23 Aug 2012

एक देश बिना बेटियों का


एक देश था जो बहुत खुशहाल था| उस देश में सभी पढ़े लिखे थे चाहे थोडा या ज्यादा| सभी प्रेमपूर्वक रहते थे आपस में| सभी के परिवार में आपस में अगाध प्रेम था| कहीं कोई लालच नहीं था किसी तरह का| हर घर में लड़कियां भी थीं जिन्होंने उस देश का नाम बहुत ही ज्यादा गौरवान्वित किया था| बहुत सी लड़कियां डाक्टर बनी थी तो बहुत सी इंजिनियर भी बनी और सबसे ज्यादा ख़ुशी तो तब हो गई जब ये लड़कियां देश की सेना में भारती हुईं| कोई-कोई लड़की तो देश के अलग-अलग भागों की मुख्यमंत्री और देश की प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति बनी| सभी माता-पिता अपने बेटियों से खुश थे| हर तरफ लड़कियों की तूती बोल रही थी|

पर अचानक उस देश की खुशियाँ धीरे-धीरे ख़तम होने लगीं जैसे की किसी ने उस देश की खुशियों को नजर लगा दी हों| उस देश में बच्चियां कम होनी चालू हो गईं| जिनके पास थीं भी उनको घर में कैद करके रखा जाने लगा| तरह-तरह की पाबंदियां लगने लगीं लड़कियों पर| लड़कियों का जीवन दूभर हो गया| लड़कों को दुल्हन के लिए लड़कियां नहीं मिल रही थीं| घरों में केवल पुरुष ही पुरुष या बुजुर्ग महिलाएं दिखाई दे रही थीं| कोई बहन या पत्नी या बेटी नहीं दिखाई दे रही थी|

ये अशुभ दिन की शुरुवात कुछ समय पहले शुरू हुआ जब मूल को भूल उस खुशहाल देश के नागरिक ब्याज के तरफ भागना चालू किये| दहेज़ नाम के एक दानव का देश में प्रादुर्भाव हुआ तथा जिस तरह हम अपने मूल ग्रंथों से दूर होते गए जिसमे स्त्रियों को आराध्य और सर्वोच्च स्थान प्राप्त था| पर उन ग्रंथों को इस तरीके से तोडा-मरोड़ा गया की स्त्रियाँ जैसे शैतान का रूप हो गईं|

उसी समय विज्ञानं ने एक चमत्कार किया| बच्चा पैदा होने से पहले उसके लिंग परिक्षण का| लोगों की कतारें लग गईं बच्चों के लिंग परिक्षण की| सभी को बेटा चाहिए था| बेटियां किसी को नहीं चाहिए थी| महिला डाक्टर ही बच्चियों को गर्भ में ही मार रही थीं और महिलाएं ही बढ़-चढ़ कर मरवा रही थीं बच्चियों को गर्भ में ही| बच्चियों की संख्या कम और बच्चों की संख्या बढाती जा रही थी| धीरे-धीरे उस देश से बच्चियां गायब हो गईं| कोई बच्ची उस देश में बची ही नहीं| जब बच्चे बड़े हुए तब शादी के लिए लड़की खोजी जाने लगी| किसी लड़के के लिए कोई दुल्हन ही नहीं मिल रही थी|

उसी समय उस देश के बुजुर्गों से पहले वहां के युवाओं ने ये फैसला लिया की वो दहेज़ नहीं लेंगे और बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं रखेंगे| जैसे ही दहेज़ नाम के दानव को लोगों ने अपने अन्दर से निकल फेंका उसी समय बेटियों की संख्या बढ़ने लगी देश में और देश फिर से खुशहाल होने लगा|

उस देश के निवासियों ने बाकि सभी से भी दहेज़ रूपी दानव को मरने का आग्रह किया ताकि हर देश सुखी और खुश हो सकें|



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