21 Jun 2012

सेक्युलरों बाज आ जाओ अपनी हरकत से


हिन्दुओ को गाली देने वालो बाज आ जाओ हिंदू है तो इतना सुन भी रहे है, अगर इतने ही बड़े बहादुर हो तो श्रीनगर मे तिरंगा जलाने से रोक लेते, लाल चौक पर हर साल तिरंगा फहराते, नागालेंड मे गोमाता के कटे हुए सर और उनका बिकता हुआ गोमांस रोक लेते| 

क्या खा गया था तुम्हारा सेक्युलरिज्म जब निर्दोष सिखों को पुरे देश मे सड़कों पर काटा जा रहा था इंदिरा गांधी के बदले मे क्या सब के सब दोषी थे| सेक्युलरिज्म की बात करते हो और कट्टर पंथियों और अलगाववादियों के तलबे चटने बुखारी और गिलानी के पास जाते हो| भरत माँ को डायन कहने वाले और राम को गाली देने वालो को आदाब करते हो| 

अगर तुम्हारे जैसे गद्दार न होते तो इस देश का मुसलमान कभी का घर वापस आ गया होता| अगर हिंदू कश्मीर के मेवाती मुसलमानों को पुनः मूल धारा मे शामिल करने तैयार हो तो एक दिन मे सारा कश्मीर हिंदू बहुसंख्यक हो सकता है| गरीब अनपढ मुसलमान को कब तक धर्म के नाम पर, जिहाद के नाम पर गुमराह करके मरवाते रहोगे, कोई जन्नत बन्नत मे हूरे नहीं होती क्यों बेबकुफ़ बना रहे हो| 

अरे सेक्युलरो देश की धर्म संस्कृति, शिक्षा, चरित्र का कबाडा तो करा दिया, माँ बहिनों की इज्जत भी तुर्क पठानों से लुट्वाली, अपनी बहन बेटी भी मुगलों को दे दी, अपने डोले भी तुम्ही जैसो ने तुर्क पठानों के महलों मे पहुचाये थे उन्ही कायरो की औलाद जान पड़ते हो या किसी माँ बहन से बलात्कार मे तुम्हारे पुर्बज पैदा हुए होगे लाज शर्म के कारण उनको हिंदू पिता ने नाम दिया होगा, बरना हिंदू धर्म की महानता उदारता मे ही है सेक्यूलरिज्म और कही नहीं है, अगर इतने बड़े सेक्युलर हो तो अपनी भीं बेटियों को लब जिहाद से बचालो, बोट के खातर ईमान बेचने वालो, शराब बाँट कर चुनाब जीतने वालो, बिदेशी कम्पनीयों से कमीशन खाने वालो तुमको देख कर तो सूअर को भी लज्जा आ जाये, जिस ड़ाल पर बैठें हो उसी को काट रहे हो, पैसे कमाने के लालच मे जनता को सरकारी ठेकों से शराब बाँट रहे हो, जनता को दिमक से कमजोर करके बोट बटोरते हो तब इसको तुम्हारा सेक्युलर चरित्र कहा जाता है|


अनाम



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