17 Dec 2013

Justice Ganguli - Rapist or Soniya Gandhi's new Victim


जस्टिस गांगुली.....रेपिस्ट या फिर सोनिया द्वारा प्रताड़ित



जस्टिस गांगुली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा। आरोप लगाने वाली लड़की क्रिश्चियन है (लड़की के धर्म का जिक्र करना यहाँ जरूरी है, इसलिए जिक्र किया, कृपया अन्यथा ले कोई)। लड़की जस्टिस गांगुली पर यौन उत्पीड़न का कोई एफ़आईआर नहीं करना चाहती है। जस्टिस गांगुली का सिर्फ मीडिया ट्रायल चल रहा है।

आपको याद होगा की जस्टिस गांगुली पर जब यौन उत्पीड़न का आरोप लगा तब सुप्रीम कोर्ट ने जांच किया और आगे कुछ भी कार्य करने से मना करते हुए अपना जांच रिपोर्ट आगे बढ़ा दिया। उसके पहले और बाद से मीडिया जस्टिस गांगुली पर इतनी हमलावर हुई की उनको पद से हटाने तक का फैसला सुनाते हुए जस्टिस गांगुली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

लेकिन हालिया घटनाक्रम और माननीय सुब्रमनियम स्वामी जी द्वारा इस यौन उत्पीड़न घटना पर टिप्पणी कई बंद लिफाफे खोल कर सोचने पर मजबूर करता है।

सुब्रमनियम स्वामी जी ने बताया की जस्टिस गांगुली 2G घोटाले मे मुख्य जांचकर्ता हैं जिन्होने सोनिया गांधी की नींद उड़ा दी है। ऐसे मे जस्टिस गांगुली के ऊपर यौन उत्पीड़न का मात्र आरोप लगाना, वो भी एक क्रिश्चियन लड़की के द्वारा, लड़की का जस्टिस गांगुली के ऊपर यौन उत्पीड़न का एफ़आईआर करने से इन्कार करना, मीडिया समेत सभी कोंग्रेसी नेताओं का जस्टिस गांगुली पर मुखर विरोध और विरोध के एवज मे इस्तीफ़े की मांग, महिला आयोग द्वारा जस्टिस गांगुली के इस्तीफे की मांग लेकिन तेजपाल के मामले मे शांत बने रहना, कहीं ना कहीं दाल मे काला होने का या कहें तो पूरी दाल के ही काले होने का अंदेशा है।

अगर लड़की के द्वारा जस्टिस गांगुली पर लगाए आरोप को भी देखें तो वो भी हास्यप्रद होने के साथ-साथ संदेहास्पद  ज्यादा लगते हैं। लड़की ने पहले कहा की जस्टिस गांगुली ने लड़की को एक ही रूम शेयर करने को कहा, फिर लड़की ने कहा की जस्टिस गांगुली ने लड़की का हाथ चूमा और कहा की वो उससे प्यार करते हैं।

इन सभी घटनाक्रमों को देखें तो साफ-साफ दिखता है की सोनिया गांधी 2G घोटाले के जांच की आंच से बचने के लिए और जस्टिस गांगुली को ना खरीद पाने की स्थिति मे उन पर अपनी किसी यौन असंतृप्त, कभी यौन व्यापार की मंडी बनी वेटिकन की चमची द्वारा झूठा आरोप लगा कर जस्टिस गांगुली को महज बदनाम करने और 2G घोटाले की जांच से हटाने की साजिश रची है।

11 Dec 2013

Sheila Dikshit betrayed by Congress for LokSabha


मोदी के डर मे शीला दीक्षित का बलिदान किया कॉंग्रेस ने

अखबार मे पढ़ा की आम आदमी पार्टी केजरीवाल को मोदी जी के खिलाफ लोक सभा मे खड़ा करने के बारे मे सोच रही है।

इस खबर को पढ़ का दिमागी कीड़ा कुछ ज्यादा ही कुलबुलाने लगा....इसके कई कारण थे

१. केजरीवाल द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक सर्वे को मार्केट मे लाना की आम आदमी पार्टी के ४९% कार्यकर्ता मोदी को प्रधानमंत्री के रूप मे देखते हैं

२. केजरीवाल हालिया ५ राज्यों के चुनाव मे सिर्फ दिल्ली मे ही लड़े बाकी जगह पर नहीं क्यूंकी बाकी जगहों पर भाजपा इतनी तगड़ी थी की केजरीवाल का उस आँधी मे क्या हाल होता ये उनको पहले से पता था


लेकिन सबसे अहम कारण है.......केजरीवाल का शीला दीक्षित के खिलाफ रिकर्ड २५ हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल करना। केजरीवाल उस शीला दीक्षित के खिलाफ जीत हासिल किए जिस शीला ने १५ साल राज किया। लेकिन एक बात यहाँ गौर करने वाली है की शीला दीक्षित ने खुद अपनी विधानसभा मे खुद के वोट के लिए प्रचार नहीं किया। और शांति से बैठी रही ना कोई रैली, ना कोई पदयात्रा कुछ नहीं सिवाय घर पर बैठने के।

ऐसे मे केजरीवाल ने चुनाव मे शीला दीक्षित को रिकार्ड २५ हजार से ज्यादा मतों से हराया। लेकिन इस हार का चीर-फाड़ करने पर पता लग रहा है की कॉंग्रेस ने दिल्ली विधानसभा और शीला दीक्षित का बलिदान दिया ताकि केजरीवाल का कद बड़ा किया जा सके। केजरीवाल का कद इतना बड़ा किया जाये ताकि उसको मोदी जी के खिलाफ उतारा जा सके। क्यूंकी मोदी जी के खिलाफ उतारने के लिए कॉंग्रेस के पास कोई भी नेता नहीं है। ऐसे मे किसी ऐसे का कद बड़ा करना था जो थोड़ा सामाजिक हो और जनता मे जाना-पहचाना चेहरा हो। तो केजरीवाल के रूप मे कॉंग्रेस को एक मोहरा मिल गया।

कॉंग्रेस ने जैसे आईपीएस संजीव भट्ट की बीबी को गुजरात मे खड़ा किया लेकिन उसके पहले संजीव भट्ट का कद बड़ा किया, उसको मीडिया के द्वारा ईमानदारी का सर्टिफिकेट दिलवाया और भट्ट को केजरीवाल के नजदीक किया। 

वाह रे कॉंग्रेस हमेसा अपनों का बलिदान देने मे आगे रहती है वोट के लिए। सीता राम केसरी के बाद अब शीला दीक्षित का नाम कॉंग्रेस द्वारा बलिदान देने मे स्वर्णिम अक्षरों मे लिखा जाएगा।


8 Dec 2013

Delhi Election : A Learning Stage


दिल्ली चुनाव : एक सबक सभी के लिए


दिल्ली विधानसभा 2013 के हुए मतदान की मतगणना भी पूर्ण हो गई साथ ही रिजल्ट भी आ गए। इस चुनाव मे उम्मीद के मुताबिक बड़ी पार्टी के रूप मे कमल के खिलने को मैं भाजपा, नितिन गडकरी, नरेंद्र मोदी जी एवं सबसे अहम भाजपा के मुख्य मंत्री के ईमानदार उम्मीदवार डॉ हर्षवर्धन जी को बधाई देता हूँ। साथ ही 4-0 से जीत के लिए बधाई देता हूँ भाजपा के चारों प्रदेशों के समस्त कार्यकर्ताओं को। इस चुनाव मे अप्रत्याशित रूप से दूसरे स्थान पर आने वाली पार्टी जिसका अभी तक पंजीकरण भी नहीं हुआ "आम आदमी पार्टी" को भी बधाई देता हूँ। 

सबसे अहम है की दिल्ली का ये चुनाव हमे कई सीख दे कर गया। कहीं रुदालियों का दौर जारी है तो कहीं जीत के पटाखों के साथ नारों का शोर जारी है।

भाजपा के नेताओं को जमीनी स्तर पर और जुड़ाव चाहिए और अपने सैनिकों को चुनावी हथियारों से पूर्ण रूप से लैस करने की जरूरत के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं की बातों को ज्यादा ध्यान से सुनने की जरूरत है साथ ही कार्यकर्तों के सुझाओं का विश्लेषण कर उनपर अमल करने की जरूरत है। भाजपा को एक और जरूरत है अपने प्रतिद्वंदी को कभी भी कमजोर समझने की भूल ना करे।

साथ ही जिस प्रकार से दिल्ली की करीब 25% जनता ने केजरीवाल मे विश्वास दिखाया है ऐसे मे केजरीवाल को दिल्ली की जनता के विश्वास पर खरे उतरते हुए दिल्ली की जनता को पुनः चुनाव मे ना झोंकते हुए दिल्ली को एक ईमानदार मुख्य मंत्री देना चाहिए। ध्यान रहे की दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी के किसी उम्मीदवार को नहीं बल्कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को वोट दिया है। ऐसे मे दिल्ली की जनता चाहेगी की जिस प्रकार से केजरीवाल ने राम लीला मैदान से जनलोकपाल पास करने को कहा या फिर दिल्ली की जनता को आधी कीमत पर बिजली देने का वादा किया साथ ही दिल्लीवासियों को मुफ्त मे पानी देने को कहा वो सभी चुनावी वादे इसी सत्र मे पूरा करने का माद्दा दिखाना चाहिए।

साथ ही दिल्ली की जनता हर्ष पूर्वक केजरीवाल की तरफ देखते हुए सोच रही है की भले ही केजरीवाल अपने नौकरी के कार्यकाल के दौरान इन्कमटैक्स डिपार्टमेन्ट मे घूस तो नहीं रोक सके थे लेकिन पूरी दिल्ली को घूसमुक्त क्षेत्र घोषित करके दिल्ली के बसींदो को घूस के बोझ से सम्पूर्ण मुक्ति दिलाएँगे। 

वैसे ये चुनाव पुरानी कहावत को भी चरितार्थ करता गया। जिस प्रकार कॉंग्रेस ने अपने ऊपर हो रहे चौतरफा हमलों और कई रिपोर्टों मे आ रही उसकी करारी हार को परख, आम आदमी पार्टी को हर तरह से सुविधा दे, अपनी कुर्सी बचाने के लिए मैदान मे उतारा उसने भाजपा को तो बहुमत लेने से रोक दिया लेकिन कॉंग्रेस का दिल्ली मे सफाया कर कॉंग्रेस को उसी के खोदे हुए गड्ढे मे गिरा दिया।

परंतु सभी बातें एक तरफ हैं और केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनते हुए मैं देखना चाहता हूँ। दिल्ली का रहवासी होने के नाते मैं चाहता हूँ केजरीवाल दिल्ली को "हंग असेंबली" ना दे कर अपनी सरकार बनाएँ और अपने चुनावी वादे पूरे करें।


9 Oct 2013

Raahi

राही मैं तो अकेला ही चला,
राह मे साथी बनाता चला,
कुछ साथी पूरे राह चले,
कुछ बीच राह छोड़ चले,
कौन देगा दगा पता न चला,
दगा देना मैंने नहीं था सीखा,
इसलिए दगा खाता चला,
कुछ थीं जरूर कमियाँ मुझमे,
गिरा कई बार पर संभल न सका,
दुश्मन को दोस्त और,
दोस्त को दुश्मन बनाता चला।
राही मैं फिर अकेला ही चला,
होके तेरे दर से निराश चला,
पतझड़ मे तलाशने उम्मीद चला,
रेगिस्तान मे समंदर की खोज पर चला,
इक आस की डोर बांध कर चला,
अर्थी अपनी सजा कर चला,
सारे गम अपने भुला कर चला,
बची खुशियाँ समेट कर चल,
इक उम्मीद की डोर ले कर चला,
मैं 'विनीत' खुद का वजूद ढूँढने चला.........

20 Sept 2013

Baba Ramdev stoped on Heathrow Airport


बाबा रामदेव जी को लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन मे पिछले 6 घण्टे से रोका गया है।


पहले इमिग्रेशन वालों ने रोका फिर कस्टम वालों ने।

इमिग्रेशन के उस एरिया मे इस प्रकार से तभी रोका जा सकता है जब भारत की सरकार लंदन की सरकार को कहे की जो भी ये यात्री जा रहा है ये कोई अपराधी है।

ब्रिटेन के "चैनल फोर" ने खबर ब्रेक किया की बाबा रामदेव को भारत सरकार के एक गुप्त खबर के आधार पर हिरासत मे लिया गया था। भारत सरकार ने ब्रिटिश अथोंरिटीज को सूचना दिया था की बाबा रामदेव के पास कुछ आपत्तीजनक सामाग्री है।

ऐसे मे बाबा रामदेव कोई अपराधी नहीं हैं लेकिन जिस प्रकार कॉंग्रेस हिन्दू साधू-संतों को एवं कॉंग्रेस के खिलाफ खड़े होने वाले सभी लोगों को गलत तरीके से फंसा रही है वो देख कर यही कहा जा सकता है ये सरकार अब सिर्फ जूतों की भाषा सुनना चाहती है।



Arvind Kejriwal the Traitor - Part 8


केजरीवाल का एक और घोटाला

मेरे मित्र अवधेश पाण्डेय जी से मिली ये जानकारी। चूंकि मेरा प्रोफेशन भी प्रोमोशन (ऐडवरटाइजिंग) है एवं इस कार्य मे पिछले 7 सालों से होने के चलते इसकी कई बारीकियाँ मुझे पता हैं।

जैसा की आप मेल मे सीधा-सीधा देख सकते हैं कि 2 लाख से 100 लाख तक महिना कमाने वाले 4.20 लाख लोगों को ये मेल भेजा जा रहा है। अब इतना कमाने वालों का सर्टिफाइड डाटा तो सिर्फ एक ही जगह से मिल सकता है और वो है इन्कमटैक्स डिपार्टमेन्ट। अब आम आदमी पार्टी के तरफ से इन्कम टैक्स डिपार्टमेन्ट से ये डाटा कौन ला सकता है सभी समझ सकते हैं इस छोटी से बात को।

साथ ही यहाँ दूसरी बात ध्यान ये देने वाली है की केजरीवाल कह तो दिल्ली की रहे हैं केवल लेकिन ये मेल पूरे भारत मे भेज रहे हैं अतः जो डाटा संख्या यहाँ बताई गई है वो असल मे इस संख्या से कई गुनी ज्यादा हो सकती है।

ये डाटा सिर्फ और सिर्फ अरविंद केजरीवाल के कहने पर एवं उनके अपने पुराने भ्रष्ट दोस्तों से गुजारिश करने पर ही मिला होगा केजरीवाल को। मतलब केजरीवाल का एक और भ्रष्ट कनेक्सन।

लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है की भारत का कौन सा नागरिक कितना टैक्स भरता है ये गुप्त रखा जाता है, एवं उस लिस्ट को सार्वजनिक करना या किसी भी माध्यम से अपने फायदे के लिए उपयोग मे लाना गैरकानूनी है। पर चूंकि केजरीवाल भारतीय कानून ना सिर्फ ऊपर हैं बल्कि इनको भारतीय कानून पर तनिक भी भरोषा नहीं है अतः इन्होने ये गैरकानूनी कार्य बड़े ही सरल अंदाज मे कर लिया।

अब इस मेल की दूसरी बानगी देखिये, पानी पी-पी कर मोदी जी को भ्रष्ट कहने वाले केजरीवाल अपने इस मेल मे मोदी जी को भ्रष्टाचार मुक्त एवं एक अच्छी सरकार देने वाला बता रहे हैं। अब ये केजरीवाल का दोगलापन (गाली नहीं सिर्फ संज्ञा) नहीं है तो क्या है।

वैसे ज्ञात रहे की केजरीवाल के लगातार मोदी जी के अंध विरोध एवं अनाप-सनप बकने के चलते आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ता समूहिक इस्तीफा दे चुके हैं केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से।


17 Sept 2013

Mujaffarnagar riot and vote bank politics


उत्तराखंड त्राशदी के समय भी बीजेपी के नेताओं को तब तक नहीं जाने दिया गया जब तक की पप्पू नहीं पहुँच गया वहाँ अपनी नौटंकी दिखाने, कश्मीर दंगे के समय भी ऐसा ही देखने को मिला की बीजेपी के नेताओं को नहीं जाने दिया गया वहाँ जब तक की कोंग्रेसी नहीं पहुँच गए।

अब प्रदेश मे कॉंग्रेस से घोर दुश्मनी दिखाने वाले लेकिन केंद्र मे कोंग्रेसी टुकड़े पर पलने वाले मुल्ला-यम ने दिखाया अपना दोहरा चरित्र।

मुजफ्फर जाने वाले हर बीजेपी नेता को गिरफ्तार किया लेकिन मन्नू, पप्पू और उसकी इटालियन अम्मी को जाने की ना सिर्फ इजाजत दी बल्कि कई सारी और सहूलियतें भी।

अब यही मुल्लायम प्रदेश के बीजेपी नेताओं को वहाँ आने नहीं दे रहा है लेकिन जिसका उत्तर प्रदेश तक से कोई नाता नहीं है और खुद एक आतंकवादी है पर कॉंग्रेस के चलते बचा हुआ है बकरुद्दीन मवेशी को आने के लिए पलक-पावड़े बिछाये बैठी है ये सपा सरकार।

लेकिन इन सबके बीच एक ही बात कॉमन है की सभी के सभी ये तथाकथित धर्मनिरपेक्षी अवैध असलहा रखने वाले एवं दंगे भड़काने वाले शांतिप्रिय कौम के दहलीज पर ही अपना मत्था टेक वोट की भीख मांग वापस चले आ रहे हैं। करें भी क्यूँ ना ये दोहरे चरित्र वाले....आखिर इनको असलियत पता है की मुस्लिम कहीं भी वोट देगा एक मुश्त वोट देगा। लेकिन हिन्दू तो बिखरे हुए हैं। उनके भाई-बहन मार दिये जाएँ, बहनों की इज्जत उनकी आँखों के सामने लूट ली जाए तब भी दोगले बन उन्ही को वोट देंगे जिंहोने ऐसा जघन्य कार्य किया। ये हिन्दू उन्ही को वोट देंगे जो घूम-फिर का कॉंग्रेस के पाले मे गिरे।

जाट खुद को बहुत आगे मानते हैं और मुस्लिम विरोधी कहते हैं लेकिन वोट किसको देंगे रालोद को जो की अजित सिंह की पार्टी है और अजित सिंह खुद कॉंग्रेस के फेंके बोटी पर पलने वाला नरपिशाच है। वैसे भी इस दंगे मे मुजफ्फर नगर खुद अजित सिंह नहीं गया लेकिन अपने लड़के को भेजा। अब जाटों ने भी देखा ही होगा की अजित सिंह का लड़का जाटों के द्वार पर थूकने भी नहीं गया और केवल अपने वोट बैंक अवैध असलाहाधारी मुस्लिमों से मिल कर लौट आया।

साथ ही जब ये सभी अपनी वोट बैंक की राजनीति कर लौट आए मुस्लिमों के चौखट पर मत्था टेक कर, तब सेक्स सीडी के महानजनक अभिसेक्स मनु भिंगवी को अपने यहाँ बुला कर बुरखा धत्त अब ये प्रचार करने मे लग गई है की नेताओं को दंगाग्रस्त स्थलों से दूर रहना चाहिए ताकि जब बीजेपी के नेता या कोई हिन्दूवादी वहाँ जाए तो उसको सांप्रदायिक या दंगा भड़काऊ कह कर उसका दुष्प्रचार चालू कर सके ये कॉंग्रेस के टुकड़ों पर पलने वाली गंदी महिला जो पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे को दलाली का अड्डा बना रखी है। ऐसी ये अकेली नहीं है बल्कि आज हालत ये है की इस पत्रकारिता के पेशे मे एक दलाल ढूंढो तो हजार मिलते हैं। पूरा पत्रकार जगत ही जैसे दलालों का अड्डा नजर आने लगा है। किसी विशेष पार्टी या उक्त विशेष पार्टी को लाभ पहुँचने हेतु विशेष कौम को अच्छा एवं दूसरे कौम को हर छोटी बात मे भी गंदे तरीके से घसीटना ये इस पत्रकार जगत का पेशा हो गया है।

अब समय आ गया है की हिन्दू चाहे वो किसी भी जाति का हो, अपने वोट की अहमियत को समझे और ये देखने की कोशिस करे की उसका वोट अंत मे किस पार्टी के काम मे आ रहा है। वो अमुक पार्टी उस हिन्दू या देश के किसी भी हिन्दू के साथ कितनी खड़ी है। हिंदुओं के हित की कितनी रक्षा करती है एवं मानमर्दन करती है हिंदुओं के हितों का। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब भारत भी पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान की श्रेणी मे आ कर अपने अतीत को कोस रहा होगा एवं हमारी आने वाली पुश्तें हमें फूल माला नहीं चढ़ा रही होंगी बल्कि  गालियों से नवाज रही होंगी।


9 Sept 2013

Mullayam Red Cap: Colored in Hindu Blood



कुर्ता इनका है हरा, चादर भी इनकी है हरी-हरी,
हरा है रंग बिछावन का, दीवाल भी इनकी है हरी,
लेकिन बंधु तुम ये जान लो, बात मेरी खरी-खरी,
नेता जी उठा चुके हैं, अपनी धोती और चादर हरी।

सोचते सब नेता जी को, शोभे रंग हरा शूरमेदानी है,
सोचे जो ऐसा, क्या कहें उसको, ये उसकी नादानी है,
नेता जी तो जीते हैं, बस खातिर अपने ही लाल के,
चहुओर पाले हैं गुंडे, जो मचाते खातिर इनके बवाल हैं।

बादामी है रंग इनके खद्दर का, टोपी पहनते हैं ये लाल,
टोपी लाल रंगने खातिर, मत पुछो किए कितने बवाल,
सेक्युलर के हरे खून से, रंगते हैं नेता जी अपना रुमाल,
हिन्दू के खून से, रंगवाते हैं अपनी खानदानी टोपी लाल।

टोपी-टोपी करते हैं ये, टोपी अपनी ये लाल रंगवाते हैं,
इस लाल रंग की खातिर, हमेसा हिन्दू का खून बहाते हैं,
कटवा कर हिन्दू को, ये उसका खून अपने पास मँगवाते हैं,
हिन्दू के खून से ये अपनी खानदानी टोपी लाल रंगवाते हैं।

टेढ़ी नाक, तोतली जुबान, दिल है इनका तो बेईमान,
ना है इनका कोई धर्म, ना कभी रखते हैं ये कोई ईमान,
हाड़-मांस का देखो, कलयुग मे आया है ये ऐसा शैतान,
मुल्लों से करता गलबहियाँ, हिन्दू की काटे ये जबान।

ना देखा इस जैसा, मैंने अब तक कोई ठरकी इन्सान,
बातें करता समाजवाद की, पर चलाता ये परिवारवाद,
लेकर लोहिया की कमान, बन बैठा ये तोतला पहलवान,
नाम से हिन्दू, लेकिन फैलाता है केवल ये मुल्लावाद।


8 Sept 2013

Why media keep silence on anti-national Christian and Muslims


Opus dei इसाई समुदाय द्वारा पोषित मीडिया वाले जैसे दीपक चौरसिया और विजय विद्रोही लगातार टीवी चैनल पर "सर्व धर्म समभाव" का पाठ पढ़ाते दिख रहे हैं! क्या यह जनता को दिग्भ्रमित करने वाला नहीं है? क्यों मीडिया वाले सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत नहीं रखते? या तो इनको इस देश की सभ्यता और संस्कृति का ज्ञान ही नहीं है या यह जानबूझ कर पैसा खा कर देशद्रोह और मक्कारी कर रहे हैं! 

क्यों मीडिया के मस्जिदों में पनपते 'इस्लामिक आतंवाद' की बात नहीं करते? क्यों वह नहीं बताते की आजकल मदरसों में केवल आतंकवादियों का निर्माण हो रहा है! क्यों नहीं बताते कि मस्जिदों में प्रतिबंधित अत्याधुनिक बिना लाइसेंस के हथियार संगृहीत कर के रखे जाते हैं जिसका कि दंगा फसाद में अनुचित और बर्बर प्रयोग होता है! अगर सच से आगाह करा दिया जाता तो पता नहीं कितने मासूम लोगो की जान बच जाती! क्यों मीडिया ऐसे "सर्व धर्म समभाव" की बात कर रही है जिससे की आतंकवादियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं? आतंकवादियों को पता है कि सारे कुकर्म करने के बाद भी उनको मासूम घोषित कर दिया जायेगा और भले ही दंगा उन्होंने शुरू किया हो इसका आधा श्रेय मासूम जनता के सर मढ़ दिया जायेगा! फिर क्या वह बरी और आज़ादी से फिर दंगा फसाद करने को स्वतंत्र! क्यों मीडिया 'विषधर नाग' को 'रस्सी' जैसा हानिरहित बता कर मासूम लोगो तो खतरे की तरफ लगातार धकेल रही है? क्या इसके लिए इनके खिलाफ PIL दाखिल नहीं होनी चाहिए?

कैथोलिक चर्च में हो रहे कुकर्मो की बात क्यों नहीं करती है मीडिया? दीपक चौरसिया और विजय विद्रोही जैसे मूर्खो को तो शायद यह भी नहीं पता होगा की जीसस स्वयं क्रिस्चियन नहीं थे! रोमन लोगो ने उनको सूली पर चढ़ाया था और सौ साल स्वयं के फायदे के लिए रोमन ने ही जीसस के नाम को राजनैतिक हथियार की तरह  इस्तेमाल किया! इसाई धर्म की स्थापना जीसस की मृत्यु के सौ साल बाद उनके जीवन पर लिखे गए विभिन्न gospels/ वृतान्तो को संग्रहीत कर के की गयी थी! सैकड़ो में लिखे गए वृतान्तो में केवल 18 वृतांत चुन कर "ओल्ड टेस्टामेंट"/बाइबिल बनाया गया था! जिन रोमन्स ने जीसस का बेदर्दी से क़त्ल किया आज वह कैथोलिक चर्च खोल के धर्म के ठेकेदार बन बैठे हैं! आखिर क्यों ना हो जिसके पास स्वर्ग की चाभी होगी वही तो दुनिया पर राज करता आया है! 

"सर्व धर्म समभाव" की बात बुद्ध के समय की है जब की इस्लाम और क्रिश्चियनिटी का नामो निशान नहीं था! वैसे भी हिन्दू धर्म में 'धर्म' का मतलब 'मज़हब' या 'religion' नहीं होता है! धर्म का अर्थ सही या  righteous मार्ग होता है जिसमे मानव जाती, पर्यावरण, जीव जंतु, सृष्टि, अंतरिक्ष हर किसी के प्रति मानवीय उत्तरदायित्व की बात की गयी है! 

"सर्व धर्म समभाव" और "वसुधैव कुटुम्बकम" का अर्थ इस देश की संस्कृति के परिपेक्ष में मेरी समझ में ईश्वरवाद और अनीश्वरवाद के सन्दर्भ में किया गया है और दोनों ही विचारधाराओ को मान्यता देते हैं! कोई भी विचारधारा हो और अगर उसका मूल तत्व मानव समाज का भला, उन्नति और उत्थान नहीं है तो वह इस देश के अनुकूल नहीं है! समय के हिसाब से अगर कुछ कुरीतियाँ आ भी गयी है तो हमे उसको अपने आप सुधारना है ना कि उसके गलत अर्थ से सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देना है! मुझे ब्राह्मणों से कोई द्वेष नहीं है परन्तु यदि ब्राह्मण अपनी विद्वता, कर्म और उद्देश्य को छोड़ देता है तो उसको हम कैसे सम्मान दे सकते हैं? बिना किसी विवाद में फंसे मैं सबसे प्रार्थना करूँगा की वह श्री सी गोपालाचार्य द्वारा लिखित 'महाभारत' को पढ़ कर देख लें! जहां पर साफ़ साफ़ लिखा है की ना कोई जन्म से ब्राह्मण है और ना जन्म से शुद्र!

हमारे देश की संस्कृति में अगर हिन्दू विचारधारा को तार तार कर के चर्चा की जा सकती है तो हम इस्लाम क्रिश्चियनिटी कम्युनिज्म साधू संत सोनिया गाँधी मनमोहन सिंह को तार तार करके क्यों नहीं चर्चा कर सकते! जब हम भगवन के अस्तित्व पर प्रश्न उठा सकते हैं तब फिर बाकि सब तो बहुत छोटी मोती चीज़ें हैं!

अंत में इस्लाम के जानने वाले ज्ञाता यह बतायेंगे की खुदा ने गिब्रैल के द्वारा मोहम्मद से क्यों बात करी क्या खुदा मोहम्मद से सीधे बात नहीं कर सकते थे? मुल्ला मौलवी अपने स्वार्थ के लिए इस्लाम को तोड़ने मरोड़ने को आज़ाद क्यों हैं?

Written By: गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव

7 Sept 2013

Soniya Gandhi planning to Loot Indian Temples

रुपये का अवमूल्यन: सोनिया गांधी की साजिश


भारत मे रुपये का अवमूल्यन है नहीं बल्कि सरकार और सोनिया गांधी द्वारा जानबूझ कर किया गया है !

भारत देश जो की 2008-09 की वैश्विक मंदी के समय भी अडिग खड़ा था और पूरा विश्व भारत की तरफ देख कर पैसे लगाने को लालायित था वही भारत देश आज बांग्लादेश से भी आर्थिक रूप से पिछड़ रहा है। आखिर ऐसा क्यूँ?

इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको अभी से कुछ समय पहले हुई एक बड़ी घटना को जानना होगा। हमारे देश मे बहुत से मंदिर हैं और सभी मंदिर एक से बढ़ कर एक धनी मंदिर हैं। सभी मंदिरों मे अपार सोना, चाँदी, हीरे इत्यादि ना जाने कितने ही दुर्लभ वस्तुएँ रखी हुईं हैं। अभी तक ये सभी बातें सिर्फ किंवदंतियाँ थी, लेकिन जब जुलाई 2011 मे श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का खजाना खुला तो भारत ही नहीं पूरे विश्व की आँखें फटी की फटी रह गईं।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर ना सिर्फ भारत का बल्कि विश्व का सबसे धनी मंदिर बन गया। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के अंदर अकूत सम्पदा खज़ानों मे सालों से पड़ी हुई है। अब जैसे ही श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का धन पूरी दुनिया के सामने आया, पद्मनाभ मंदिर मे पूरा विश्व दिलचस्पी लेने लगा एवं विश्व के कई देशों की नजरें उस मंदिर की सम्पदा पर गड गईं।

अब भारत के मूल्य निर्धारण प्रणाली से श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के अकूत धन का मूल्यनिर्धारण किया गया था, लेकिन चूंकि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का मे रखी सम्पदा सदियों पुरानी है, अतः अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की ये सम्पदा का मूल्य निर्धारण कोई भी नहीं कर सकता है। ऐसी स्थिति मे श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की इस सम्पदा का मूल्य कोई नहीं आंक सकता है एवं ये अमूल्य है।

ये तो हुई मंदिर की बात और शायद ऐसे खजाने भारत के अधिकांश मंदिरों मे मिलेंगे। 

लेकिन भारत के इस आर्थिक विनाश की कहानी इसी जुलाई 2011 के बाद से हुई। आपको याद होगा की अगस्त क्रांति के नाम पर अन्ना रामलीला मैदान मे अनसन पर बैठे और सोनिया गांधी इलाज कराने के नाम पर अमेरिका गई। उसके बाद से भारत मे प्रायः हर महीने ही तेल के दाम बढ्ने लगे, गैस के दाम बढ्ने लगे, सब्जियों के दाम आसमान पर पहुँच गए, सभी तरफ आर्थिक त्राहि-त्राहि मच गई, जो की भारत मे जो आज तक बदस्तूर जारी है।

इधर जो डॉलर कुछ साल पहले तक 44-45 रुपये था अचानक से बढ़ता हुआ 70 के करीब जा पहुंचा, पाउंड 78 से सीधा 100 के पास पहुँच गया, और भारत के महान अनर्थ-शास्त्रियों जिनमे कोंग्रेसी प्रधानमंत्री मन मौन-हन सिंह भी हैं ने तर्क दिया की चूंकि भारत मे खपत ज्यादा है एवं तेल के दाम बढ़ रहे हैं ऐसे मे रुपये का अवमूल्यन हो रहा है। चलो जी हमने मान लिया फिर एक टुच्चे से देश बांग्लादेश की करेंसी "टका" का अवमूल्यन क्यूँ नहीं हुआ। बल्कि डॉलर के मुक़ाबले बंगलादेशी टका का मूल्य जहां अक्टूबर 2012 मे 84 था आज वो घट कर 77 पर आ गया।

अब ये पूरा घटनाक्रम देखने के बाद एवं अचानक से सरकार के सोने को गिरवी रखने एवं मंदिरों से सोने की मांग करने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है की सोनिया गांधी ने अपने अमेरिकी एवं अन्य विदेशी मालिकों के कहने पर जानबूझ कर रुपये का अवमूल्यन कर मंदिरों मे पड़े अमूल्य खजाने को सोने के नाम पर बाहर निकाल कर बेच देने का है। और इसी कार्य को सही ढंग से करने हेतु अमेरिकी नागरिक को भारत का RBI गवर्नर बना कर लाया गया। आते ही इस अमेरिकी गवर्नर ने भारत के जिन मंदिरों को सोना देने को कहा उनमे से कुछ प्रमुख मंदिर इस प्रकार से हैं : तिरुमाला तिरुपति मंदिर, श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, गुरुवायुर के श्री कृष्णा मंदिर, श्री सिद्धिविनायक मंदिर एवं वैष्णोदेवी मंदिर। 

वैसे भी ध्यान देने वाली बात है की सोनिया गांधी की बहन जो मुफ़लिसी मे जिंदगी जी रही थी सोनिया गांधी के भारत आने के बाद एक आलीशान दुकान जहां भारतीय मूर्तियाँ बेची जाती हैं उसकी मालकिन बन बैठी एवं एक भी आयात की हुई मूर्ति की पर्ची उसके यहाँ नहीं मिलती लेकिन फिर भी भारत से मूर्तियाँ सोनिया गांधी की बहन के यहाँ पहुँच जाती है।

ऐसे उदाहरण के पश्चात ये कयास लगाना की भारत मे रुपये का अवमूल्यन जान बुझ कर मंदिरों की सम्पदा को लूटने के लिए गया है, को सही मानने की इच्छा बलवती हो रही है एवं पूर्णतया सच प्रतीत हो रही है।

6 Sept 2013

What if Gujarat become Free Nation



हाल ही में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए गुजरात कांग्रेस ने कहा था कि गुजरात के सरदार पटेल ने रजवाड़ों को एक कर अखंड भारत का निर्माण किया था। अब इसी गुजरात को भाजपा अलग देश जैसा बनाने का प्रयास कर रही है। इस बयानबाजी के बाद कितना बवाल मचा होगा, शायद यह बताने की जरूरत नहीं।

मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के वेबसाइट www.narendramodi.in पर प्रकाशित एक लेख में एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कुछ ऐसी ही अलग रिपोर्ट पेश की है कि गुजरात अगर देश से अलग हो जाए तो दुनिया में उसका स्थान कहां पर होगा।

लंदन स्थित लिजेट्यूम इंस्टीट्यूट ने इस बाबत एक रिपोर्ट तैयार की है। इंस्टीट्यूट ने इस रिपोर्ट को ‘ग्लोबल प्रॉसपैरिटी इंडेक्स’ नाम दिया है। इसमें दुनिया के देशों और उनके राज्यों के विकास के आंकडों के आधार पर उसका वास्तविक मूल्यांकन किया गया है। इस रिपोर्ट में भारत को भी शामिल किया गया है कि अगर भारत के राज्य भारत से अलग हो जाएं तो उसकी स्थिति क्या होगी। यह रिपोर्ट आप नरेंद्र मोदी की वेबसाइट में भी पढ़ सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सोशल कैपिटल के क्षेत्र में गुजरात नंबर-1 है। इतना ही नहीं, अगर गुजरात भारत से अलग होकर अलग देश बन जाए तो वह दुनिया के टॉप-20 अमीर देशों में शुमार हो जाएगा। रिपोर्ट में इसका श्रेय भी "नरेंद्र मोदी" को ही दिया गया है।

रिपोर्ट में दुनिया की 96 प्रतिशत आबादी और 99 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी को आधार बनाया गया है। 142 देशों को शामिल कर तैयार की गई इस रिपोर्ट में कुल 8 कैटेगिरी हैं..अर्थव्यवस्था, शिक्षण, बिजनेस, गर्वनेंस, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था। इन सभी मामलों में भी गुजरात को टॉप पर रखा गया है।

रिपोर्ट के अनुसार अगर गुजरात अलग देश होता तो वह विकसित देशों की सूची में (रिपोर्ट में शामिल किए गए 142 देशों की सूची के अुनसार)15वें नंबर पर आता। इतना ही नहीं, वह यूरोपियन अर्थव्यवस्था के अरबी घोड़ों की तरह पूरी रफ्तार से दौड़ रहा होता।

इतना ही नहीं, गुजरात इस तरह समृद्ध और विकसित होता कि भारत को आंख दिखाने वाला चीन भी उससे बहुत पीछे होता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के कई देशों को अपनी उंगली पर नचा रहा होता।

रिपोर्ट में गुजरात के दुनिया के विकसित देशों की सूची में 15वां स्थान दिया गया है। जबकि वर्तमान में भारत समृद्ध देशों की सूची में 138वें नंबर पर आता है। सौराष्ट्र की पठारी जमीन पर केमिकल्स, ऑटो पार्ट्स, प्लास्टिक उत्पाद, इलेक्ट्रिकल्स-इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो मोबाइल, शुगर, टेक्सटाइल, डायमंड कटिंग समेत सैकड़ों फैक्टरियों के माध्यम से पैसों की जो फसल गुजरात उगा रहा है, उससे पूरे देश की अर्थव्यवस्था को सहारा मिला है। जहां देश ऊर्जा के भीषण संकट का सामना कर रहा है, वहीं गुजरात इस मायने में आत्मनिर्भर है।

2005 से 2012 तक इसकी विकास दर 10.1 फीसदी रही है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत ऊपर है। इसी तरह, 1994 से 2000 तक इसकी विकास दर 7.8 फीसदी थी और वह भी राष्ट्रीय औसत से ऊपर थी।

5 Sept 2013

Congress and AAP fixing exposed


कॉंग्रेस से 3 बार के विधायक नसीब सिंह ने कहा है की आम आदमी पार्टी कॉंग्रेस की ही बी-टीम है और आम आदमी पार्टी कॉंग्रेस ने ही बनाई.

चुनावी सर्वेक्षण के लिए बुलाई गई जनता की मीटिंग मे जहां बीजेपी के डॉ हर्षवर्धन जी, कॉंग्रेस के एमएलए नसीब सिंह और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष शिसोदिया पहुंचे थे। वहाँ ABP न्यूज़ चैनल के पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने पर नसीब सिंह ने कहा की कॉंग्रेस दिल्ली मे 50 सीटें जीतेगी और इसमे इनके झाड़ू वाले भाई अच्छा काम कर रहे हैं। 

जब कॉंग्रेस के नेता नसीब सिंह ये बात बोल रहे थे तो आप देख सकते हैं की आम आदमी पार्टी के नए नवेले नेता मनीष शिसोदिया के चेहरे पर कितनी बड़ी मुस्कान दिख रही है।

अब इसमे कोई शक नहीं रहा की आम आदमी पार्टी कॉंग्रेस द्वारा ही प्रायोजित एक पार्टी है जो सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए एवं बीजेपी का वोट काटने के लिए कॉंग्रेस और केजरीवाल के मिली भगत से लिए बनाई गई है।

1 Sept 2013

pratibha visthapan

प्रतिभा विस्थापन

आज लाखों की संख्या मे युवा प्रशासनिक परीक्षा मे बैठते हैं जिनमे से मात्र कुछ ही परीक्षा मे सफल हो पाते हैं। परीक्षा मे सफल हुए परीक्षार्थियों का सरकार देश के पैसे पर सर्वोत्तम उपलब्ध ट्रेनिंग कराती है, जिसमे लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। ट्रेनिंग के समय उन परीक्षार्थियों को सरकार वेतन भी देती है।

ट्रेनिंग खत्म होने के उपरांत परीक्षार्थी प्रशासनिक पद पर प्रतिष्ठित होते हैं। उक्त समय मे भी उन प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर देश का बहुत पैसा लगता है। कुछ अधिकारी बड़े ही मनोयोग से देश सेवा कार्य मे लगते हैं और कार्यकाल पूर्ण होने तक देश सेवा करते रहते हैं। पर इन्ही अधिकारियों मे से कुछ अधिकारी देश विरोधी कार्य मसलन लूट-खसोट करने मे लग जाते हैं, चूंकि ये लूट-खसोट का विषय भिन्न है अतः मौजूदा लेख मे उसको शामिल करना यथार्थपरक नहीं है। 

परंतु इन्ही अधिकारियों मे से अधिकारियों की एक जमात ऐसी भी है जो अपना कार्य तब तक चुपचाप करते हैं जब तक VRS लेने का समय नहीं आ जाता है एवं कुछ बड़े रसुखदारों से उनकी गाढ़ी जान पहचान नहीं हो जाती है। इतना होते ही वो सभी प्रशासनिक अधिकारी अपने प्रशासनिक कार्यों को छोड़ मुख्यतया 2 कार्य करते हैं-

1. या तो वो प्रशासनिक अधिकारी  VRS लेने के पश्चात NGO चालू कर देते हैं और अपने रसुखदारों से तथा विदेशों मे स्थित अपने जान पहचान का उपयोग कर पैसे बनाने चालू कर देते हैं एवं मस्त जिंदगी जीते हैं (वैसे इनमे से कुछ अधिकारी अच्छा कार्य भी करते हैं लेकिन उनकी गणना नगण्य समान है)।

2. या फिर वो प्रशासनिक अधिकारी अपना VRS लेने के पश्चात किसी बड़ी निजी कंपनी या विदेशी कंपनी मे चले जाते हैं जहां उनको मोटी तंख्वाह मिलती है।

अब सवाल यहीं उठता है की जिन प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार देश का इतना पैसा खर्चा करती है देश सेवा हेतु वो अधिकारी एक तय सीमा के पश्चात VRS ले कर पेन्सन तो लेते ही हैं लेकिन देश के पैसे से सीखे हुए चीजों को निजी स्वार्थ मे निजी कंपनी या स्वयं हेतु उपयोग मे लाने लगते हैं।

जब ये VRS लिए हुए अधिकारी सेवा कार्य मे थे तब बहुत सी आंतरिक बातें इनके पास होती हैं जिसे किसी को नहीं जानना चाहिए होता है, परंतु क्या जो निजी कंपनी इनको लाखो-करोड़ो रुपये वेतन के रूप मे या NGO मे चंदे के रूप मे देती वो कंपनी इनसे वो सभी राज नहीं जानेगी या फिर इसकी क्या गारंटी है की ये सभी विशिष्ट सेवा निवृत पूर्व अधिकारी वो सभी बातें उक्त निजी कंपनी या कंपनियों को नहीं बताएँगे या फिर जिस ट्रेनिग को इन अधिकारियों को देने के लिए सरकार लाखो करोड़ रुपये खर्च करती है उसको महज चंद सिक्कों मे दूसरी कंपनी को नहीं देंगे।

क्या ये निकृष्ट कार्य देशद्रोह नहीं है? क्यूँ बढ़ रही है प्रशासनिक अधिकारियों के बीच VRS लेने की प्रवृत्ति ? क्या VRS ले कर उक्त सभी प्रशासनिक अधिकारी देश की आम जनता के पैसे के साथ-साथ जनभावना के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं ? क्या ये अधिकारियों के द्वारा पैसे की चमक मे मंत्रमुग्ध हो देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भूल जाना एक क्षम्य अपराध है ? क्या इन अव्यवस्थाओं की जांच पड़ताल तथा रोकथाम हेतु केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिल कर समीक्षा नहीं करना चाहिए ?

इस प्रतिभा पलायन को रोक कर प्रशासनिक अधिकारी अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें एवं उन कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करें, ऐसा मैं सभी प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करना चाहूँगा !

30 Aug 2013

Arvind Kejriwal the Traitor - VII

केजरीवाल : हत्यारों, चोरो, डकैतों संग चोली दामन का साथ लेकिन कहते खुद को पाक साफ

केजरीवाल को IAC आंदोलन से पहले शायद कोई भी नहीं जानता था, सिवाय सरकारी महकमों और लूटेरी NGO बीरदारी के। लेकिन अन्ना को अनसन पर बैठा कर और खुद को उस अनसन से दूर रख इन्होने जो नाम कमाया वो काबिले तारीफ है। वैसे ज्ञात रहे की अन्ना के अनसन के समय इन्होने कहा था की चूंकि इनको शुगर की बीमारी है तो ये अनसन नहीं कर सकते हैं, फिर इन्होने कहा की अनसन से कुछ हासिल नहीं होता है, लेकिन ये महाशय ना केवल अनसन पर बैठे बल्कि विश्व भर के स्वस्थ्य विभाग के वैज्ञानिकों को चौंका भी दिया इतने दिन अनसन पर रह कर। वैसे इनके अनसन मे इनसे ज्यादा चर्चा स्टील के ग्लास का रहा।

अभी तक केजरीवाल पर आरोप चोरों और डकैतों के साथ रहने या उनको अपने साथ रख उनको ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने का आरोप लगता रहा है, परंतु अब केजरीवाल महोदय जिंदल इत्यादि डकैतों की शोहबत से थोड़ा आगे निकल कर अपहरण, फिरौती और हत्यारों को भी आज कल ईमानदारी का सर्टिफिकेट थोक के भाव मे देते हुए दिखाई दे रहे हैं। कभी पुना के किसी बलात्कारी और हत्यारे संग लंच कर रहे हैं और लॉन्ग ड्राइव का मजा ले रहे हैं तो अभी ये महोदय इन्ही हत्यारों, बलात्कारियों और डकैतों को अपनी पार्टी का टिकट बांटते नजर आ रहे हैं। शायद केजरीवाल के टिकट से इन सभी अपराधियों के पाप धूल जाएंगे। खुद को मोक्षदायिनी माँ गंगा का नर रूप मान बैठे हैं ये केजरीवाल।

ये अलग बात है की केजरीवाल ने पार्टी ना बनाने की घोषणा को भी लात मार पार्टी बनाई थी और घोषणा किया था की उनकी पार्टी से किसी भी अपराधी को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन अब भाई चोर के पेट मे दर्द तो होना ही था, दे दिया अपराधियों को टिकट।

स्वराज लाने की बात करते हैं केजरीवाल, हाँ उसी स्वराज की बात जिस किताब को चोरी कर अपने नाम से छाप दिया था इन्होने, उस स्वराज को कैसे लाएँगे इसका इनको ही अता-पता नहीं है। लेकिन चूंकि ये घृणित कार्य केजरीवाल ने किया अतः ये कार्य घृणित ना हो कर एक अमर गाथा बन गई।

अब कोई जरा इनसे पूछे की महोदय आपका तो बहुमत दिल्ली मे आएगा नहीं ऐसे मे सरकार बनाने के लिए आप किस पार्टी को समर्थन देंगे। वैसे इस सवाल का जवाब ये महोदय कभी नहीं देंगे, जैसे आज तक उठे किसी भी सवाल का जवाब न तो ये महोदय दे पाये और ना ही इनके पीछे चलने वाले पिछलग्गू चोंचलेबाज। अब भाजपा तो एक सांप्रदायिक पार्टी है अतः केजरीवाल जी उसको तो समर्थन देंगे नहीं, बसपा की इतनी सीट आएंगी नहीं, कुल मिला कर बचती है कॉंग्रेस, जिसे शर्तिया केजरीवाल जी समर्थन दे कर सरकार बनाएँगे, आखिर धर्मनिरपेक्षता भी कोई चीज होती है।

वैसे भी दोषियों का संग केजरीवाल को बहुत भाता है चाहे वो भू माफिया मयंक गांधी और अंजलि दमानिया हों जिन पर "आप पार्टी" का अंदरूनी लोकपाल सालों बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाया जिसे केजरीवाल महज 3-4 महीनों मे पेश करने की बात करते सुने जाते थे। और जिंदल जैसे डकैत का संग तो केजरीवाल ने बहुत कुछ ऐश किया। जिंदल से पैसे चंदे के रूप मे ले कर केजरीवाल कोयला घोटाले पर होंठों को सील कर अज्ञातवास मे बैठ गए। भूषण बंधु जो कोर्ट के द्वारा सजायाफ्ता है और जाने कितने केस इनके खिलाफ चल भी रहे हैं वो भी धोखाधड़ी के ही वो ही भूषण बंधु पार्टी के मुख्य कर्ता-धर्ता हैं। 

वैसे केजरीवाल ही कौन सा पाक साफ हैं। आज सभी इनके समर्थक चिल्लाते हैं की केजरीवाल के साथी करोड़ो कमाते थे लेकिन केजरीवाल ने नहीं कमाया। लेकिन क्या किसी ने भी आज तक बताया की केजरीवाल ने कितने घोटाले उजगार किए, अपने कितने लूटेरे मित्रों का नाम उजागर किया। जवाब होगा एक भी नहीं, कारण होगा अरे भाई एक चोर कभी दूसरे चोर का नाम बताता है भला।

वैसे केजरीवाल पर भी जब किसी ने आरोप लगाए या तो केजरीवाल ने उन सभी आरोप लगाने वालों को केजरीवाल ने पहचानने से मना कर दिया या फिर केजरीवाल के गुंडों ने केजरीवाल पर आरोप लगाने वालों की धुलाई कर दी या जान से मारने की धमकी दी। वैसे केजरीवाल की पुरानी साथी किरण बेदी ने भी केजरीवाल पर धोखाधड़ी और पैसे के हेरफेर का आरोप लगाया तो केजरीवाल ने मंजे हुए राजनीतिज्ञ की तरह पल्ला झाड लिया। दूसरे पर महज झूठे आरोप लगाएँ तो सब ठीक लेकिन आप पर सही आरोप लगे तो भी सामने वाला देशद्रोही, ये है केजरीवाल और उनके चमचों की आधारशिला।

केजरीवाल : कोंग्रेसी पपेट और जनलोकपाल आंदोलन का हत्यारा



26 Aug 2013

Soniya gandhi planning to ban VHP


विश्व हिन्दू परिषद संगठन को बैन करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। क्या ये बैन इस 84 कोसी यात्रा के चलते हो रहा है....मुझे ऐसा नहीं लगता है। क्यूंकी अगर ऐसा होता तो देश मे शुक्रवार को निकलने वाली भीड़ पर भी बैन लग चुका होता, तजिया को भारत से खत्म किया जा चुका होता है एवं भारत मे बसे हाफ़िज़ सईद जो हमेसा भड़काऊ भाषण देते रहते हैं ओवैसी बंधुओं को फांसी के फंदे पर लटका कर सुवरों को उनके मांस को खाने हेतु परोसा जा चुका होता।

लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ फिर ऐसे मे विश्व हिन्दू परिषद को बैन करने की बात समझ से परे हैं। लेकिन अगर कुछ समय पहले की घटनाओं को देखने पर पता चलता है की ऐसा संभव है। क्यूंकी कुछ समय पहले सोनिया गांधी बजरंग दल झूठे आरोप लगा कर उसको बैन करने की तैयारी कर चुकी थी। आरोप भी ये की बजरंग दल क्रिश्चियनों को जान से मार रहा है जबकि उन सभी क्रिश्चियनों की मौत आशनाई (लड़की बाजी, ननों के साथ हमबिस्तरी) के चक्कर मे क्रिश्चियनों ने ही की थी, जो की पुलिस जांच मे पता चली थी।

चाहे बजरंग दल हो या विश्व हिन्दू परिषद या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी वेटिकन के पोप एवं उनकी मातहत सोनिया गांधी द्वारा भारत मे संचालित बलात धर्मपरिवर्तन के आड़ मे बहुत बड़े रोड़ा हैं। ये तीनों ही संस्थाएं मिल कर पहले तो लोगों को धर्मपरिवर्तन करने से रोकती हैं अगर कोई धर्मपरिवर्तित मिल जाता है तो उसे पुनः उसकी स्वेक्षा से, ना की सोनिया गांधी की तरह बलात, पुनः हिन्दू धर्म मे समावेश कराते हैं।

इन तीनों हिन्दूवादी संगठनों का कोई कार्य आज तक देशविरोधी नहीं मिल पाया है भारत की इस सरकार को अतः किसी भी छोटे मुद्दे को भी बड़ा दिखा कर ये चाहते हैं इन संगठनों को बैन कर दिया जाए एवं खुल्ले भारत मे बलात धर्मपरिवर्तन कराया जाए। इनको कोई फर्क नहीं पड़ता है की भारत बिखरने के कगार पड़ खड़ा है या इनके इस कदम से भारत मे गृह युद्ध जैसे आसार बनते जा रहे हैं। परंतु सोनिया गांधी जो की एक कैथोलिक क्रिश्चियन हैं उनका सबसे बड़ा लक्ष्य ही है भारत को एक क्रिश्चियन देश बनाना। वैसे कैथोलिक क्रिश्चियन मुसलमानों के बाद दुनिया की सबसे वहशी प्रजाति है जिसकी भारत मे पुरोधा सोनिया गांधी हैं।

सोनिया गांधी का भारत को क्रिश्चियन देश बनाना तब तक संभव नहीं है जब तक देश मे बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद एवं संघ है। अतः सोनिया गांधी साजिशन इन तीनों ही संगठनों को देशविरोधी कार्यों को दिखा कर बंद करने की तैयारी का शुरुवात कर चुकी हैं। और इस साजिश मे सोनिया का साथ सभी क्षेत्रीय पार्टियां चाहे वो पुरानी हों जैसे सपा इत्यादि या फिर फोर्ड के पैसे बनी केजरीवाल की पार्टी, सभी सोनिया गांधी की हाँ मे हाँ मिला कर देश को अंधकार के गर्त मे धकेलने मे महती भूमिका निभा रहे हैं। इन सभी क्षेत्रीय पार्टियों को देश से कोई मतलब नहीं है बल्कि इनको तो मतलब अपने स्विस बैंक मे बढ़ रहे नोटों के बण्डल से है।

क्षेत्रीय पार्टियों की नोटो की भूख को वेटिकन एवं सोनिया गांधी बहुत ही अच्छे से समझ रही हैं। अतः उन सभी पार्टियों को नोटो के बण्डल मे दबा कर सोनिया खुल्लेआम बलात धर्मपरिवर्तन कराना चाहती है और इसके लिए सोनिया गांधी अपने मार्ग मे रोड़ा बने इन सभी हिन्दूवादी एवं राष्ट्रवादी संगठनों पर बैन भी लगा सकती है।


16 Aug 2013

Bihar mid-day-meal or poison

बिहार के लोगों ने चुनी तो एनडीए की खुशहाली थी, लेकिन झेल रहे हैं यूपीए का दंश 


16 जुलाई छपरा तो 16 अगस्त वैशाली मिड-ड़े-मील बना जहर

बिहार मे अभी पिछले महीने मिड-ड़े-मील खा कर मारे बच्चों की कब्र गीली ही होगी की आज फिर से 40 बच्चों की तबीयत खराब हो गई बिहार के ही वैशाली जिले मे।

छपरा मे 23 बच्चों का लील गया था नितीश बाबू का मिड-ड़े-मील और इस बार वैशाली जिले के 40 बच्चे पड़े बीमार

ज्ञात खबरों के आधार पर मिड-ड़े-मील खाते ही बच्चों को पेट मे तेज दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। बीमार बच्चों का इलाज अस्पताल मे कराया जा रहा है।

आश्चर्य इस बात का है की पिछले महीने हुई मिड-ड़े-मील जहर काण्ड की पड़ताल अभी चल ही रही है की आज दूसरा काण्ड हो गया।

क्या मिड-ड़े-मील जहर से कभी अमृत बन सकता है और दूसरा सबसे बड़ा प्रश्न यही अनाज तो मिलेगा फूड सिक्योरिटी बिल मे भी

Was Congress behind Kandhar Plane Hijack


कॉंग्रेस को 84 दिन पहले पता था काठमांडू से विमान अपहरण होगा

बहू चर्चित IC-814 प्लेन अपहरण जो एनडीए शासन काल मे हुआ था उस पर NewsX ने किया बड़ा खुलासा

मेघालय की कॉंग्रेस सरकार को 84 दिन पहले पूरे अपहरण की जानकारी दी गई थी जिसे मेघालय सरकार ने आज तक दबा कर रखा और जानकारी देने वाले ने जब केस किया तब मेघालय सरकार उस को पैसे का लालच दे कर केस वापस लेने का दबाव बना रही है....ज्ञात रहे की इस केस का एक मात्र गवाह इब्रहीम संदेहास्पद परिस्थितियों मे मारा जा चुका है। एवं इब्रहीम की महिला दोस्त पूनम इस समय सीबीआई की वकील बन चुकी है।

मेघालय के उमाकांत मिश्रा ने 84 दिन पहले इब्रहीम हुसैन जो की इस पूरे मामले का गवाह था को लेकर मेघालय चीफ सेक्रेटरी के पास गए और पूरे घटना के विवरण के साथ लेटर लिखा। उस लेटर का शीर्षक ही था "Plan to hijack Indian Airplane from Kathmandu"। इब्रहीम हुसैन को मिश्रा जी ने चीफ सेक्रेटरी से गवाह के तौर पर ही मिलाया। लेकिन आज तक उस लेटर को मेघालय सरकार दबा कर बैठी थी और कहीं भी उस लेटर का जिक्र नहीं था।

विमान अपहरण के 3 महीने बाद रहस्मय परिस्थितियों मे इब्रहीम हुसैन सर मे गोली लगने से मरा पाया गया। इस हत्याकांड को भी मेघालय सरकार ने दबा दिया और इब्रहीम हुसैन जो की गवाह था उसके मृत शरीर का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया मेघालय सरकार ने और कह दिया हाइ ब्लड प्रेसर से मरा इब्रहीम।

आज अगर मेघालय सरकार उस लेटर को दबा कर ना बैठी होती तो ना ही विमान अपहरण होता और विमान अपहरण मे संलिप्त सभी का नाम इब्रहीम हुसैन नामक गवाह के चलते बाहर आ जाता।

ऐसे मे मेघालय सरकार द्वारा इतनी अहम जानकारी मिलने के बाद भी उसको केंद्र सरकार को सूचित ना करना पूरी कॉंग्रेस पार्टी को कटघरे मे आतंकियों के साथ खड़ा करता है की कहीं विमान अपहरण मे कॉंग्रेस का हाथ तो नहीं था। (वैसे पूर्व मे कोंग्रेसी विधायक एवं संसद विमान अपहरण कर चुके हैं)

==========

ये भी ज्ञात रहे की तीनों आतंकी जिन्हे कांधार मे छोडना पड़ा था, रुबइया सईद, कोंग्रेसी मंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण मे जेलोंमे बंद थे। वैसे रूबइया सईद खुद ही इन आतंकियों से मिली हुईं थीं एवं खुद ही अपना अपहरण कराया था और आतंकियों के छूटते ही खुद ही वापस भी आ गईं जैसे गईं थीं वैसे वापस भी आ गईं।



Why I hate Muslims


कई लोग पूछते हैं की मैं मुसलमानों से इतनी नफरत क्यूँ करता हूँ? मैं खुल कर जवाब नहीं देता था। लोग आ कर मुझे समझते थे की ये हमारे देश के ही हैं, इनसे इतनी नफरत नहीं करनी चाहिए। हमे मिलजुल कर रहना चाहिए इत्यादि। वैसे मैंने उनको हमेसा एक जवाब दिया कि मुझे मुसलमानों से नफरत नहीं है बल्कि मुझे मुल्लों से नफरत है। मुसलमान वो होता है जो ईमान का पक्का होता है। और मुल्ला जो अपने बाप का भी नहीं होता है।

मेरे मुल्लों के प्रति नफरत की शुरुवात उन दिनों से हुई जब मैं कुछ समझने लायक हुआ। शुरू से मैं अपने दादा-दादी के काफी करीब रहा, उनका लाड़ला हूँ। लेकिन दादा जी अपने लाड़-प्यार मे भी थोड़े व्यावहारिक थे। उन्होने बताई इन मुल्लों कारस्तानी।

बात उन दिनों कि है जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था। और मेरे दादा जी कि उम्र उस समय शायद 20+ थी। बँटवारे से पहले दादा जी कि बड़ी बहन कि शादी ढाका, बांग्लादेश मे उस समय के एक बड़े जमींदार से हुई थी। जिनका वहाँ अपना बिजनेस था एवं वो खुद स्वतन्त्रता सेनानी थे। अब बँटवारे के समय के समय सभी उनको भारत बुला रहे थे क्यूंकी बँटवारे से पहले ही मुल्ले खून-खराबे पर उतर आए थे। लेकिन दादा जी के बहनोई ने कहा कि ढाका उनकी कर्मस्थली ही नहीं वरन जन्मस्थाली भी है। अतः वो ढाका किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे और ना ही मुसलमान बनेंगे। 

दादा जी के बहनोई के यहाँ कई मुल्ले कार्य करते थे और दादा जी के बहनोई के वजह से ही उन मुल्लों के घर का चूल्हा जलता था। जब मुल्लों के अत्याचार से वहाँ कि हिन्दू जनता इनको जवाब देने पर आई तब ये सभी भाग कर दादा जी के बहनोई कि कोठी मे पहुंचे। दादा जी के बहनोई का उस समय रसूख बहुत ही अच्छा था। अतः उनके मिन्नत करने पर उन मुल्लों को छोड़ हिंदुओं कि गुस्साये भीड़ ने बख्स दिया और वहाँ से चले गए। लेकिन मुल्ले मारे डर के वहीं रहे करीब 3-4 दिन तक। बुआ और उनकी देवरानियाँ सभी के लिए खाना बनाती थीं उन 4 दिनों मे। लेकिन जब हिन्दू वहाँ से पलायित हो गए और भारत आ गए तब मुल्लों कि भीड़ आगे बढ़नी चालू हुई और बचे हुए अल्प हिंदुओं को काटना चालू किया।

इसी क्रम मे जब उन्मादी मुल्लों कि भीड़ दादा जी के बहनोई के घर के सामने आई तो उनके लठैतों एवं हिन्दू कामगारों ने हवेली का गेट बंद कर दिया। तभी जो मुल्ले दादा जी के बहनोई के यहाँ शरण लिए हुए थे उन्होने हवेली का गेट खोल दिया और उन्मादी भीड़ हवेली के अंदर घुस आई। इतने मे दादा जी के बहनोई ने अपने एक विस्वसपात्र सेवक से कह घर कि औरतों को घर से बाहर सुरक्षित भेज दिया ताकि आबरू बची रहे। घर के अंदर दादा जी के बहनोई कि माँ और मर्द बचे रहे। घर के लोगों और अपने अन्नदाता मेरे दादा जी के बहनोई पर घातक प्रहार करने वाला और कोई नहीं बल्कि शरण लिया हुआ मुल्ला ही था। घर के सभी व्यक्तियों को काट डाला गया। घर को घर मे घायल पड़े लोगों के साथ आग के हवाले कर दिया गया। पूरे घर मे या परिवार मे कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं बचा था।

इसी बीच दादा जी जो उस समय कलकत्ता मे रहते थे अपनी बहन को लाने ढाका के लिए निकल चुके थे वो भी पैदल। दादा जी नालों एवं सभी कठिनाइयों को पार करते हुए ढाका पहुंचे। मुल्लों से बचा कर अपनी बहन को लाने के लिए दादा जी ने अपनी दाढ़ी मुल्लों के मानिंद रख ली थी।

इसी बीच ढाका मे दादा जी कि बहन ही किसी तरह जिंदा बच पाईं जो एक हिन्दू घर मे आश्रय लिए हुए थी अपने पति के इंतजार और बाकी उनकी देवरानियाँ सेवक के साथ निकल गईं लेकिन ना तो सेवक का कुछ पता चला और ना ही देवरानियों का। दादा जी कैसे भी ढूंढते हुए उस घर मे पहुंचे जो दादा जी के बहनोई के घर से करीब 1 किलोमीटर कि दूरी पर हिन्दू बाहुल इलाके मे था।


दादा जी वहाँ से अपनी बहन को लेकर भारत कि तरफ चल पड़े बिना अपनी बहन को उनके पति एवं सभी घरवालों कि मौत के बारे मे बताए हुए। रास्ते मे हिन्दू की भीड़ देखते ही मुल्ले हमला कर देते थे। लड़कियों एवं औरतों को उठा ले जाते थे एवं मर्दों को काट डालते थे। दादा जी एवं उनकी बहन नालों के अंदर, पुलों के नीचे या लाशों के बीच लेट कर किसी तरह बचते-बचाते कलकत्ता पहुंचे। वहाँ से दादा जी के दोस्त या सही मायनों मे बड़े भाई समान श्री विजय सिंह नाहर जी ने दोनों लोगों को हमारे गाँव भेजने कि व्यवस्था कि। दादा जी की बहन जीवन पर्यंत हमारे साथ ही हमारे गाँव पर रहीं। 

दादा जी बताते हैं कि कपड़े पूरी तरह खून से सन गए थे। रात मे सोने पर आँख बंद नहीं होती थी एवं लाशों का मंजर आँखों के सामने नाचता था। कैसे वहशी मुल्ले लोगों को काट-काट कर फेंकते थे। बलात्कार करना एवं उसके घर सहित जला देना ये उन मुल्लों के लिए आम बात थी।

अब ऐसे मे आप बताएं क्या मेरी इन मुल्लों के प्रति नफरत गलत है। ये जो अपने बाप के नहीं होते हैं, ये जो अपने अन्नदाता के नहीं होते हैं....क्या कभी ये मुल्ले इस देश या हमारे-आपके होंगे। 


11 Aug 2013

Narendra Modi Speech in Hyderabad


Yes We Can, Yes Will Do.


नरेंद्र मोदी की हुंकार हिल गया पूरा कोंग्रेसीतान

मोदी जी आज हैदराबाद के स्टेडियम से हैदराबाद की जनता को संबोधित कर रहे थे। लेकिन मोदी जी का सम्बोधन जैसे लग रहा था की ललकिले पर चढ़ पूरी 121 करोड़ जनता को संबोधित कर रहे हों। 

मोदी जी का मंच पर स्वागत भारतमाता की जय और वन्देमातरम से हुआ। इसके साथ-साथ केरल के स्वतन्त्रता सेनानी 90 वर्षीय इंद्रसेना रेड्डी जी मंच पर केरल से आए और मोदी जी अपना आशीर्वाद दिया। साथ ही मोदी जी की ट्विटर माँ श्रीमती बैस ने भी मोदी जी आशीर्वाद दिया एवं मोदी जी ने दोनों वयो वृद्धों को अपने मंच पर स्थान दिया। इसके तुरंत पश्चात मोदी जी का भाषण शुरू हुआ। मोदी जी ने अपना भाषण तेलगु मे शुरू किया। तेलगु मे अपने आंध्र के भाइयों को संबोधित किया। तत्पश्चात मोदी जी ने हिन्दी मे भाषण देना शुरू किया। 

मोदी जी ने श्री वेंकेटश्वरा स्वामी जी से प्रदेश के लोगों को सुखी रखने की प्रार्थना की एवं दुख से लड़ने की शक्ति देने की प्रार्थना की। मोदी जी ने आंध्र के युवा को धन्यवाद दिया की उत्तराखंड के लोगों की सहायता के लिए उन्होने 5 रुपये का रजिस्ट्रेसन करा कर यहाँ एकत्रित हुए। 

मोदी जी ने कहा की जहां आज राजनीति, पार्टी एवं यहाँ तक की नेताओं के ऊपर से भी युवा का साथ ही जनता का विश्वास उठता जा रहा है, वहाँ इतने युवा स्टेडियम के अंदर एवं दुगुने युवा स्टेडियम के बाहर देख मेरा मन प्रफुल्लित हो गया। मोदी जी ने कहा की जिन युवाओं से मैं नहीं मिल पाया उनसे मिलने मैं फिर आंध्र आऊँगा और जरूर मिलुंगा।

मोदी जी अपने भाषण को आगे बढ़ाते हुए हाल मे पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों को मारे जाने पर प्रतिकृया देते हुए कहा, "जब हमारे 5 सैनिकों के सर पाकिस्तानी सेना काट कर ले गई थी तब हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा था की अब बस इसके आगे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। लेकिन आज फिर से 5 सैनिकों की हत्या कर दी गई पाकिस्तानी सेना द्वारा लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी मौन हैं। आखिर ऐसा क्या कारण है की पाकिस्तान बारम्बार ऐसी हरकतें कर रहा है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी मौन हैं और देश कातर आँखों से अपने सैनिकों को मरते हुए देख रहा है।" 

जम्मू के किश्तवर दंगे पर बोलते हुए मोदी जी ने कहा, "आज देखिये किशतवर मे क्या हो रहा है। कोई नहीं जानता है की कितने लोग मारे गए वहाँ, कितने घर जला दिये और कितनी दुकाने जलीं। आज किश्तवार मे राष्ट्रविरोधी ताक़तें पनप रही हैं राष्ट्रविरोधी कार्य हो रहे हैं। ऐसे मे जब आज राज्यसभा से विपक्ष के नेता अरुण जेटली जी किश्तवर जाने को निकले तो उन्हे जम्मू एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। क्या ये लोकतन्त्र है या कॉंग्रेस समर्थित जम्मू-कश्मीर की सरकार वहाँ की सच्चाई को बाहर नहीं आने देना चाहती है।" 

दिल्ली की सल्तनत को सिर्फ वोट बैंक बनाना है, दिल्ली की सल्तनत को सिर्फ वोट बैंक से प्यार है। भले चीन हमारी सीमा मे आ कर बैठ जाए। चीन हमारी सीमा मे आया, बैठा रहा, पूरे विश्व ने देखा, यहाँ तक की गूगल मैप पर भी देखा गया, लेकिन हमारी दिल्ली की सरकार इस पर भी मौन रही। चाइना को हमारी से जाना था लेकिन हमारी केंद्र सरकार ने मांडवली किया चाइना से और हमारी फौज को हमारी ही जमीन से हटना पड़ा। यहाँ भी कॉंग्रेस सरकार हार गई। ये दिल्ली की सल्तनत हमारी रक्षा कर सकने मे असमर्थ है।

जब पाकिस्तान हमारे सैनिकों के सर काट कर ले गया तो हमारे विदेश मंत्री पाकिस्तान को बिरयानी खिला रहे थे और बोले की ये तो प्रोटोकॉल है। चाइना के मुद्दे पर चाइना गए और वहाँ से भाषण दिया की चाइना बहुत अच्छा है और मेरा तो मन कर रहा है की मैं यहीं बस जाऊँ। अरे विदेश मंत्री जी एवं कॉंग्रेस कुछ तो शर्म करो। क्या हमारे सेना के जवानों को भी आप प्रोटोकॉल के तहत मरवा रहे हो। मोदी ने कहा आज देश की सुरक्षा खतरे मे है। आज बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ़ के जवानों को साफ निर्देश दिया गया है की घुसपैठीयों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं करनी है। बीएसएफ़ के जवानों को यहाँ तक आदेश दिया गया है की अगर बंगलादेशी घुसपैठिए आक्रामक रवैया अपनाते हैं तो उन्हे बिना किसी दिक्कत के भारत मे प्रवेश करने दिया जाए। इटली से जवान आते हैं, हमारे मछुवारों को मार देते हैं, पकड़े जाते हैं जेल होती है। ऐसे मे कोई आम आदमी को जमानत नहीं मिल सकती थी लेकिन इन दोनों इटली के जवानों को क्रिसमस मनाने के लिए जमानत मिलती है एवं ये आने से मना कर देता हैं। वो तो भला हो सुप्रीम कोर्ट का जिसके कारण उन हत्यारे इटली के सैनिकों को भारत वापस आना पड़ा। दिल्ली की सल्तनत हमारी किसी चीज को लेकर सिरियस नहीं है। उनको किसी चीज से कोई फर्क ही नहीं पड़ता है। 

मेरे नौजवान साथियों आप देश के बारे मे सोचते हो, आपको देश को लेकर फर्क पड़ता है, आप देश की भलाई सोचते हो लेकिन कॉंग्रेस की सरकार है महाराष्ट्र और आंध्र मे और सबसे आत्महत्या के केस यहीं हैं। क्या कर रही है कॉंग्रेस नौजवानों के लिए। कॉंग्रेस केवल नौजवानों को आत्महत्या के लिए बाध्य कर रही है।

2004 मे कॉंग्रेस ने वादा किया था की तेलंगाना बनाएगी। लेकिन 9 सालों तक चुप रही। जबकि आंध्र से ही कॉंग्रेस के सबसे ज्यादा एमपी हैं और आंध्र के बल पर ही दिल्ली मे कॉंग्रेस बैठी है। लेकिन फिर भी आंध्र के लिए क्या किया कॉंग्रेस ने। भाई को भाई से लड़वा दिया। छोटे राज्यों को अटल जी ने बनाया लेकिन जब मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ बने तब दोनों जगह मिठाई बांटी जा रही थी। यही हाल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए भी था, यही बिहार और झारखंड के लिए भी था की दोनों जगह मिठाई बांटी गई। लेकिन यहाँ कॉंग्रेस ने तो दोनों भाइयों को लड़वा दिया। मैं भी जब तेलंगाना आया था तो कहा था की 100 दिन मे तेलंगाना बना देंगे लेकिन हमने कहा था की हम सीमान्ध्र के विकास को नजरंदाज नहीं करेंगे। मैं चाहता हूँ आंध्र और तेलंगाना के शहर हैदराबाद से ज्यादा विकास करें। मैं पूछना चाहता हूँ की जब कॉंग्रेस ने 2004 मे ही कहा था की वो तेलंगाना को बनाएगी तो क्यूँ अभी 10 साल और इंतजार करने को कहा दूसरे राजधानी के लिए। क्यूँ नहीं दूसरी राजधानी के लिए उसी समय से काम शुरू हुआ। मैं एक छोटे जगह से आता हूँ, मैं गांधी और पटेल जी की धरती का हूँ, मैं नहीं चाहता की आंध्र और तेलंगाना दोनों भाई आपस मे लड़ें। माँ के दूध मे क्या कोई दरार होती है....नहीं। हमारे सूरत और अहमदाबाद मे 4 लाख तेलगु भाई रहते हैं और साथ मे कमाते हैं खाते हैं क्या वैसे ही यहाँ हम दोनों आंध्र और तेलगु भाई साथ नहीं रह सकते हैं। हमारा लक्ष्य होना चाहिए की आंध्र और तेलंगाना दोनों गुजरात से भी ज्यादा प्रगति करें, विकास करें। क्यूंकी विकास ही सारी परेशानियों का हल है।

लेकिन कॉंग्रेस विकास के पथ नहीं चलती क्यूंकी वो जनता के सवालों का जवाब नहीं दे सकती है। 40 साल पहले कहीं भी शुद्ध घी नहीं लिखा होता था बल्कि केवल घी लिखा होता था। आज शुद्ध घी लिखना पड़ता है क्यूंकी कॉंग्रेस ने उसमे भी मिलावट कर दिया। ठीक उसी प्रकार कॉंग्रेस ने गरीबों के थाली से रोटी छिन लिया और अब फूड सेक्यूरिटी बिल का झुनझुना दे रही है। अरे 60 सालों के राज के बाद आज फूड सेक्यूरिटी बिल जरूरत भला पड़नी चाहिए थी। 

आज अर्थशास्त्री एक शब्द का उपयोग करते हैं Inclusive Growth। क्या इस शब्द का उपयोग पहले होता था। नहीं। लेकिन आज हो रहा है क्यूंकी कॉंग्रेस सभी को Exclude करके चलती है। आज कॉंग्रेस देश पर बोझ बन गई है। आज मैं NTR को याद करना चाहता हूँ जिंहोने कॉंग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करने की कोशिस की। अगर हम NTR को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो उनके कॉंग्रेस मुक्त भारत को साकार करें। आज पूरे देश मे कॉंग्रेस मुक्त भारत का वातावरण बन रहा है हमे इसको पूरा करना होगा। 

आज भ्रस्टाचार ने पूरे देश को निगल लिया है। जल-थल-नभ कोई ऐसा कोना नहीं छोड़ा कॉंग्रेस ने जहां उसने भ्रस्टाचार नहीं किया हो। हमारे नेता एलके आडवाणी जी पूरे देश मे घूमे। मकसद सिर्फ काले धन के प्रति जागरूकता को लाकर काले धन को विदेशी बैंको से भारत वापस लाना था। लेकिन कॉंग्रेस ने उनकी नहीं सुनी। मतलब साफ है की कॉंग्रेस का ही है काला धन जो वो लाना ही नहीं चाहते हैं। 

आप गुजरात को पसंद नहीं करते हैं ठीक है लेकिन तमिलनाडु की डॉ जयललिता से स्किल डेव्लपमेंट के बारे मे सीखें। डॉ रमन सिंह जी ने कैसे गरीबों को भी भोजन दिया उससे सीखे जिसको सुप्रीम कोर्ट तक ने सराहा है। लोग कहते हैं की कैसे एक बच्ची बड़ी हो अपना भविष्य देखे तो मैं कहता एचएन की आप मध्य प्रदेश जाएँ और वहाँ शिवराज चौहान जी की लाड़ली लक्ष्मी योजना को देखें।

देश मे एक ही परिवार ने सालों-साल राज किया लेकिन उस परिवार ने भारत के आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया। एक बार मैंने प्रधानमंत्री जी से कहा की आंध्र, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, गोवा सभी की कोस्ट लाइन है एक बार सभी प्रदेशों के मुख्य मंत्रियों को बुलाएँ और हम बैठ कर देखें की कोस्ट लाइन को हम कैसे विकास मे बदल सकते हैं। लेकिन आज तक प्रधानमंत्री जी ने मेरी बात नहीं सुनी और आज रुपया की कीमत देखिये डॉलर के मुक़ाबले की है।

कभी विदेशों से बच्चे हमारे देश मे पढ़ने आते थे लेकिन आज हमारे ही युवा वो शिक्षा नहीं पा पते हैं जो वो चाहते हैं। आज हमारे शिक्षित युवा और पैसा दोनों हमारे देश से बाहर जा रहा है। आज गाँवों मे डॉ नहीं है जिस वजह से हमारे ग्रामवासियों को दवाई तक नहीं मिल पाती है। ये समस्या सालों से है लेकिन केंद्र सरकार ने आज तक इस समस्या को दूर करने की ओर कोई कदम नहीं उठाया। हम दवाई तो बना रहे हैं लेकिन क्या हमारे पास डॉ हैं उन दवाइयों को देने के लिए। 

हर जरूरी चीज खाना, छत, कपड़ा कॉंग्रेस हमसे छिनती जा रही है। लेकिन उस तरह से विकास नहीं कर रही है की ये जरूरी चीजें तक हमे मिल सकें। आज युवाओं के पास वो सामर्थ्य है की वो कार्य कर सकें लेकिन कॉंग्रेस के भ्रस्टाचार ने पूरा कोश खाली कर दिया तो युवाओं को उनके अपेक्षित कार्य नहीं मिलता है। आज युवाओं के पास स्किल के होते हुए भी कार्य नहीं है।

सरकार का एक ही धर्म होता है - भारत पहले। सरकार का एक ही धर्मग्रंथ होता है - भारत का संविधान। सरकार की एक ही भक्ति होती है - भारत भक्ति। सरकार की एक ही शक्ति होती है - जन शक्ति। सरकार की एक ही पुजा होती है - सवा सौ करोड़ भर्तियों की भलाई। सरकार की एक ही कार्य शैली होती है - सबका साथ सबका विकास।

Yes We Can, Yes Will Do. 

जय तेलंगाना, जय सीमांध्रा, भारत माता की जय, वन्देमातरम

http://www.youtube.com/watch?v=yk_lR88bpsg


Arvind Kejriwal the Traitor - VI


आम आदमी पार्टी वालो का तो सिर्फ और सिर्फ एक ही काम है और वह है मोदी विरोध! और मोदी विरोधियो का खेमा कितना व्यापक है यह तो सभी जानते हैं इसमें केजरीवाल ही नहीं, सोनिया और यहाँ तक अडवानी जैसे नेता शामिल हैं जो की इस काम में लगे रहते हैं की कैसे मोदी समर्थको को तोडा जाये! 

अभी जब पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी नरेन्द्र मोदी के साथ खड़े मिले तो उनको झूठे आरोप लगा के बदनाम कर दिया! इतना बदनाम की उन्होंने अध्यक्ष पद त्याग दिया! लेकिन आज तक नितिन गडकरी की चार्ज शीट नहीं बनी क्योंकि कोई आरोप तय ही नहीं हो पाए! अलबत्ता आरोप लगाने वाली आम आदमी पार्टी की मुख्य सदस्या एवं केजरीवाल की अभिन्न महिला साथी अंजलि दमानिया खुद कठघरे मे खड़ी नजर आईं। ऐसे मे 1 साल से भी पहले केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के आंतरिक जनलोकपाल द्वारा जांच कर 5 महीने के अंदर रिपोर्ट लाने को कहा लेकिन केजरीवाल जी के ना तो 5 महीने पूरे हुए और ना ही रिपोर्ट आई। परंतु मीडिया की रिपोर्ट आ गई की दोषी अंजलि दमानिया थी जो वहाँ की जमीन हथियाने के चक्कर मे थी और बहुत सी जमीन पहले ही हथिया चुकी हैं।

मोदी विरोधी खेमे को लगा की नया भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह उनके इशारो पर नाचेगा और मोदी पार्टी में दरकिनार हो जायेंगे परन्तु पुनः ऐसा नहीं हुआ! राजनाथ सिंह जम कर मोदी के साथ खड़े दिखाई दिए और उन्होंने पार्टी को एक नयी दिशा दी! 

इस पर मोदी विरोधी खेमे को लगा की अब तो राजनाथ सिंह को कैसे बदनाम किया जाए तो अब वह उनके खिलाफ मोर्चा खोल कर खड़े हो गए RTI और पता नहीं क्या क्या का सुर छेड़ कर! 

आखिर "टारगेट" पर तो मोदी ही हैं ...... राजनाथ सिंह पर तो प्रहार इसलिए है की मोदी का आधार कमज़ोर किया जा सके!

पर यह ध्यान रहे ..... जीत हमेशा सच की होती है!

सत्यमेव जयते!!!!!