ना चलेगा काम अब तेरे कोरे इन वादों से,
तुझको देखा हमने तेरे देशद्रोही आंखो से,
मुफ़लिसी मे जीते थे कल तुम सब,
ऊँचे परकोटे बैठ मलाई काट रहे अब,
किया क्या तुमने ऐसा जादू-टोना,
पा गए जो इतना चाँदी और सोना,
तन पर न था वस्त्र एक भी तब,
दाभी भी बनाते वो विदेश मे अब,
जनता की इनको कोई फिकर नहीं,
गरीबों का इनके मुंह से कोई जिकर नहीं,
बेसहारा गरीबों का चूसते हैं खून ये,
उन्ही गरीबों के नाम पर लूटते हैं ये,
तन पर ये पहनें सिर्फ उजली खाकी,
मन काला है तेरा ऐ आज के गांधी,
आई है देश मे अब मोदी नाम की आँधी,
हो जाएगा खतम इसमे अब नकली गांधी,
अब तक देश ने तुम सबकी है मानी,
पर देशप्रेम की अब हम सबने है ठानी,
देख बंधु अपने दाँए-बाँए, आगे और पीछे,
गला किसी का अब न नकली गांधी मिंचे,
यज्ञ बड़ा आन पड़ा, देश मे नया अब जान पड़ा,
देशभक्ति की डोर छूटे ना, कोई साथी पीछे छूटे ना।
No comments:
Post a Comment