26 Jun 2012

शेर हो उठो और दहाड़ दो तुम


क्यों भूल गए उन पूर्वजों के हुँकार को
क्या याद नहीं वो अत्याचार तुम्हे
ना भूलो उस तलवार के वार को
औरत ही थी जिसने खट्टे किए दांत थे
तुम तो वंसज हो महा राणा प्रताप के
स्वाभिमान की खातिर जिसने छानी
जंगलो और पत्थरों की खाक थी
खाई जिसने घास की रोटी
महलो का सुख छोड़ दिया
और उसको तुमने अपने खून
से निकल कर फेंक दिया
क्यों बनते हो तुम कायर इतना
याद करो पुरखों की कुर्बानियों को
सोते न रहो ऐ खूंखार शेर तुम
उठ कर मरो दहाड़ तुम
तुम शेर हो सदियों के
जिसका गुणगान हमेसा हुआ
आज बड़ी बात को ले कर भी
क्यूँ बने इतने अन्जान तुम
शेर हो उठो और दहाड़ दो तुम

हिन्दू तो जल रहा है

वो खामोश हैं,
वो मदहोश हैं,
वो खोये से हैं,
वो सोये से हैं,
वो व्यस्त से हैं,
वो मदमस्त से हैं,
पर
सिने में दर्द है,
बदन कमजोर है,
हड्डियों में पानी है,
ऑंखें कमजोर हैं,
हाथो में शक्ति नहीं है,
सिने में आग नहीं है,
अपने में लड़ते हैं,
मरते हैं-मारते हैं,
मरते को देखते हैं,
कटते को देख हंसते हैं,
फिर भी आंखे बंद हैं,
पर
होंठ सिले से हैं,
कान बंद से हैं,
क्या करें मजबूर हैं,
घर को चलाना है,
बच्चो को खिलाना है,
देश तो चल रहा है,
हिन्दू तो जल रहा है,
कुछ मलाई खा रहे हैं,
कुछ कौवाली गा रहे हैं,
पर,
कहीं जात-पात है,
कहीं उंच-नीच है,
कहीं भेद-भाव है,
कहने को हम एक हैं,
रश्ते बने तो अनेक हैं,
आँखों में पानी नहीं है,
सिने में रवानी नहीं है,
रगों में खून नहीं है,
आशिक मिजाजी है,
रंगीन हुई तबियत है,
चूँकि दुनिया गोल है||



25 Jun 2012

कर रही है भारत माँ पुकार



कब तक  सोगे,
अलसी शेर के मानिंद,
अब तो तोड़ दो इस निंद्रा को, 
जागो और देखो कैसे रौंद रहे हैं,
कुछ दुराचारी भारत माँ को,
कर रही है भारत माँ पुकार,
सुनो उसकी ये करुण पुकार,
उठो भरो एक हुंकार,
दहाड़ दो ऐसे की,
दुराचारी जाएँ सहम,
जो ना सहमे उसे,
कर दो ऐ शेर तुम ख़तम||


24 Jun 2012

बधाई हो हिन्दुओं: एक और नया दंगा प्रतापगढ़ में

क्या लिखू-क्या ना लिखूं,
यहाँ हर मुद्दा गंभीर है,
उधर कुत्ते भौंक रहे हैं,
और शेर इधर सो रहा है,
खटमल रौब दिखा रहा है,
कौआ रोज बिरयानी खा रहा है,
खुद देखो मामला कितना संगीन है,
फिर देखो शेर कैसे गंभीर है||

इस शांत से रहने वाले भारत में क्या हालत बनते जा रहे हैं| इस पावन भारत माता की धरती दंगों का दंश एक-एक करके झेलती जा रही है| एक दंगा ख़तम नहीं हो रहा है की कहीं और दूसरा दंगा शुरू हो जा रहा है| अभी हाल ही में एक बड़ा दंगा कोसीकलां में हुआ| इस दंगे में सैकड़ों हिन्दुओं के घर फूंके गए| कई हिन्दुओं को गोली मारी गई और कईयों को काटा गया, कई माताओं और बहनों के साथ ना कह सकने वाली शर्मनाक हरकते की गईं वो भी घरों में घुस कर| यही नहीं हमारी गौ माता जिनका दूध हमारे रगों में खून बन कर दौड़ता है उनको भी इस दंगे की बलि चढ़ा दिया गया इन मुसलमानों के द्वारा| पर हो क्या रहा है इतने दंगो के बाद भी? हर दंगे के बाद हिन्दू कुछ हो हल्ला और लिख पढ़ कर घर जा सो जा रहा है या फसबूक पर और अन्य सोसिअल नेटवर्किंग साइट्स पर थोडा बहुत लिख अपने कार्य की इतिश्री मान ले रहा है तथा बोलता है की कोई हिन्दू कुछ करता ही नहीं है सभी सो रहे हैं लेकिन वो लिखने वाले हिन्दू जमीन पर उतर कर उन भुग्तभोगी के लड़ने के लिए नहीं सोचते हैं क्युकी अगर वो हिन्दू जमीन पर उतर कर भुग्तभोगियों के लिए एक दिन भी लड़ता है तो उसकी एक दिन की सलारी कट जाएगी| हिन्दुओं की इसी सहनशीलता, अकर्मण्यता और अलाश्य के चलते आये दिन चुन-चुन कर हिन्दू बाहुल इलाके में भी घुस कर मुसलमान हिन्दुओं की इज्जत को तार-तार कर रहा है, दंगे करके जा रहे हैं तथा हमारे माँ-बहनों की इज्जत लुटे जा रहा है|

वैसे तो भारत में कई दंगे हुए, यहाँ तक की पूरा कश्मीर हिन्दू विहीन हो गया| पर ये सब छोड़ें हम, ये सब तो पुरानी बातें हैं| पर अभी हाल ही में १ जुन २०१२ कोसीकलां के दंगे जो की अभी तक चल रहे थे और अभी शांति के बाद भी वहां तनाव देखा जा सकता है, के बाद भी किसी भी हिन्दू की आंख नहीं खुली क्यूंकि ये उनके घर का मामला नहीं था और इस सोच के चलते वो अपने घर तक ही सिमित रह गए| यही बात भारत के हर जगह के हिन्दू भाइयों ने सोची| हमारे अन्दर एक बात ये आ गई की जो रहा है उसे होने दो यही नियति है| याद रखो अपनी नियति इन्सान खुद बनाता है और पाप को सहते रहना भी एक पाप होता है जिसका कोई प्रायश्चित नहीं होता है|  

हिन्दू भाइयों की इसी सोच के चलते उत्तर प्रदेश के मुसलमानों ने फिर से सर उठाया हम हिन्दुओं की अस्मिता को ठेस पहुँचाने के लिए| उत्तर प्रदेश के इलाहबाद और लखनऊ के बिच स्थित प्रताप गढ़ में ४ मुसलमानों ने एक कक्षा ४ में पढने वाली ११ साल की छोटी बच्ची का २० जून २०१२ को उसके घर से अपहरण किया गया और ३ दिन तक सामूहिक बलात्कार करने के बाद उस मासूम बच्ची की दर्दनाक रूप से हत्या कर दिया| पर भारत के बाकि जगह के हिन्दू आराम से सोयें क्यूंकि आपके घर और घरवाले तो फ़िलहाल सुरक्षित ही हैं और क्यूंकि ये घटना तो प्रताप गढ़ में हुई है आपके क्षेत्र या घर पर नहीं, जब आपके क्षेत्र या घर पर दंगा होगा तब देखा जायेगा की क्या होता है| वैसे भी आपकी अकर्मण्यता और आलश्य के बाद तो यही सोच सकते हैं हम की दंगों की कहानी में एक और कहानी जुड़ जाएगी और दंगे का एक और भुग्तभोगी|

ये मुसलमान यहीं नहीं रुके की इन्होने एक इतनी छोटी बच्ची को अपहरण करने बाद ३ दिन तक बेदर्दी से उस छोटी बच्ची जिसने इस दुनिया को अभी देखना शुरू ही किया था उसकी इज्जत को लूटा तथा हिन्दुओं की अस्मिता को तार-तार करते हुए एक चेतावनी दी की हिन्दुओं तुम सेक्युलरिज्म की माला फेरते रहो और हम तुम इज्जत पर फेरते रहें| इन कुकर्मी और आतंकी मुसलमानों ने फिर उत्तर प्रदेश के प्रशासन का सच एक बार और उजागर करते हुए स्थानीय पुलिस थाने में ६ लाख रुपये का पुलिस वालों को चढ़ावा दिया ताकि उन बलात्कारी और आतंकी मुसलमानों पर कोई करवाई ना हो| वैसे भी पुलिस उन्हें पकड़ भी लेती तो क्या होता? ज्यादा से ज्यादा बहुत सालों तक ये केस लड़ने के बाद फांसी की सजा सुनाई जाती उन आतंकी और कुकर्मी मुसलमानों को जिसे हमारे महान राष्ट्रपति क्षमादान दे देते क्यूंकि अल्पसंख्यकों को और अघात क्यूँ पहुंचाएं, क्यूंकि मुस्लमान तो इस देश में हमेसा से सताए हुए हैं और इन मुसलमानों ने तो अपने पाक अल्लाह का हुक्म माना है और ये पाक काम किया है उन चार महान मुसलमानों ने साथ ही इन मुसलमानों ने अपने महान मोहम्मद की परंपरा को आगे बढाया है|

पर प्रताप गढ़ के हिन्दू भाई थोड़े जाग चुके थे और उन लोगों ने इस घटना का जवाब बहुत अच्छे से दिया जो होना चाहिए था| वहां के हिन्दुओं की एक जुटता को देखते हुए ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी की प्रताप गढ़ के हिन्दुओं ने कंकड़ का जवाब लोहे से दिया और ऐसा जवाब दिया जिसे प्रताप गढ़ के इन मुसलमानों की आने वाली कई पीढियां नहीं भूल पाएंगी| प्रताप गढ़ के जागे हुए हिन्दुओं ने वहां के उन चार बलात्कारी मुसलमानों और उनके रिश्तेदारों तथा जिन्होंने ६ लाख रुपये जुटाए सभी का करीब ३६ घर फूंक दिया| पर एक बात का अफ़सोस है की इस घर फूंके जाने की घटना के बाद भी कोई मुसलमान हताहत नहीं हुआ| इसे कहते हैं हिन्दू एकता जिसने एक खुल्ला सन्देश दे दिया इन आतंकवादियों और कुकर्मियों को की हिन्दू अब एक हद तक ही सहेगा और बाद में क्या होगा अगर उस हद को कोई पार करता है तो, वो एक इतिहास बन जायेगा अब|

पर एक बात काबिले तारीफ है जहाँ गोधरा के दंगों में खुलेआम अल्पसंख्यक मुसलमानों का नाम लिया गया मीडिया के द्वारा वहीँ कोसीकलां के दंगे का कोई मीडिया कवरेज नहीं था तथा ठीक वैसे ही प्रताप गढ़ के इस मुसलमानों के कुकर्म की धार्मिक भावनाओं को ख्याल रखते हुए "मुसलमान" नाम इससे दूर रखा गया| इस न्यूज़ को भी पिछले दंगे की तरह बहुत प्यार से दबा दिया जाता पर इसमें तो हिन्दू जाग गया था और ३६ घर फूंक दिए थे और इस पर मीडिया पर अपनी राजनैतिक सरपरस्ती और मुल्ला तुस्टीकरण  का दबाव था अतः इसके चलते न्यूज़ को थोडा सा लाजवाब बनाया की "गुस्साए हिन्दुओं ने आरोपी वर्ग और उसके रिश्तेदारों के ४७ घर फूंक दिए"| लेकिन आरोपी वर्ग किस धर्म या जाती के थे ये नहीं बताया| क्या ये है सेक्युलरिज्म की आरोपी के साथ आरोप को भी दबा दो पर जवाब देने वाले भुग्तभोगी का धर्म के साथ नाम उछालो| साथ ही मैंने बहुत ढूंढा पर अभी तक इस दंगे की कोई तस्वीर नहीं मिल पाई है मुझे।

पर जितने भी हिन्दू जागे हुए हैं कृपया एकत्रित हों और सभी एक ही चाह रखें इस समय भारत के हिन्दुओं के लिए जितना हो सके एकजुट हों, एक शब्द में बोलें तो "जुडो और जोड़ो"| गलत को गलत को कहना सीखे और साथ ही गलत का जवाब देना सीखें| दुसरे हिन्दू के दर्द को अपना दर्द मानें| सब परेशानी सुलझ जाएगी| ना तो कहीं किसी आतंवादी और कुकर्मी की थोड़ी भी हिम्मत होगी हमारी माताओं और बहनों के तरफ आंख उठा कर भी देखने की और ना ही कहीं कोई हमारा हिन्दू भाई या बहन प्रताड़ित होंगे जिंदगी भर अपने को दंगे में खोने के दंश झेलने के लिए|

खिंच कर आकाश धरती पर झुका दो साथियों,
चिर सीना पर्वतों का गंगा बहा दो साथियों,
काँप उठे ये दसों दिशाएं एक ही हुनकर से,
भींच कर प्राणों की रणसिंघा बजा दो साथियों,
भेद-भाव को दूर भगा कर समरसता फैलानी है,
भाव ये जन-जन के मन में तुम जगा दो साथियों,
तोड़ कर इस जाति भाषा की जंजीरों को,
हिंदुत्व को अपना धर्म तुम बना दो साथियों||

अब मुसलमानों एक बात का जवाब दे दो सच्चे मन से की "तुम गौरी, गजनवी या बाबर के वंसज हो या भारत माता के वंसज हो और भारत माता की पावन गोदी में शांति और प्यार से रहना चाहते हो"| क्यूंकि,

एक मेरे भाई सामान परम मित्र की एक बहुत अच्छी कविता मुझे याद आ रही है और सभी हिन्दुओं के मन में भी यही कविता चलेगी अब, की:

हम अपने धर्म की सुरक्षा में सूरज की आग नहीं लेंगे,
गंगा को गर पड़ी जरुरत लहू की नदी बहा देंगे,
हम सागर हैं पर मत भूलो सूरत के से तपते हैं,
बर्फीले परतों में भी लपटों वाले वंश पनपते हैं,
साफ बता दूँ अब हिंसक की हर लहर मोड़ दी जाएगी,
क्रांतिपथ में एक और कहानी जोड़ दी जाएगी,
जो उपवन पे घात करे वो शाखा तोड़ दी जाएगी,
हिन्दुओं पर उठी हुई हर आँख फोड़ दी जाएगी||


जय माँ भारती
वन्देमातरम



22 Jun 2012

झूठी धर्मनिरपेक्ष मानसिकता को पहचानो !!!


इस देश मे मुगलों अंग्रेजो ने हिंदू से हिंदू को कटवाया आज भी ये काले अंग्रेज हिंदू से हिंदू का ही बिरोध करवा रहे है वो भी झूटे सेक्यूलरिज्म के नाम पर| आज तक दंगे मे कोनसा बड़ा सेक्युलर नेता मरा हर दंगे मे केवल गरीब ही मरता है चाहे बो आज का हिंदू हो या हमारा बिछड़ा हुआ हिंदू जो नपुंशक होने के साथ-साथ पथ्भ्रस्त भी हो चूका है पूरी तरह से| बिभाजन के समय इतने बड़े दंगे हुए पर क्या कोई मंत्री, ऍम.एल.ए. या एम्.पी शहीद हुआ? 

संसद पर हमला करने वाले अफजल को ये डरपोक र्इसलिए फासी नहीं दे रहे कि कही ऐसा ना हो कि कोई उनका साथी इनका काम ना लगा दे| कसाब को बिरयानी ये कायर इसलिए खिला रहे है कि ये मानसिक रूप से मुसलमानों की उस कौम के गुलाम है जिनके आँख दिखाने पे इनको पेशाब आ जाता है| अब कल की बात ही ले लो कागेस प्र्बक्ता जो बकता ही है और ऐसों को छाँट-छाँट के कागेस मे प्रबक्ता बनाया जाता है| जैसे सोनिया का देसी कुत्ता जो पागल भी हो गया था उसे तो पहचानते ही होंगे आप? अरे वही डोग्गी दिग्गी! उसका भोकना बंद कराया, कल इक और भौका "कि मुलायम यु.पी मे भाजपा का एजेंट है'' वात मे दम नहीं खीज थी हार की| 

एक को राष्ट्र+पति = राष्ट्रपति बनना है ताकि जब चाहे जब इस देश मे कोई भी अध्यादेश लागु किया जा सके| वैसे ये पश्चिमी शब्द का अनुवाद है, जिसका अन्धानुशरण हमारे काले अंग्रेज करते आ रहे हैं| हमारे राष्ट्र का केवल सेवक तो हो सकता है कोई ''प्रथम सेबक परन्तु ये पति यानि राष्ट्र कोई स्त्री है क्या जो इसका पति होगा वो भी एक बड़ा चोर जिसने ब्लैक मनी की लिस्ट ही खा ली क्युकी उसमे सबसे ऊपर P.W. GOLDEN ACCOUNT का नाम था जिसमे कई लाख करोड़ रुपये हैं| अब ये अगर ये हमारे भावी राष्ट्रपति महोदय जी ने उस अकाउंट के बारे में बता दिया तो पूरा कांग्रेस ही ख़तम अतः पार्टी बचाओ देश और देशवासी चाहे जाएँ भांड में| 

जरा देखो इन छद्म और झूठे धर्मनिरपेक्ष लोगो का दिमागी दिवालियापन इक राष्ट्र रास्ट्रपिता बन गए मेरे बिचार मे हमारी भारत माता का के पिता पर इस भारत माता जो की विश्व की सबसे पावन धरती मानी जाती है उसके पिता तो सिर्फ और सिर्फ भगवन ही हो सकते हैं जो पूरी इस श्रृष्टि को चलाते हैं और दूसरी तरफ हमारे ऊपर कहीं से भी किसी भी ऐरे गिरे नत्थू खैरे को ला कर थोप दिया जाता है भारत माता के पति बना कर न तो उसमे किसी भी भारतीय की सहमती ली जाती है और ना ही उनकी भावनाओं का ख्याल रखा जाता है| अगर ये भगवान को पिता मान लेगे तो इनका धर्मनिरपेक्षपना सही मे धर्मनिरपेक्ष हो जायेगा| पर एक परेशानी आ जाएगी की फिर ये मुसलमानों और ईसाइयों को बेबकुफ़ कैसे बना सकेगे| 

ये भारत देश एक सनातन देश है इसका पिता गाँधी कैसे हो सकता है जिसने खुद अपनी आधी जिंदगी विदेश में बिताई और जब खुद पर लात पड़ी और अहम् को चोट पहुंची तो भारत आ कर एक महात्मा बन गया| पर महात्मा बन कर भी क्या किया एक हिन्दू हो कर जो इसने विदेश में कमाया था यानि इसाईयत वो इसने भारत में दिखाया और सभी को मुर्ख बनाया| जो इन महान राष्ट्रपिता का नारा था की "अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर तमाचा मारे तो अपना दूसरा गाल भी आगे कर दो" ऐसा केवल बाइबल में ही है की जो भी कष्ट को भुगतो और कुछ मत करो यानि की पाप को सह कर भी शांत बने रहो और हमारे एक महान ग्रन्थ "गीता" जो की पुरे विश्व में सभी के द्वारा ग्रहित ग्रन्थ है उसमे साफ़-साफ़ लिखा है की पाप को सहना और और सह कर उसे बढ़ावा देना भी एक पाप और पाप के भागिरदार बन रहे हैं| तो क्या हमारे देश में देश के राष्ट्रपिता ने हमारे महान ग्रंथो से सबको दूर करने का एक भ्रम जाल फैलाया? और अगर राष्ट्र के पिता की बात को देखें तो इस राष्ट्र के पिता तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और कलाओं को दिखने में माहिर भगवन कृष्ण भी नहीं हुए और ना ही उनकी कोई चाह रही क्यूंकि उन्होंने नाम के लिए कार्य नहीं किया| उन्होंने भी भारत को माता ही माना और माता की ही संज्ञा दी| किसी को रास्ट्रपिता कहने से बड़ा भारत माता का क्या कोई बड़ा अपमान नहीं हो सकता|


माननीय A P J ABDUL KALAMJI राष्ट्रपति पद के सबसे अच्छे उम्मीदवार थे तथा मुस्लिम भी तो सेक्युलर शब्द भी पारित हो रहा था इन पर इसके अलावा इनका पिछला कार्यकाल अभी तक के सभी के कार्यकालों में एक अग्रणी कार्यकाल था परन्तु उनमे एक कमी थी की वो सोनिया के पालतू तथा आज्ञानुसार चलने वाले नहीं थे और ना ही बन सकते थे| विदेशों  मे आदमी से ज्यादा कुत्तों को ही प्यार मिलता है इटली मे ऐसा कुछ ज्यादा ही है| चलो इक कुत्ता छाँट कर राष्ट्रपति बनाया जा रहा है| इसलिए कलाम जी भी खड़े नहीं हुए| बी. जे.पी. को इक आदमी अपनी पार्टी मे नही मिला| हारे तो हार जाता क्यूंकि हार और जीत तो हमेसा लगी ही रहती है| पर इतनी बड़ी पार्टी को शर्म आनी चाहिए| कोई भी बृद्ध कार्यकर्ता ना मिला तो करोडो कार्यकर्ताओ की पार्टी कैसी???

माननीय अडवाणी जी आपके साथ मे बहुत लोगो ने जीबन भर काम किया है पर इन संगमा महोदय ने क्या किया है बी जे पी के लिए| मै सैंकड़ों नाम गिना सकता हूँ जिन्होंने हिंदुत्ब के लिए पूरा जीवन लगा दिया उनमे से एक छाँट लेते| बी जे पी की हार का एक मात्र कारण ये है कि ये अपने कार्यकर्ताओ का समुचित ध्यान नहीं रखती और कांगेस से आये भगोडो को भी तुरंत टिकिट देती है| अभी भी समय है ढूंढ़ लो अपना सही उम्दमीवार| 

साथ ही संसद में सभी सेक्युलरों के साथ बैठ कर हिंदुत्व की विचारधारा पर बनी पार्टी सेक्युलर बनती जा रही है और इसका खामियाजा ये हमेसा भुगत रही है| बी जे पी ये जानती है की अल्पसंख्यक वर्ग उसे कभी वोट नहीं देगा पर राजग के नेता साथ ही कुछ बी जे पी के नेता अल्पसंख्यकों को लुभाने में लगे हैं जालीदार टोपी पहन कर| अरे झूठे मुर्ख सेक्युलरों टोपी किसी और को पहना रहे हो या खुद टोपी पहन रहे हो|

ये सेक्युलर शब्द जब सबसे ज्यादा हिन्दू मुस्लिम हुआ देश के बंटवारे के समय उसी समय क्यों नहीं संविधान में जोड़ा गया क्यूंकि संविधान तो बाबा भीम राव आंबेडकर ने ही बनाया था| ये शब्द १९७७ में जब इमाम बुखारी इंदिरा गाँधी के विपक्ष में खड़े हुए जनता दल के प्रचार में तभी क्यूँ संविधान संसोधन के जरिये जोड़ा गया? क्या मंसा थी १९७७ में इस शब्द को जोड़ने के पीछे? क्या जो संविधान में इस शब्द के पीछे लोगों को दिखने के लिए जोड़ा गया वो पूरी तरह से पारित हो रहा है? या ये सेक्युलर शब्द केवल हरा रंग का कपडा और जालीदार टोपी पहनने और पहनाने तक सिमट कर रह गया है और पूरा देश इसका मखौल बन रहा है| और जो सच्चे सेक्युलर हैं उन्हें सांप्रदायिक घोषित कर दिया जा रहा है|


अभी हाल ही में कोसीकलां में दंगा हुआ जिसके थोड़े समय पहले जब उत्तर प्रदेश की सरकार बनी तो मुस्लिम बहुल इलाके में शिविर लगा कर हथियारों के लाइसेंस बांटे गए| एक ही वर्ग क्यूँ भाई? हिन्दुओं को क्यों नहीं बाँटा गया ऐसे लाइसेंस? और इस लाइसेंस बांटे जाने के थोड़े समय पश्चात क्या हुआ एक दंगा| वैसे भी भारत में दंगों का इतिहास बहुत ही प्यारा रहा है| देश का संविधान बनने के बाद १९५० से लेकर १९९५ तक में ११९४ दंगे हुए हैं| इनमे से कुछ दंगों को हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने अपने बयानों से भड़काया है और लाखों लोग मारे इनकी अंधी अति महत्वाकांक्षा के चलते| और क्या हुआ इन्ही प्रधानमंत्रियों को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया| खुद उस प्रदेश में जहाँ से आज खुद को सेक्युलर कहने वाले कुछ क्या बड़ी तादाद में लोग खुलेआम अपने आदर ही अन्दर जल रहे हैं और जब मौका मिलता है तो इस बात को प्रगट भी कर देते हैं क्यूंकि उनकी रोटियां नहीं सिक रही हैं उस महान प्रदेश में जहाँ का मुख्य मंत्री एक निचे वर्ण का पर कर्म से महान हिन्दू है| वो प्रदेश है गुजरात| इसी गुजरात में १९५० से लेकर १९९५ तक में २९५ दंगे हुए उसके बारे में कोई नहीं बोलता पर २००२ के दंगे को लेकर आज के महान हिन्दू सम्राट और एक सच्चे राष्ट्रभक्त मोदी को मौत के सौदागर की उपाधि से नवाजा गया| कौन जिम्मेदार था इन २९५ दंगो के लिए और उसमे मारे गए निरीह इंसानों के लिए? तथा उन्ही स्वघोषित झूठे सेक्युलरों से मेरा एक सवाल २००२ के बाद से कितने दंगे हुए गुजरात में? मीडिया ने भी इस दंगे पर खूब पैसे बटोरे और कमोबेश आज भी बटोर रही है पर २००४ से २००८ के बिच महाराष्ट्र में हुए कुल छोटे बड़े दंगे मिला कर हुए ६८१ दंगो का क्या, उत्तर प्रदेश में इसी दौर में हुए ६१३ दंगों का क्या? क्या इन दंगों में लोगो की मौत नहीं हुई? मीडिया यहाँ क्यों चुप है?

अरे महामुर्खो इस मौत के सौदागर कहे जाने वाले मोदी जी ने ही किसी भी जाँच के आदेश खुद दिए थे और सुप्रीम कोर्ट तक ने 2002 के दंगे की जाँच करवाया| पर अगर अभी के उत्तर प्रदेश के हाल के चल रहे दंगे में महान सेक्युलर और हमेसा जालीदार टोपी पहने रहने वाले मुलायम सिंह यादव और उनके सुपुत्र तथा उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री अखिलेश यादव, और उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आज़म खान ने क्यों न्यायिक जाँच के लिए मना कर दिया? क्यूँ नहीं मीडिया कोसीकलां का एक भी न्यूज़ दिखा रही है? जबकि २१ दिनों से कोसीकलां में सभी दुकाने और बाजार बंद थे| पर ये दुकाने और बाजार हिन्दुओं के थे| क्या हिन्दुओं के नुकसान का कोई मोल नहीं है इन सेक्युलरों के आँखों में? या ये एक ऐसी गन्दी राजनीती खेल रहे हैं जिसका दूरगामी परिणाम एक ही है "गृह युद्ध"|

अब ये भारत की जनता अपना अघोषित राष्ट्रपति तो नहीं चुन सकी पर प्रधानमंत्री तो चुन सकती है| मित्रों अपना प्रधानमंत्री जो राष्ट्रप्रेमी और जिसने खुद को साबित किया हो उसे आप सभी अपना प्रधानमंत्री चुन इन नकली सेक्युलरों के गाल पर जोरदार तमाचा मारिये और इन्हें बता दीजिये की भारत की जनता ना तो अंधी है और ना बहरी है पर जब बोलती है तो अच्छे अच्छों की बोलती बंद कर देती है|

मित्रों मैंने अपना प्रधानमंत्री चुन लिया है| वो हैं विकास पुरुष और सच्चे सेक्युलर माननीय "श्री नरेन्द्र मोदी जी"| अब आपकी बारी है!!!


जय श्री राम
वन्देमातरम




मुगलों ने कराया धर्मपरिवर्तन और नेता उसे आगे बढ़ा रहे हैं



क्या किया तुर्को, मुगलो और बर्बर आकमणकरियो ने, गाँव के गाँव जलाये, माँ बहिनों की इज्जत लुटी, हिंदू लडको का गुप्ताग काटकर उनको हीजड़ा बनाकर अपने हरम का चौकीदार बनाया, ताकि वो अपनी ही वहिनो और माताओं की चीखें सुन सके| बर्बरतापूर्ण बलात्कार और उस समय उनकी दिल को चिर देने वाली करुड़ और कुछ समय बाद दम तोडती चीखों ने उन चौकीदार बने हिन्दुओं को अन्दर से डरा दिया| अपनी माँ, बहिनों की ऐसी हालत देख वो चौकीदार हिन्दू खौफ से दहल जाते थे| और जब उन हिजड़े बने हिन्दुओं की बहनों से फ़िलहाल मन भर गया तो उन हिजड़ों को बना दिया अपना जन्म-जन्मान्तर का गुलाम यानि बना दिया उन हिजड़े निरीह जानवरों को मुसलमान। छोटे बच्चे और क्या कर सकते थे, उस समय भी कुछ कायर हिंदू इन बर्बर लोगो के साथ थे| क्यूंकि इस देश मे जयचंदों की एक लम्बी परम्परा रही है| 


इन तुर्को, पठानों, मुगलों के पास लुट, खसोट, आगजनी, बलात्कार के अलावा कोई काम था ही नहीं, मुर्ख इतिहासकार कहते है कि इन बर्बर आतताइयों और बलात्कारियों ने विश्व प्रसिद्ध इमारते बनवाई अधिकांश तो इसमें से सफेद झूट है| अरे इन्होने तो हिन्दुओं की पहले से बनी इमारते तोडी है और अपनी चीजें बनायीं हैं अपने नाम से पर मूल रूप से तो वो हिन्दुओं की ही बनायीं हुईं हैं| जिन इमारतों को टूटने से बचना था उनका काफिरो के हाथों ही इन जयचंदों ने इस्लामीकरण कराया|


गरीब मजलूम लोगो को अपना गुलाम बनाने के लिए उनको मुर्ख बनाकर या जबरन उनके मुह में अपने लोटे से हिन्दुओं के मुह में पानी डाला गया या जबरन उन हिन्दुओं के मुंह में गौ मांस डाल उन हिन्दुओं को मुसलमान बनाया| उनको उसी गरीबी, जलालत और मुफलिसी मे अपने पैरों की जुती बनाकर ठीक उसी तरह रखा गया जैसा कि ईसाई अफ्रीकन देशो मे कर रहे है| 


कल हिंदू मजबूर था मुसलमान बनने को आज वही धर्मपरिवर्तित हिंदू आजाद हैं फिर से अपने पुराने और पुरखों के पवन धर्म मे लौटने को| परन्तु ये कायर लोग जो अपने ही भईयो को साम्प्रदायिक कहकर गाली देते है और आज भी मुसलमानों के उन खानदानो के गुलाम है जो हजारों मुसलमानों को गुमराह करके उनके नकली सरपरस्त बने फिरते है| ऐसे हिन्दुओ की हालत देख के हमारे हिदू भाई जो उस दौर मे डर कर मुसलमान बन गए थे लौटना चाहकर भी नहीं लौट पा रहे है| क्योंकि वो जानते है कलमा पढने से और खतना करा लेने भर से पुर्बज नहीं बदल जाते हैं| आदमी का D.N.A.Profile नहीं बदलता| राम और कृष्ण के वंश, ऋषी मुनियों का खून उनमे भी दौड़ रहा है| और ये खून एक दिन अपने पुराने खून को पुकारेगा ही पुकारेगा| 


मै उद्घोषना करता हूँ, की कोई भी हिंदूभाई जो पूर्वार्ध में गलती से या जबरन मुसलमान बन गया हो, जबरन गौ माता का मांस भी खा लिया हो, पर यदि वो सच्चे दिल से गँगा माँ का जल पी ले तो उसके सारे पाप नष्ट हो जायेगे तथा वो वापस हिंदू हो जायेगा| भगवान उसे स्बीकुत करेगे और उसे अपने शरण में ले लेंगे| 


पर पुनः बोल रहा हूँ ये कार्य पूरी तरह से सच्ची श्रद्धा और निष्ठां से करना होगा और इसमें भूल कर भी कोई छल-कपट नहीं होना चाहिए| 


पर जो वास्तब मे तुर्क, मंगोलों, चंगेजों के वंसज है उनकी संख्या भारत मे बहुत ही कम है| पर वो सारे भटके हुए हिन्दुओ जो जबरन या दबाव में या मुर्ख बना कर मुसलमान बना दिए गए को गद्दार सेक्युलर कहे जाने वाले हिन्दुओ के साथ मिलकर उन मजलूम हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करने वाले मुगलों के वंसज आज भी मानसिक और भावनात्मक तरीके से शोषण और बलात्कार कर रहे| हमे उन निरीह और पथ्भ्रस्त कल के हिन्दू और आज के मुसलमानों को इन गद्दारो से बचाना है| पर अगर वो भटके हुए जो हिन्दू से मुसलमान बने है सच्चे दिल से ये पुरानी और अपने पुरखों की व्यवस्था में आने को मानते हैं तो ही| 


असली सेक्युलर हिंदू समाज है, यदि आप सेक्यूलर है तो हिन्दुओ के साथ आओ, इन कमीनों को बेनकाब करो जो भारत माता का अन्न-जल खाकर मादरे वतन से गद्दारी कर रहे है| इनको ना तो इस्लाम से मतलब है और ना ही शरीयत से इन्हें तो आज भी इस देश को लूटना है| आज भी ये होटलों मे शराब पीकर गरीब मजलूम लोगो की बेटियों की इज्जत से खेलते है| गरीब का बोट लेके देश को बेचते है| इसके पहले कि ये हमारे देश को बेंच दें सारे देश प्रेमी कल के हिंदू, आज के हिंदू और आने वाले कल में पुनः घर लौटने वाले हिंदू ए़क होकर इन जगली सुअरों को मार भगाओ| 


अब देश की सत्ता पर ये भारत माता के गद्दार कभी काबिज ना हो सके| ये वे ही लोग है जिन्होंने भारत माँ को गुलाम बनाने मे तुर्क और मुगलों की मदद की, अंगेजो के तलबे चाटे, उनकी बीबियो के सेक्स दास बने| क्या क्या नहीं कहता इतिहास जो इन सुअरों ने किया पर मर्यादा को समझते हुए उन सभी बातों को खोल कर लिखा नहीं जा सकता| और हालात तो देखिये की आज भी ये गद्दार चाट रहे है एक विदेशी महिला के तलबे| उसके रहमोकरम पर जी रहे है ये कायर और अपने देश से अनवरत गद्दारी किये जा रहे हैं| उस अनपढ़ महिला के इशारों पर कठपुतली की तरह नाच रहे है| इन नचनियो को पहचान लो और कभी बोट मत देना| 


अभी कोसीकला मे जो दंगे हुए उनमे जो मुसलमान शामिल थे वो कौन थे, वो भी इन्ही लोगो के द्वारा बरगलाये, दिमाग मे जहर भरे हुए, गरीब अनपढ़ पर अन्धानुशरण करने वाले बिगडैल लोग थे| बुखारी क्यो नहीं आया लड़ने, आजम खान क्यों नहीं आया| क्यूंकि ये दोनों जो खुद को मुसलमानों के सबसे बड़े प्रणेता और सहायक बताते हैं ये केवल गरीबों की बोटियाँ नोचना जानते हैं तथा ये अरबपति मुसलमान गरीब मुसलमानों पर अपने तरीके से राज कर रहे है पर ये गरीब मुसलमान इनको पहचान नहीं पा रहा है क्यूंकि उसके आखों पर बचपन से एक पट्टी बांध दी जाती है ताकि वो कुछ और ना देख सके, कान में रुई घुसेड दी जाती है ताकि वो कुछ और ना सुन सके, उसके गले में जलता कोयला डाल दिया जाता है ताकि वो कुछ और ना बोल सके सिवाय इन अरबपति मुसलमानों की भाषा के| 


ऐसे मुसलमान गरीब के गरीब ही बने हुए है और इन्हें आसानी से बेबकूफ बनाकर मरवाया जा रहा है| हिंदू सेक्युलर है सच्चा इसलिए इस तरह सोचता है| हिंदू बुद्धीमान है इसलिए आपकी बेवकूफी से आपको आगाह कर रहा है| पर हिन्दू कहीं से भी कायर नहीं है| आपके अंदर भी हिंदू माताओं का दूध खून बन कर दौड़ रहा है| वापस आ जाओ अपने पुरखों के समाज और धर्म में| हिंदू समाज जैसा प्रेम, धर्म, पवित्रता आपको और कही नहीं मिलेगी| क्यों सुअरों के साथ पड़े हुए हो| हमारे यहाँ सैकडो जातियां और जनजातियाँ है जो मुगलों के आने के बाद बनीं (ज्ञात रहे मुगलों के आने से पहले तक केवल वर्ण व्यवस्था थी की जो जिस कार्य में सक्षम है वो उस कार्य को करेगा, पर मुगलों के आने के बाद जातिवाद फैला) सब प्रेम से रहती है| आप भी एक बड़ी जाती बना लो ''रामश्री''| नाम से भी छोडो इन म्लेंछो का साथ आओ राम की सेना मे और श्री राम आपको अपना आशीष देंगे सदा आगे बढ़ाते रहने का और कुशल बने रहने का|


अगर मेरी बातों में आपको संसय लग रहा है तो आप मौजूदा अरब और अन्य मुस्लिम देशों की हालत और हालात देख सकते हैं| चाहे आप अफगानिस्तान का उदहारण लें या इराक, इरान, सोमालिया, तालिबान को देखें या पाकिस्तान को सब कैसे त्रस्त हैं| कभी इनमे से भी अधिकतर देश हिन्दू राष्ट्र थे पर जैसे ही व्यभिचार, अत्याचार और अनाचार की आंधी चली तो कैसे ये देश पूरी तरह बिखर कर रह गए और अपनी असली और पुरखों की पहचान आज पूरी तरह मिट चूका है| क्या आप सभी भी इन्ही की तरह मिट जाना चाहते हैं? क्यूंकि कमोबेश भारत में भी कुछ गद्दार वैसे ही हालात पैदा कर देना चाहते हैं ताकि अपनी हुकूमत चला सकें और आपको गरीब और आशय महसूस करते रहें साथ ही सोचने समझाने की शक्ति को पूरी तरह ख़तम कर दें ये गद्दार तथा अपनी रोटियां सेंकते रहें| 


खुद सोचो की पूर्वार्ध में एक राष्ट्रवादी सम्माननीय सरदार बल्लभ भाई पटेल जी को हम पंडित जवाहर लाल नेहरु की अति-महत्वाकांक्षा के आगे खो चुके हैं और उसका दुष्परिणाम आज भी भुगत रहे हैं पिछले ६४ सालों से, पर क्या आप चाहते हैं की ऐसी दुर्घटना को पुनः दोहराया जाये और कुछ सोनिया गाँधी (पूरी कांग्रेस), नितीश कुमार इत्यादि जैसे नकली सेक्युलरों के चक्कर में आ कर विकास पुरुष और सेक्युलर को सही मायने में जीने वाले मोदी जी को हम खो दें और आगे भी ऐसे ही दंश झेलते रहे जैसे हम ६४ सालों से झेलते आये हैं और कल को मोदी जी को खोने के बाद अफ़सोस करें की काश मोदी जी प्रधान मंत्री बन गए होते तो ऐसा हो गया होता जैसा हम आज सरदार बल्लभ भाई पटेल जी के लिए सोचते हैं|


मैं पुनः कहता हूँ ये व्यवस्था केवल राष्ट्रवादी और सच्चे दिल और निष्ठां से अपने पुरखों के धर्म में वापस आने वालों के लिए है और सच्चे राष्ट्रवादियों के लिए है|


जय श्री राम
वन्देमातरम




21 Jun 2012

सेक्युलरों बाज आ जाओ अपनी हरकत से


हिन्दुओ को गाली देने वालो बाज आ जाओ हिंदू है तो इतना सुन भी रहे है, अगर इतने ही बड़े बहादुर हो तो श्रीनगर मे तिरंगा जलाने से रोक लेते, लाल चौक पर हर साल तिरंगा फहराते, नागालेंड मे गोमाता के कटे हुए सर और उनका बिकता हुआ गोमांस रोक लेते| 

क्या खा गया था तुम्हारा सेक्युलरिज्म जब निर्दोष सिखों को पुरे देश मे सड़कों पर काटा जा रहा था इंदिरा गांधी के बदले मे क्या सब के सब दोषी थे| सेक्युलरिज्म की बात करते हो और कट्टर पंथियों और अलगाववादियों के तलबे चटने बुखारी और गिलानी के पास जाते हो| भरत माँ को डायन कहने वाले और राम को गाली देने वालो को आदाब करते हो| 

अगर तुम्हारे जैसे गद्दार न होते तो इस देश का मुसलमान कभी का घर वापस आ गया होता| अगर हिंदू कश्मीर के मेवाती मुसलमानों को पुनः मूल धारा मे शामिल करने तैयार हो तो एक दिन मे सारा कश्मीर हिंदू बहुसंख्यक हो सकता है| गरीब अनपढ मुसलमान को कब तक धर्म के नाम पर, जिहाद के नाम पर गुमराह करके मरवाते रहोगे, कोई जन्नत बन्नत मे हूरे नहीं होती क्यों बेबकुफ़ बना रहे हो| 

अरे सेक्युलरो देश की धर्म संस्कृति, शिक्षा, चरित्र का कबाडा तो करा दिया, माँ बहिनों की इज्जत भी तुर्क पठानों से लुट्वाली, अपनी बहन बेटी भी मुगलों को दे दी, अपने डोले भी तुम्ही जैसो ने तुर्क पठानों के महलों मे पहुचाये थे उन्ही कायरो की औलाद जान पड़ते हो या किसी माँ बहन से बलात्कार मे तुम्हारे पुर्बज पैदा हुए होगे लाज शर्म के कारण उनको हिंदू पिता ने नाम दिया होगा, बरना हिंदू धर्म की महानता उदारता मे ही है सेक्यूलरिज्म और कही नहीं है, अगर इतने बड़े सेक्युलर हो तो अपनी भीं बेटियों को लब जिहाद से बचालो, बोट के खातर ईमान बेचने वालो, शराब बाँट कर चुनाब जीतने वालो, बिदेशी कम्पनीयों से कमीशन खाने वालो तुमको देख कर तो सूअर को भी लज्जा आ जाये, जिस ड़ाल पर बैठें हो उसी को काट रहे हो, पैसे कमाने के लालच मे जनता को सरकारी ठेकों से शराब बाँट रहे हो, जनता को दिमक से कमजोर करके बोट बटोरते हो तब इसको तुम्हारा सेक्युलर चरित्र कहा जाता है|


अनाम



19 Jun 2012

चित्रों में बयां होतीं कोसीकलां दंगे की कहानी

                  

कोसीकलां का हिन्दू अपनी बेबसी पर रो रहा है और देश का बाकि का हिन्दू सो रहा है



ये लेख केवल जिन्दा हिन्दुओं के लिए है मरे हुए हिन्दू इससे दूर ही रहे तो अच्छा है क्यूंकि उनके घडियाली आंसुओं की जल रहे हिन्दुओं को जरुरत नहीं है। हमें केवल जिन्दा हिन्दू चाहिए जो सर उठा कर एक दिन जिंदगी जीना चाहे और देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो उसके दिल में और जो चाहे की उसके जाने के बाद उसके बच्चे शान से सर उठा कर जियें।



पत्थरों से पटी गलियाँ और शायद शार्ट-सर्किट के वजह से उठता धुँवा




गाय जिसे दंगे के तेरहवें दिन मार कर मुसलमानों ने दंगे की तेरहवीं मनाई


हिन्दू घर के निचे दंगाइयों के द्वारा जलाई गई कारें और पीछे छतिग्रस्त घर


हिन्दुओं की दुकाने जिन्हें मुसलमानों ने जलाया और पुलिस ने शार्ट-सर्किट से लगी आग बताया 


गलियों में जलीं हिन्दुओं की कारें और मौत के सन्नाटे के बिच बंद पड़ीं दुकाने


जलाया गया गोदाम जिसे पुलिस ने शार्ट-सर्किट से जला बताया जबरदस्ती


उजड़ा हुआ घरौंदा जिसे देख वहाँ के हिन्दू रो रहे हैं और देश के बाकि के हिन्दू सो रहे हैं

क्या आपको किसी के चेहरे पर दंगे की कोई शिकन दिख रही है?


ऐसे मिला जा रहा है जैसे पीठ थपथपाई जा रही हो मुस्लिमों की बहुत अच्छा काम किया


धूं-धूं कर जलता हिन्दू मोहल्ले का ट्रांसफार्मर


ये है प्रशासन इनके चेहरे से आपको क्या लगता है?


उजड़ा घरौंदा पर बाकि हिन्दू आराम से सो सकते हैं क्यूंकि आपके ऊपर ये बात नहीं आई है 


मरी हुई वो गौमाता जिन्हें पुलिस ने बड़ी बेरहमी से दफना दिया और न्यूज़ को दबा दिया गया


घर के अन्दर का वो दृश्य जहाँ लूटपाट के साथ हिन्दू माँ-बहनों के इज्जत को तार-तार करने का प्रयास हुआ


हिन्दुओं को दिया जा रहा सीख सुधर जाओ नहीं गोली मार दी जाएगी


बंद पड़ा बाज़ार और बदहवास हिन्दू मानस पर अन्य हिन्दू आराम से सो सकते हैं


बेरहमी से जलाया घर जिसे पहले लूटा गया फिर जला दिया गया 


मौत का सन्नाटा


उठता धुंवां और नेस्तोनाबुत घर


ये दुकाने भी शार्ट-सर्किट से जलीं हैं तभी शटर तक टुटा पड़ा है


मौत का सन्नाटा और उसे तोडती पुलिस की बूटों की आवाजें


जनता की गुहार सुनते माननीय राजनाथ सिंह जी जिन्हें कोसीकलां में प्रशासन ने घुसने भी नहीं दिया


इस फोटो से किसी को विचलित होने की जरुरत नहीं है क्युकी आपके घर सुरक्षित हैं


ये मौत का सन्नाटा केवल जागृत हिन्दू ही सुन और महसूस कर सकता है


वो घर जिसे लूटने के बाद गोदाम के साथ फूंक दिया गया और वही शार्ट-सर्किट


गरीबों का जला हुआ आशियाना पर आप तो सम्भ्रांत और पढ़े लिखे हैं आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा इससे 


हिन्दू राहगीरों से भरी और हिन्दुओं की बसे और कारें शायद ऐसी ही होती हैं ये गाड़ियाँ 


शार्ट-सर्किट ने पूरा घर ही तोड़ दिया ऐसा शार्ट-सर्किट केवल मुस्लिम परस्ती में ही सम्भव है




जय माँ  भारती 

वन्देमातरम 




कोसीकलां (मथुरा) दंगे की ताजा जानकारी


"देखिये इन मुल्ले आतंकवादियों का सच"

१७ जून की रात को एक निरीह और बहुत ही गरीब हिन्दू रिक्शा चालक को मार पिट मुसलमानों ने उसके १६०० रुपये छीन लिए और पुलिस ने एफ़०आइ०आर० तो छोडिये एक प्रथिमिकी भी नहीं दर्ज किया|

कल यानि १८ जून को दो हिन्दू भाईयों को, जिसमे से एक भाई सारे हिन्दू भाईयों को एक करने का प्रयास कर रहे थे और उनका हिंदुओं में ये एकता लाने का प्रयास मुसलमानों के आँखों की किरकिरी बना हुआ था, को बिच सड़क पर जो की बाईपास है और अक्सर सुनसान रहता है, मुसलमानों ने पहले तो ट्रक से उनके मोटरसाइकिल को टक्कर मारी| पर इस टक्कर से ही इन मुसलमानों का दिल नहीं भरा तो इन मुसलमानों ने उन्हें ट्रक से कुचलने का प्रयास किया पर उन दो हिन्दू भाईयों के साहस ने उन्हें ट्रक के निचे आने से रोक दिया| पर मुसलमानों ने उन्हें पत्थरों से इतना मारा की पहले भाई, जो हिन्दुओं को एक करने का प्रयास कर रहे थे, उनके शारीर की पूरी चमड़ी उधड गई और उनके चेहरे से लेकर पुरे शारीर पट्टियाँ बँधी हैं| पर इतनी पट्टियों के बावजूद उनका कहना है की अगर उन मुसलमानों को उनके सामने लाया जाता है तो वो उन्हें पहचान लेंगे पर प्रशासन चुप बैठी है और इस घटना में कोई धर पकड़ अभी तक नहीं हुई है| साथ ही जो दुसरे हिन्दू भाई थे उनकी रीढ़ की हड्डी टूट चुकी और मर्नास्सन अवस्था में उनको नगर के हॉस्पिटल में भेजा गया जहाँ वो जिंदगी और मौत के बिच वैसे ही झेल रहे हैं जैसे हमारी एक बहन राजबाला जी रामलीला मैदान में लाठी खाने के बाद और रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद झेल रही थीं| पर प्रशासन यहाँ भी खामोश बना हुआ है और मीडिया को इससे दूर रखा गया है या मीडिया खुद दुरी बनाये हुए है कहना मुश्किल है|

१८ जून की ही रात को कुछ मुसलमानों ने मिल कर एक हिन्दू भाई की इलेक्ट्रोनिक की दुकान जिसका दो शटर है के एक शटर से आग लगा दी| आग पर तो समय रहते काबू पा लिया गया पर नुकसान बड़ा हुआ क्यूंकि सारा सामान जल चूका है| पर इस घटना को भी पहले की आगजनी की घटनाओं के सामान पुलिस ने रासुका लगा जेल में डाल देने की अपनी पुरानी धमकी दे व्यापारी से लिखवा लिया की ये आग बिजली के शार्ट-सर्किट से लगी है पर सच्चाई जानते हुए भी आग लगाने वालों पर कोई कार्यवाही करने का मद्दा नहीं दिखा पा रही है पुलिस| ये है असली प्रशासन एक दंगा प्रभावित क्षेत्र का जो भगवन कृष्ण की स्थली है|

साथ ही एक बड़े घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश सिंह यादव दंगा प्रभावित क्षेत्र कोसीकलां से मात्र १० किलोमीटर की दुरी पर आये किसी सभा को संबोधित करने के नाम पर, पर इन मुख्य मंत्री महाशय के पास दंगा प्रभावित क्षेत्र कोसीकलां आने का समय नहीं था और ना ही इन्होने समय निकालने की जरुरत समझी और उस सभा को संबोधित कर अपने कार्य की इतिश्री मान ये प्रदेश के मुखिया और मुसलमानों के सहायक वापस चल दिए और अपने मुख्यमंत्री पद की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगा गए|

मामला यहीं नहीं थमा बल्कि इसमें और चार-चाँद लगाया उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और मुसलमानों के प्रणेता और रामपुर (उत्तर प्रदेश) के दंगे में हमारी भारत माता को डायन कहने वाले आज़म खान ने| इन महान मुस्लिम क्रन्तिकारी या कहें तो सफ़ेद पोश मुस्लिम आतंकवादी और राष्ट्रद्रोही आज़म खान को राजनैतिक जाँच पर ज्यादा भरोषा भारतीय न्यायिक जाँच पर नहीं| इन्होने कहा की ये इस दंगे की न्यायिक जाँच नहीं कराएँगे क्यूंकि एक तो न्यायिक जाँच सही निष्कर्ष नहीं बताते और इनका झुकाव एक तरफ होता और दूसरा न्यायिक जाँच में समय ज्यादा लगता है| अतः आज़म खान इस मामले की राजनैतिक जाँच कराना चाहते हैं क्यूंकि ये जाँच थोड़े समय में पूरी हो जाएगी और त्रुतिविहीन और सही जाँच होती है| अब ये सोचने वाली बात है की जो इन्सान एक बार भारत माता जिसके गोद में ये आज़म खान अपनी सफेदपोश रोटियां सेंक रहा है और इसके खुद पर चल रहे मामलों के बारे में कहता है की न्यायलय के फैसले का इन्तेजार करिए वहीँ ये आम जनता के ऊपर बीते इस भयावह दंश को दरनिकार कर न्यायिक जाँच से दूर रखना चाह रहा है| क्या ये दोगला चरित्र नहीं है एक सफेदपोश राष्ट्रद्रोही का?

मतलब साफ़ है ऐसे सफेदपोश राष्ट्रद्रोह हमारे न्यायलय से ऊपर हैं और जनता इनके लिए कीड़े के समान है मरती है तो मरे पर इनकी दुकान चलती रहे क्यूंकि हिन्दू अँधा, बहरा और गूंगा है साथ ही नामर्द भी|

अब हिन्दू खुद समझें की जो प्रशासन खुले तौर पर और कुछ मामलों में परोक्ष रूप में दंगाइयों का साथ दे रहा है वो राजनैतिक जाँच में क्या ले कर आएगा?

क्या आप भी चाहते हैं की इस घृणित और वीभत्स घटना की राजनैतिक जाँच करा इतिश्री कर लिया जाये?

महानुभावों मेरे हिन्दू भाईयों जब इस घटना को पूरी तरह से और बड़े जतन से मीडिया तक से दूर रखा गया ताकि भारतवाशीयों को इस घटना की जानकारी ना मिले कुछ भी वहां राजनैतिक जाँच कौन सा सत्य उजागर करेगी ये आप खुद निर्णय लें|

अभी भी समय है मेरे हिन्दू भाईयों जागो नहीं तो कल यही घटना आपके किसी बेहद करीबी या आपके परिवार के साथ भी घट सकती है और तब आपका साथ देने वाला कोई नहीं बचेगा|

अब फैसला आप सभी हिन्दू भाईयों के हाथ में है की आप क्या चाहते हैं..."मुर्दा बन कर जीना या शान से सर उठा कर एक दिन के लिए भी जीना और अपने बच्चों को एक अच्छा परिवेश देना जहाँ वो शांति से रह सकें और आपके ऊपर गर्व कर सकें ऐसा नहीं की हमारे बच्चे हमारे जाने के बाद हमें ही गाली दें की हम तो शिखंडी थे और कुछ किया ही नहीं और ऐसे ही भारत माता की छाती बोझ बने मर-खप गए"

जय माँ भारती
वन्देमातरम