24 Jul 2013

modi's storm will end fake gandhis




ना चलेगा काम अब तेरे कोरे इन वादों से, 
तुझको देखा हमने तेरे देशद्रोही आंखो से,
मुफ़लिसी मे जीते थे कल तुम सब, 
ऊँचे परकोटे बैठ मलाई काट रहे अब,
किया क्या तुमने ऐसा जादू-टोना,
पा गए जो इतना चाँदी और सोना,
तन पर न था वस्त्र एक भी तब,
दाभी भी बनाते वो विदेश मे अब,
जनता की इनको कोई फिकर नहीं,
गरीबों का इनके मुंह से कोई जिकर नहीं,
बेसहारा गरीबों का चूसते हैं खून ये,
उन्ही गरीबों के नाम पर लूटते हैं ये,
तन पर ये पहनें सिर्फ उजली खाकी,
मन काला है तेरा ऐ आज के गांधी,
आई है देश मे अब मोदी नाम की आँधी,
हो जाएगा खतम इसमे अब नकली गांधी,
अब तक देश ने तुम सबकी है मानी,
पर देशप्रेम की अब हम सबने है ठानी,
देख बंधु अपने दाँए-बाँए, आगे और पीछे,
गला किसी का अब न नकली गांधी मिंचे,
यज्ञ बड़ा आन पड़ा, देश मे नया अब जान पड़ा,
देशभक्ति की डोर छूटे ना, कोई साथी पीछे छूटे ना।

22 Jul 2013

Corrupt - Communal - Congress



खान-वार मे जुटी भारत की मीडिया, चाइना-हुंकार को भूल गई,

आईएम के प्रवक्ता बने कोंग्रेसी, मीडिया त्रिशूल से झूल गई॥

हरा रंग केवल शोभे सबको, केसरिया ना भावे कोई को अब,

कालिख पुती जो चेहरे पर देखो, सफेदी मे चूर हुए चोर सब।

धरती होती भगवा खून से लाल, बैठा है देखो ये जमाई काल,
चालाक ये सुस्त पड़े हैं, मदमस्त पड़े हैं, देखो ये कोंग्रेसी लाल।

सुघड़ है, चंचल है, चपल कुटिल सलोनी है इनकी काया,
ठग-चोर-लुटेरे ये, बलात्कारी आतंकी संग है इनकी माया।

अब इनपे इतना है दोष, फिर बताते हैं खुद को निर्दोष,
निर्दोषों को ठुँसते जेल, अजब-निराला है इनका खेल।

जनता जाये खड्डे मे, इनकी निगाह तो धन के बस्ते मे,
है लूट खसोट की रेलम-पेल, हैं बड़े झमेले इस रस्ते मे।

कमर तोड़ है भारत की महंगाई, फिर भी देखो इनकी बेहयाई,
अस्त-व्यस्त पड़ी अर्थव्यवस्था, फिर भी की लूटने की व्यवस्था।

देखो जरा इस देश की अवस्था, आजादी के समय से शून्य बाबस्ता,
राज किया गांधी ने साल साठ, गर पुछो कुछ तो मार जाता है काठ।

21 Jul 2013

Rahul Gandhi's Pol Khol against Modi

पप्पू के मोदी के खिलाफ पोल खोल पर प्रस्तुत हैं कुछ पंक्तियाँ....कृपया हंसना मना है

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पप्पू चला खोलने पोल,
फट गया देखो उसका ढ़ोल,
पप्पू मे ही निकला झोल,
पप्पू लगा करने तोलमोल,
पप्पू का डॉगी भौंका,
सोनी ने लगाया छौंका,
पप्पू का ढ़ोल किसने फाड़ा,
पप्पू को किसने लताड़ा,
दौड़ा-दौड़ा देखो पप्पू दौड़ा,
ना जाने है किसका छौंडा॥

पप्पू चला खोलने पोल,
फट गया देखो उसका ढ़ोल,
मच गया हल्ला चारो ओर,
पप्पू की मम्मी निकली चोर,
चोर की दाढ़ी मे झाड़ू,
मम्मी निकली बड़ी जुगाडु,
झट बदला अपना पाला,
पर सामने ही था नाला,
मम्मी गई नाले मे गिर,
फटा उसका काला सिर॥

पप्पू चला खोलने पोल,
फट गया देखो उसका ढ़ोल,
मम्मी ने पप्पू को ठोंका,
डॉगी नाले मे जाके लोटा,
सोनी भी हुआ खफा,
तिवारी निकला बेवफा,
सिंघवी बोला अबकी दफा,
याद ना हमको कोई वफा,
पप्पू दूम दबा के भागा,
इटली मे भी पड़ गया डाका॥

15 Jul 2013

Problems due to Nehru Legacy




जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को जबरन हड़प पाकिस्तान मे विलय करने हेतु कबाइलियों की मदद से हमला किया एवं तत्कालीन आजाद जम्मू-कश्मीर के ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह अपने साथियों समेत कबाइलियों को रोकने मे अपने प्राणों की आहुति दे दिये उस दौरान 2 दिनों तक तत्कालीन प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू अपने प्रिय देशद्रोही शेख अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर का सिरमौर बनाने हेतु महाराजा हरी सिंह के 25 अक्तूबर 1947 को मिले विलय के हस्ताक्षर युक्त पत्र को नकार कर 26 अक्तूबर 1947 को पत्र लिखा था जिसमे अपनी शर्ते रखी थी इन नेहरू ने,

"पहले जम्मू कश्मीर की सत्ता शेख अब्दुल्ला को सौंपो, स्वयं जम्मू कश्मीर छोड़ कर बाहर चले जाओ तभी विलय स्वीकार होगा और तभी भारतीय फौज श्रीनगर पहुंचेगी।"

नेहरू ने अपनी इस हठधर्मिता एवं अदूरदर्शिता के आगे एवं शेख अब्दुल्ला के प्रेम मे पागल हो कर सरदार पटेल, गोपालस्वमी आयंगर, आचार्य कृपलानी एवं महात्मा गांधी तक की नेक सलाहों को ताक पर रख दिया। अपने हाथ एवं अदूरदर्शिता के मद मे चूर नेहरू इतना भी नहीं भाँप रहे थे की अगर जम्मू-कश्मीर हाथ से चला गया तब क्या होगा?

इसी दौरान पाकिस्तानी सेना श्रीनगर तक पहुँच गई थी एवं चुन-चुन कर हिन्दू मंदिरों तथा हिन्दू घरों को आग के हवाले एवं हिन्दू औरतों का बलात्कार कर रही थी। ऐसे समय मे देशहित मे एवं अपने प्रजा को बचाने हेतु महाराजा हरी सिंह ने नेहरू की इन अनुचित शर्तों को मान लिया। तब जाकर भारतीय सेना 27 अक्तूबर 1947 को श्रीनगर की धरती पर उतरी। 

वैसे कबीले गौर ये भी था की जहां जम्मू कश्मीर पर ये हमला शेख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान एवं जिन्ना के साथ मिल कर कराया था वही शेख अब्दुल्ला हमले के दौरान अपने पूरे परिवार संग अपने साले के यहाँ इंदौर भाग गया था। एवं लड़ाई समाप्त होने पर नेहरू उसे भारतीय सेना की सुरक्षा मे इंडियन एयरफोर्स के विमान से दूल्हे की तरह श्रीनगर पहुंचा। एवं पूरे संघर्ष एवं लड़ाई के दौरान दृढ़ता से टीके रहने वाले महाराजा हरी सिंह अपना सर्वस्य लूटा कर श्रीनगर छोड़ जम्मू आ गए।

देश का प्रधानमंत्री होने के बाद भी नेहरू को जब देश की सामरिक नफा-नुकसान तक पता न था एवं एक देशद्रोही का साथ दिया ऐसे मे मैं नेहरू को क्यूँ ना देशद्रोही कहूँ  ?

14 Jul 2013

Portrayal of Secularism of Congress


नेल्ली मे कराह रहे मुसलमान
दिल्ली मे दम तोड़े सिख पहलवान
भागलपुर का भाग्य है फूटा
मोरादाबाद हुआ अब ठूँठा
रांची की क्या कहें हम 
मुंबई मे देखा आपका दम
जल रहा महाराष्ट्र है
उबाल रहा उत्तर प्रदेश है
मध्य प्रदेश को ये खा गए
उड़ीसा को बिलकुल पचा गए
अंडमान की खबर नहीं
असम मे बची कोई जगह नहीं
मिजोरम झेले संत्रास
अरुणाञ्चल हो गया बकवास
पंजाब को भी जला गए
कश्मीर को देख ललचा गए
राजस्थान मे स्थान नहीं
हरयाणा बिन बवाल नहीं
झारखण्ड को किया खंड-खंड
बंगाल भी हुआ भंग
केरल की फिकर किसे है
आंध्रा मे पेट्रोल फेंके है
1983 और 84 की तुम बात ना करना 
2002 केवल याद हमे है करना 
बातें करते वो केवल हित की
दी बली मुसलमानों की अपने जीत की
बाते हैं उनकी केवल सतरंगी
हैं ना ये किसी के साथी-संगी 
खूंटा अब इनका तुम उखाड़ दो
इस चुनाव मे इनको अब पछाड़ दो