया गांधी की तरह बलात, पुनः हिन्दू धर्म मे समावेश कराते हैं।
इन तीनों हिन्दूवादी संगठनों का कोई कार्य आज तक देशविरोधी नहीं मिल पाया है भारत की इस सरकार को अतः किसी भी छोटे मुद्दे को भी बड़ा दिखा कर ये चाहते हैं इन संगठनों को बैन कर दिया जाए एवं खुल्ले भारत मे बलात धर्मपरिवर्तन कराया जाए। इनको कोई फर्क नहीं पड़ता है की भारत बिखरने के कगार पड़ खड़ा है या इनके इस कदम से भारत मे गृह युद्ध जैसे आसार बनते जा रहे हैं। परंतु सोनिया गांधी जो की एक कैथोलिक क्रिश्चियन हैं उनका सबसे बड़ा लक्ष्य ही है भारत को एक क्रिश्चियन देश बनाना। वैसे कैथोलिक क्रिश्चियन मुसलमानों के बाद दुनिया की सबसे वहशी प्रजाति है जिसकी भारत मे पुरोधा सोनिया गांधी हैं।
सोनिया गांधी का भारत को क्रिश्चियन देश बनाना तब तक संभव नहीं है जब तक देश मे बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद एवं संघ है। अतः सोनिया गांधी साजिशन इन तीनों ही संगठनों को देशविरोधी कार्यों को दिखा कर बंद करने की तैयारी का शुरुवात कर चुकी हैं। और इस साजिश मे सोनिया का साथ सभी क्षेत्रीय पार्टियां चाहे वो पुरानी हों जैसे सपा इत्यादि या फिर फोर्ड के पैसे बनी केजरीवाल की पार्टी, सभी सोनिया गांधी की हाँ मे हाँ मिला कर देश को अंधकार के गर्त मे धकेलने मे महती भूमिका निभा रहे हैं। इन सभी क्षेत्रीय पार्टियों को देश से कोई मतलब नहीं है बल्कि इनको तो मतलब अपने स्विस बैंक मे बढ़ रहे नोटों के बण्डल से है।
क्षेत्रीय पार्टियों की नोटो की भूख को वेटिकन एवं सोनिया गांधी बहुत ही अच्छे से समझ रही हैं। अतः उन सभी पार्टियों को नोटो के बण्डल मे दबा कर सोनिया खुल्लेआम बलात धर्मपरिवर्तन कराना चाहती है और इसके लिए सोनिया गांधी अपने मार्ग मे रोड़ा बने इन सभी हिन्दूवादी एवं राष्ट्रवादी संगठनों पर बैन भी लगा सकती है।
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