ना आँखों में शर्म
ना दिल में हया है
हैं बड़े बेपरवाह वो
करते अपनी मनमानी
बाकि सब है बेमानी
इज्जत है इनका पैसा
अबरू इन्होने गवाई है
काम है इनका लूटना
पर दिखाते ईमानदारी हैं
लूट का कोई मौका छूटे ना
लूट की ये डोर कभी टूटे ना
स्विस बैंक का खाता छूटे ना
लूट का हिस्सा लगे बराबर
ढिंढोरा पीटो ईमानदारी का
पूछने वाला है नहीं
जांचने वाला जमाई है
कौन उखाड़ सकता है कुछ
रोम-रोम में बसी बेहयाई है
ना आँखों में शर्म
ना दिल में हया है
Sarkar ye anchahi hai, Desh main tanashahi hai
ReplyDeleteक्या तुकबंदी अपने बनायीं है
Deleteकांग्रेस के ताबूत आखिर किल ठुकवाई है
सुन्दर अवाम सत्य पंक्तिया
ReplyDeleteधन्यवाद ज्ञान जी
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