30 Aug 2013

Arvind Kejriwal the Traitor - VII

केजरीवाल : हत्यारों, चोरो, डकैतों संग चोली दामन का साथ लेकिन कहते खुद को पाक साफ

केजरीवाल को IAC आंदोलन से पहले शायद कोई भी नहीं जानता था, सिवाय सरकारी महकमों और लूटेरी NGO बीरदारी के। लेकिन अन्ना को अनसन पर बैठा कर और खुद को उस अनसन से दूर रख इन्होने जो नाम कमाया वो काबिले तारीफ है। वैसे ज्ञात रहे की अन्ना के अनसन के समय इन्होने कहा था की चूंकि इनको शुगर की बीमारी है तो ये अनसन नहीं कर सकते हैं, फिर इन्होने कहा की अनसन से कुछ हासिल नहीं होता है, लेकिन ये महाशय ना केवल अनसन पर बैठे बल्कि विश्व भर के स्वस्थ्य विभाग के वैज्ञानिकों को चौंका भी दिया इतने दिन अनसन पर रह कर। वैसे इनके अनसन मे इनसे ज्यादा चर्चा स्टील के ग्लास का रहा।

अभी तक केजरीवाल पर आरोप चोरों और डकैतों के साथ रहने या उनको अपने साथ रख उनको ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने का आरोप लगता रहा है, परंतु अब केजरीवाल महोदय जिंदल इत्यादि डकैतों की शोहबत से थोड़ा आगे निकल कर अपहरण, फिरौती और हत्यारों को भी आज कल ईमानदारी का सर्टिफिकेट थोक के भाव मे देते हुए दिखाई दे रहे हैं। कभी पुना के किसी बलात्कारी और हत्यारे संग लंच कर रहे हैं और लॉन्ग ड्राइव का मजा ले रहे हैं तो अभी ये महोदय इन्ही हत्यारों, बलात्कारियों और डकैतों को अपनी पार्टी का टिकट बांटते नजर आ रहे हैं। शायद केजरीवाल के टिकट से इन सभी अपराधियों के पाप धूल जाएंगे। खुद को मोक्षदायिनी माँ गंगा का नर रूप मान बैठे हैं ये केजरीवाल।

ये अलग बात है की केजरीवाल ने पार्टी ना बनाने की घोषणा को भी लात मार पार्टी बनाई थी और घोषणा किया था की उनकी पार्टी से किसी भी अपराधी को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन अब भाई चोर के पेट मे दर्द तो होना ही था, दे दिया अपराधियों को टिकट।

स्वराज लाने की बात करते हैं केजरीवाल, हाँ उसी स्वराज की बात जिस किताब को चोरी कर अपने नाम से छाप दिया था इन्होने, उस स्वराज को कैसे लाएँगे इसका इनको ही अता-पता नहीं है। लेकिन चूंकि ये घृणित कार्य केजरीवाल ने किया अतः ये कार्य घृणित ना हो कर एक अमर गाथा बन गई।

अब कोई जरा इनसे पूछे की महोदय आपका तो बहुमत दिल्ली मे आएगा नहीं ऐसे मे सरकार बनाने के लिए आप किस पार्टी को समर्थन देंगे। वैसे इस सवाल का जवाब ये महोदय कभी नहीं देंगे, जैसे आज तक उठे किसी भी सवाल का जवाब न तो ये महोदय दे पाये और ना ही इनके पीछे चलने वाले पिछलग्गू चोंचलेबाज। अब भाजपा तो एक सांप्रदायिक पार्टी है अतः केजरीवाल जी उसको तो समर्थन देंगे नहीं, बसपा की इतनी सीट आएंगी नहीं, कुल मिला कर बचती है कॉंग्रेस, जिसे शर्तिया केजरीवाल जी समर्थन दे कर सरकार बनाएँगे, आखिर धर्मनिरपेक्षता भी कोई चीज होती है।

वैसे भी दोषियों का संग केजरीवाल को बहुत भाता है चाहे वो भू माफिया मयंक गांधी और अंजलि दमानिया हों जिन पर "आप पार्टी" का अंदरूनी लोकपाल सालों बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाया जिसे केजरीवाल महज 3-4 महीनों मे पेश करने की बात करते सुने जाते थे। और जिंदल जैसे डकैत का संग तो केजरीवाल ने बहुत कुछ ऐश किया। जिंदल से पैसे चंदे के रूप मे ले कर केजरीवाल कोयला घोटाले पर होंठों को सील कर अज्ञातवास मे बैठ गए। भूषण बंधु जो कोर्ट के द्वारा सजायाफ्ता है और जाने कितने केस इनके खिलाफ चल भी रहे हैं वो भी धोखाधड़ी के ही वो ही भूषण बंधु पार्टी के मुख्य कर्ता-धर्ता हैं। 

वैसे केजरीवाल ही कौन सा पाक साफ हैं। आज सभी इनके समर्थक चिल्लाते हैं की केजरीवाल के साथी करोड़ो कमाते थे लेकिन केजरीवाल ने नहीं कमाया। लेकिन क्या किसी ने भी आज तक बताया की केजरीवाल ने कितने घोटाले उजगार किए, अपने कितने लूटेरे मित्रों का नाम उजागर किया। जवाब होगा एक भी नहीं, कारण होगा अरे भाई एक चोर कभी दूसरे चोर का नाम बताता है भला।

वैसे केजरीवाल पर भी जब किसी ने आरोप लगाए या तो केजरीवाल ने उन सभी आरोप लगाने वालों को केजरीवाल ने पहचानने से मना कर दिया या फिर केजरीवाल के गुंडों ने केजरीवाल पर आरोप लगाने वालों की धुलाई कर दी या जान से मारने की धमकी दी। वैसे केजरीवाल की पुरानी साथी किरण बेदी ने भी केजरीवाल पर धोखाधड़ी और पैसे के हेरफेर का आरोप लगाया तो केजरीवाल ने मंजे हुए राजनीतिज्ञ की तरह पल्ला झाड लिया। दूसरे पर महज झूठे आरोप लगाएँ तो सब ठीक लेकिन आप पर सही आरोप लगे तो भी सामने वाला देशद्रोही, ये है केजरीवाल और उनके चमचों की आधारशिला।

केजरीवाल : कोंग्रेसी पपेट और जनलोकपाल आंदोलन का हत्यारा



26 Aug 2013

Soniya gandhi planning to ban VHP


विश्व हिन्दू परिषद संगठन को बैन करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। क्या ये बैन इस 84 कोसी यात्रा के चलते हो रहा है....मुझे ऐसा नहीं लगता है। क्यूंकी अगर ऐसा होता तो देश मे शुक्रवार को निकलने वाली भीड़ पर भी बैन लग चुका होता, तजिया को भारत से खत्म किया जा चुका होता है एवं भारत मे बसे हाफ़िज़ सईद जो हमेसा भड़काऊ भाषण देते रहते हैं ओवैसी बंधुओं को फांसी के फंदे पर लटका कर सुवरों को उनके मांस को खाने हेतु परोसा जा चुका होता।

लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ फिर ऐसे मे विश्व हिन्दू परिषद को बैन करने की बात समझ से परे हैं। लेकिन अगर कुछ समय पहले की घटनाओं को देखने पर पता चलता है की ऐसा संभव है। क्यूंकी कुछ समय पहले सोनिया गांधी बजरंग दल झूठे आरोप लगा कर उसको बैन करने की तैयारी कर चुकी थी। आरोप भी ये की बजरंग दल क्रिश्चियनों को जान से मार रहा है जबकि उन सभी क्रिश्चियनों की मौत आशनाई (लड़की बाजी, ननों के साथ हमबिस्तरी) के चक्कर मे क्रिश्चियनों ने ही की थी, जो की पुलिस जांच मे पता चली थी।

चाहे बजरंग दल हो या विश्व हिन्दू परिषद या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी वेटिकन के पोप एवं उनकी मातहत सोनिया गांधी द्वारा भारत मे संचालित बलात धर्मपरिवर्तन के आड़ मे बहुत बड़े रोड़ा हैं। ये तीनों ही संस्थाएं मिल कर पहले तो लोगों को धर्मपरिवर्तन करने से रोकती हैं अगर कोई धर्मपरिवर्तित मिल जाता है तो उसे पुनः उसकी स्वेक्षा से, ना की सोनिया गांधी की तरह बलात, पुनः हिन्दू धर्म मे समावेश कराते हैं।

इन तीनों हिन्दूवादी संगठनों का कोई कार्य आज तक देशविरोधी नहीं मिल पाया है भारत की इस सरकार को अतः किसी भी छोटे मुद्दे को भी बड़ा दिखा कर ये चाहते हैं इन संगठनों को बैन कर दिया जाए एवं खुल्ले भारत मे बलात धर्मपरिवर्तन कराया जाए। इनको कोई फर्क नहीं पड़ता है की भारत बिखरने के कगार पड़ खड़ा है या इनके इस कदम से भारत मे गृह युद्ध जैसे आसार बनते जा रहे हैं। परंतु सोनिया गांधी जो की एक कैथोलिक क्रिश्चियन हैं उनका सबसे बड़ा लक्ष्य ही है भारत को एक क्रिश्चियन देश बनाना। वैसे कैथोलिक क्रिश्चियन मुसलमानों के बाद दुनिया की सबसे वहशी प्रजाति है जिसकी भारत मे पुरोधा सोनिया गांधी हैं।

सोनिया गांधी का भारत को क्रिश्चियन देश बनाना तब तक संभव नहीं है जब तक देश मे बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद एवं संघ है। अतः सोनिया गांधी साजिशन इन तीनों ही संगठनों को देशविरोधी कार्यों को दिखा कर बंद करने की तैयारी का शुरुवात कर चुकी हैं। और इस साजिश मे सोनिया का साथ सभी क्षेत्रीय पार्टियां चाहे वो पुरानी हों जैसे सपा इत्यादि या फिर फोर्ड के पैसे बनी केजरीवाल की पार्टी, सभी सोनिया गांधी की हाँ मे हाँ मिला कर देश को अंधकार के गर्त मे धकेलने मे महती भूमिका निभा रहे हैं। इन सभी क्षेत्रीय पार्टियों को देश से कोई मतलब नहीं है बल्कि इनको तो मतलब अपने स्विस बैंक मे बढ़ रहे नोटों के बण्डल से है।

क्षेत्रीय पार्टियों की नोटो की भूख को वेटिकन एवं सोनिया गांधी बहुत ही अच्छे से समझ रही हैं। अतः उन सभी पार्टियों को नोटो के बण्डल मे दबा कर सोनिया खुल्लेआम बलात धर्मपरिवर्तन कराना चाहती है और इसके लिए सोनिया गांधी अपने मार्ग मे रोड़ा बने इन सभी हिन्दूवादी एवं राष्ट्रवादी संगठनों पर बैन भी लगा सकती है।


16 Aug 2013

Bihar mid-day-meal or poison

बिहार के लोगों ने चुनी तो एनडीए की खुशहाली थी, लेकिन झेल रहे हैं यूपीए का दंश 


16 जुलाई छपरा तो 16 अगस्त वैशाली मिड-ड़े-मील बना जहर

बिहार मे अभी पिछले महीने मिड-ड़े-मील खा कर मारे बच्चों की कब्र गीली ही होगी की आज फिर से 40 बच्चों की तबीयत खराब हो गई बिहार के ही वैशाली जिले मे।

छपरा मे 23 बच्चों का लील गया था नितीश बाबू का मिड-ड़े-मील और इस बार वैशाली जिले के 40 बच्चे पड़े बीमार

ज्ञात खबरों के आधार पर मिड-ड़े-मील खाते ही बच्चों को पेट मे तेज दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। बीमार बच्चों का इलाज अस्पताल मे कराया जा रहा है।

आश्चर्य इस बात का है की पिछले महीने हुई मिड-ड़े-मील जहर काण्ड की पड़ताल अभी चल ही रही है की आज दूसरा काण्ड हो गया।

क्या मिड-ड़े-मील जहर से कभी अमृत बन सकता है और दूसरा सबसे बड़ा प्रश्न यही अनाज तो मिलेगा फूड सिक्योरिटी बिल मे भी

Was Congress behind Kandhar Plane Hijack


कॉंग्रेस को 84 दिन पहले पता था काठमांडू से विमान अपहरण होगा

बहू चर्चित IC-814 प्लेन अपहरण जो एनडीए शासन काल मे हुआ था उस पर NewsX ने किया बड़ा खुलासा

मेघालय की कॉंग्रेस सरकार को 84 दिन पहले पूरे अपहरण की जानकारी दी गई थी जिसे मेघालय सरकार ने आज तक दबा कर रखा और जानकारी देने वाले ने जब केस किया तब मेघालय सरकार उस को पैसे का लालच दे कर केस वापस लेने का दबाव बना रही है....ज्ञात रहे की इस केस का एक मात्र गवाह इब्रहीम संदेहास्पद परिस्थितियों मे मारा जा चुका है। एवं इब्रहीम की महिला दोस्त पूनम इस समय सीबीआई की वकील बन चुकी है।

मेघालय के उमाकांत मिश्रा ने 84 दिन पहले इब्रहीम हुसैन जो की इस पूरे मामले का गवाह था को लेकर मेघालय चीफ सेक्रेटरी के पास गए और पूरे घटना के विवरण के साथ लेटर लिखा। उस लेटर का शीर्षक ही था "Plan to hijack Indian Airplane from Kathmandu"। इब्रहीम हुसैन को मिश्रा जी ने चीफ सेक्रेटरी से गवाह के तौर पर ही मिलाया। लेकिन आज तक उस लेटर को मेघालय सरकार दबा कर बैठी थी और कहीं भी उस लेटर का जिक्र नहीं था।

विमान अपहरण के 3 महीने बाद रहस्मय परिस्थितियों मे इब्रहीम हुसैन सर मे गोली लगने से मरा पाया गया। इस हत्याकांड को भी मेघालय सरकार ने दबा दिया और इब्रहीम हुसैन जो की गवाह था उसके मृत शरीर का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया मेघालय सरकार ने और कह दिया हाइ ब्लड प्रेसर से मरा इब्रहीम।

आज अगर मेघालय सरकार उस लेटर को दबा कर ना बैठी होती तो ना ही विमान अपहरण होता और विमान अपहरण मे संलिप्त सभी का नाम इब्रहीम हुसैन नामक गवाह के चलते बाहर आ जाता।

ऐसे मे मेघालय सरकार द्वारा इतनी अहम जानकारी मिलने के बाद भी उसको केंद्र सरकार को सूचित ना करना पूरी कॉंग्रेस पार्टी को कटघरे मे आतंकियों के साथ खड़ा करता है की कहीं विमान अपहरण मे कॉंग्रेस का हाथ तो नहीं था। (वैसे पूर्व मे कोंग्रेसी विधायक एवं संसद विमान अपहरण कर चुके हैं)

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ये भी ज्ञात रहे की तीनों आतंकी जिन्हे कांधार मे छोडना पड़ा था, रुबइया सईद, कोंग्रेसी मंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण मे जेलोंमे बंद थे। वैसे रूबइया सईद खुद ही इन आतंकियों से मिली हुईं थीं एवं खुद ही अपना अपहरण कराया था और आतंकियों के छूटते ही खुद ही वापस भी आ गईं जैसे गईं थीं वैसे वापस भी आ गईं।



Why I hate Muslims


कई लोग पूछते हैं की मैं मुसलमानों से इतनी नफरत क्यूँ करता हूँ? मैं खुल कर जवाब नहीं देता था। लोग आ कर मुझे समझते थे की ये हमारे देश के ही हैं, इनसे इतनी नफरत नहीं करनी चाहिए। हमे मिलजुल कर रहना चाहिए इत्यादि। वैसे मैंने उनको हमेसा एक जवाब दिया कि मुझे मुसलमानों से नफरत नहीं है बल्कि मुझे मुल्लों से नफरत है। मुसलमान वो होता है जो ईमान का पक्का होता है। और मुल्ला जो अपने बाप का भी नहीं होता है।

मेरे मुल्लों के प्रति नफरत की शुरुवात उन दिनों से हुई जब मैं कुछ समझने लायक हुआ। शुरू से मैं अपने दादा-दादी के काफी करीब रहा, उनका लाड़ला हूँ। लेकिन दादा जी अपने लाड़-प्यार मे भी थोड़े व्यावहारिक थे। उन्होने बताई इन मुल्लों कारस्तानी।

बात उन दिनों कि है जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था। और मेरे दादा जी कि उम्र उस समय शायद 20+ थी। बँटवारे से पहले दादा जी कि बड़ी बहन कि शादी ढाका, बांग्लादेश मे उस समय के एक बड़े जमींदार से हुई थी। जिनका वहाँ अपना बिजनेस था एवं वो खुद स्वतन्त्रता सेनानी थे। अब बँटवारे के समय के समय सभी उनको भारत बुला रहे थे क्यूंकी बँटवारे से पहले ही मुल्ले खून-खराबे पर उतर आए थे। लेकिन दादा जी के बहनोई ने कहा कि ढाका उनकी कर्मस्थली ही नहीं वरन जन्मस्थाली भी है। अतः वो ढाका किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे और ना ही मुसलमान बनेंगे। 

दादा जी के बहनोई के यहाँ कई मुल्ले कार्य करते थे और दादा जी के बहनोई के वजह से ही उन मुल्लों के घर का चूल्हा जलता था। जब मुल्लों के अत्याचार से वहाँ कि हिन्दू जनता इनको जवाब देने पर आई तब ये सभी भाग कर दादा जी के बहनोई कि कोठी मे पहुंचे। दादा जी के बहनोई का उस समय रसूख बहुत ही अच्छा था। अतः उनके मिन्नत करने पर उन मुल्लों को छोड़ हिंदुओं कि गुस्साये भीड़ ने बख्स दिया और वहाँ से चले गए। लेकिन मुल्ले मारे डर के वहीं रहे करीब 3-4 दिन तक। बुआ और उनकी देवरानियाँ सभी के लिए खाना बनाती थीं उन 4 दिनों मे। लेकिन जब हिन्दू वहाँ से पलायित हो गए और भारत आ गए तब मुल्लों कि भीड़ आगे बढ़नी चालू हुई और बचे हुए अल्प हिंदुओं को काटना चालू किया।

इसी क्रम मे जब उन्मादी मुल्लों कि भीड़ दादा जी के बहनोई के घर के सामने आई तो उनके लठैतों एवं हिन्दू कामगारों ने हवेली का गेट बंद कर दिया। तभी जो मुल्ले दादा जी के बहनोई के यहाँ शरण लिए हुए थे उन्होने हवेली का गेट खोल दिया और उन्मादी भीड़ हवेली के अंदर घुस आई। इतने मे दादा जी के बहनोई ने अपने एक विस्वसपात्र सेवक से कह घर कि औरतों को घर से बाहर सुरक्षित भेज दिया ताकि आबरू बची रहे। घर के अंदर दादा जी के बहनोई कि माँ और मर्द बचे रहे। घर के लोगों और अपने अन्नदाता मेरे दादा जी के बहनोई पर घातक प्रहार करने वाला और कोई नहीं बल्कि शरण लिया हुआ मुल्ला ही था। घर के सभी व्यक्तियों को काट डाला गया। घर को घर मे घायल पड़े लोगों के साथ आग के हवाले कर दिया गया। पूरे घर मे या परिवार मे कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं बचा था।

इसी बीच दादा जी जो उस समय कलकत्ता मे रहते थे अपनी बहन को लाने ढाका के लिए निकल चुके थे वो भी पैदल। दादा जी नालों एवं सभी कठिनाइयों को पार करते हुए ढाका पहुंचे। मुल्लों से बचा कर अपनी बहन को लाने के लिए दादा जी ने अपनी दाढ़ी मुल्लों के मानिंद रख ली थी।

इसी बीच ढाका मे दादा जी कि बहन ही किसी तरह जिंदा बच पाईं जो एक हिन्दू घर मे आश्रय लिए हुए थी अपने पति के इंतजार और बाकी उनकी देवरानियाँ सेवक के साथ निकल गईं लेकिन ना तो सेवक का कुछ पता चला और ना ही देवरानियों का। दादा जी कैसे भी ढूंढते हुए उस घर मे पहुंचे जो दादा जी के बहनोई के घर से करीब 1 किलोमीटर कि दूरी पर हिन्दू बाहुल इलाके मे था।


दादा जी वहाँ से अपनी बहन को लेकर भारत कि तरफ चल पड़े बिना अपनी बहन को उनके पति एवं सभी घरवालों कि मौत के बारे मे बताए हुए। रास्ते मे हिन्दू की भीड़ देखते ही मुल्ले हमला कर देते थे। लड़कियों एवं औरतों को उठा ले जाते थे एवं मर्दों को काट डालते थे। दादा जी एवं उनकी बहन नालों के अंदर, पुलों के नीचे या लाशों के बीच लेट कर किसी तरह बचते-बचाते कलकत्ता पहुंचे। वहाँ से दादा जी के दोस्त या सही मायनों मे बड़े भाई समान श्री विजय सिंह नाहर जी ने दोनों लोगों को हमारे गाँव भेजने कि व्यवस्था कि। दादा जी की बहन जीवन पर्यंत हमारे साथ ही हमारे गाँव पर रहीं। 

दादा जी बताते हैं कि कपड़े पूरी तरह खून से सन गए थे। रात मे सोने पर आँख बंद नहीं होती थी एवं लाशों का मंजर आँखों के सामने नाचता था। कैसे वहशी मुल्ले लोगों को काट-काट कर फेंकते थे। बलात्कार करना एवं उसके घर सहित जला देना ये उन मुल्लों के लिए आम बात थी।

अब ऐसे मे आप बताएं क्या मेरी इन मुल्लों के प्रति नफरत गलत है। ये जो अपने बाप के नहीं होते हैं, ये जो अपने अन्नदाता के नहीं होते हैं....क्या कभी ये मुल्ले इस देश या हमारे-आपके होंगे। 


11 Aug 2013

Narendra Modi Speech in Hyderabad


Yes We Can, Yes Will Do.


नरेंद्र मोदी की हुंकार हिल गया पूरा कोंग्रेसीतान

मोदी जी आज हैदराबाद के स्टेडियम से हैदराबाद की जनता को संबोधित कर रहे थे। लेकिन मोदी जी का सम्बोधन जैसे लग रहा था की ललकिले पर चढ़ पूरी 121 करोड़ जनता को संबोधित कर रहे हों। 

मोदी जी का मंच पर स्वागत भारतमाता की जय और वन्देमातरम से हुआ। इसके साथ-साथ केरल के स्वतन्त्रता सेनानी 90 वर्षीय इंद्रसेना रेड्डी जी मंच पर केरल से आए और मोदी जी अपना आशीर्वाद दिया। साथ ही मोदी जी की ट्विटर माँ श्रीमती बैस ने भी मोदी जी आशीर्वाद दिया एवं मोदी जी ने दोनों वयो वृद्धों को अपने मंच पर स्थान दिया। इसके तुरंत पश्चात मोदी जी का भाषण शुरू हुआ। मोदी जी ने अपना भाषण तेलगु मे शुरू किया। तेलगु मे अपने आंध्र के भाइयों को संबोधित किया। तत्पश्चात मोदी जी ने हिन्दी मे भाषण देना शुरू किया। 

मोदी जी ने श्री वेंकेटश्वरा स्वामी जी से प्रदेश के लोगों को सुखी रखने की प्रार्थना की एवं दुख से लड़ने की शक्ति देने की प्रार्थना की। मोदी जी ने आंध्र के युवा को धन्यवाद दिया की उत्तराखंड के लोगों की सहायता के लिए उन्होने 5 रुपये का रजिस्ट्रेसन करा कर यहाँ एकत्रित हुए। 

मोदी जी ने कहा की जहां आज राजनीति, पार्टी एवं यहाँ तक की नेताओं के ऊपर से भी युवा का साथ ही जनता का विश्वास उठता जा रहा है, वहाँ इतने युवा स्टेडियम के अंदर एवं दुगुने युवा स्टेडियम के बाहर देख मेरा मन प्रफुल्लित हो गया। मोदी जी ने कहा की जिन युवाओं से मैं नहीं मिल पाया उनसे मिलने मैं फिर आंध्र आऊँगा और जरूर मिलुंगा।

मोदी जी अपने भाषण को आगे बढ़ाते हुए हाल मे पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों को मारे जाने पर प्रतिकृया देते हुए कहा, "जब हमारे 5 सैनिकों के सर पाकिस्तानी सेना काट कर ले गई थी तब हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा था की अब बस इसके आगे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। लेकिन आज फिर से 5 सैनिकों की हत्या कर दी गई पाकिस्तानी सेना द्वारा लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी मौन हैं। आखिर ऐसा क्या कारण है की पाकिस्तान बारम्बार ऐसी हरकतें कर रहा है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी मौन हैं और देश कातर आँखों से अपने सैनिकों को मरते हुए देख रहा है।" 

जम्मू के किश्तवर दंगे पर बोलते हुए मोदी जी ने कहा, "आज देखिये किशतवर मे क्या हो रहा है। कोई नहीं जानता है की कितने लोग मारे गए वहाँ, कितने घर जला दिये और कितनी दुकाने जलीं। आज किश्तवार मे राष्ट्रविरोधी ताक़तें पनप रही हैं राष्ट्रविरोधी कार्य हो रहे हैं। ऐसे मे जब आज राज्यसभा से विपक्ष के नेता अरुण जेटली जी किश्तवर जाने को निकले तो उन्हे जम्मू एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। क्या ये लोकतन्त्र है या कॉंग्रेस समर्थित जम्मू-कश्मीर की सरकार वहाँ की सच्चाई को बाहर नहीं आने देना चाहती है।" 

दिल्ली की सल्तनत को सिर्फ वोट बैंक बनाना है, दिल्ली की सल्तनत को सिर्फ वोट बैंक से प्यार है। भले चीन हमारी सीमा मे आ कर बैठ जाए। चीन हमारी सीमा मे आया, बैठा रहा, पूरे विश्व ने देखा, यहाँ तक की गूगल मैप पर भी देखा गया, लेकिन हमारी दिल्ली की सरकार इस पर भी मौन रही। चाइना को हमारी से जाना था लेकिन हमारी केंद्र सरकार ने मांडवली किया चाइना से और हमारी फौज को हमारी ही जमीन से हटना पड़ा। यहाँ भी कॉंग्रेस सरकार हार गई। ये दिल्ली की सल्तनत हमारी रक्षा कर सकने मे असमर्थ है।

जब पाकिस्तान हमारे सैनिकों के सर काट कर ले गया तो हमारे विदेश मंत्री पाकिस्तान को बिरयानी खिला रहे थे और बोले की ये तो प्रोटोकॉल है। चाइना के मुद्दे पर चाइना गए और वहाँ से भाषण दिया की चाइना बहुत अच्छा है और मेरा तो मन कर रहा है की मैं यहीं बस जाऊँ। अरे विदेश मंत्री जी एवं कॉंग्रेस कुछ तो शर्म करो। क्या हमारे सेना के जवानों को भी आप प्रोटोकॉल के तहत मरवा रहे हो। मोदी ने कहा आज देश की सुरक्षा खतरे मे है। आज बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ़ के जवानों को साफ निर्देश दिया गया है की घुसपैठीयों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं करनी है। बीएसएफ़ के जवानों को यहाँ तक आदेश दिया गया है की अगर बंगलादेशी घुसपैठिए आक्रामक रवैया अपनाते हैं तो उन्हे बिना किसी दिक्कत के भारत मे प्रवेश करने दिया जाए। इटली से जवान आते हैं, हमारे मछुवारों को मार देते हैं, पकड़े जाते हैं जेल होती है। ऐसे मे कोई आम आदमी को जमानत नहीं मिल सकती थी लेकिन इन दोनों इटली के जवानों को क्रिसमस मनाने के लिए जमानत मिलती है एवं ये आने से मना कर देता हैं। वो तो भला हो सुप्रीम कोर्ट का जिसके कारण उन हत्यारे इटली के सैनिकों को भारत वापस आना पड़ा। दिल्ली की सल्तनत हमारी किसी चीज को लेकर सिरियस नहीं है। उनको किसी चीज से कोई फर्क ही नहीं पड़ता है। 

मेरे नौजवान साथियों आप देश के बारे मे सोचते हो, आपको देश को लेकर फर्क पड़ता है, आप देश की भलाई सोचते हो लेकिन कॉंग्रेस की सरकार है महाराष्ट्र और आंध्र मे और सबसे आत्महत्या के केस यहीं हैं। क्या कर रही है कॉंग्रेस नौजवानों के लिए। कॉंग्रेस केवल नौजवानों को आत्महत्या के लिए बाध्य कर रही है।

2004 मे कॉंग्रेस ने वादा किया था की तेलंगाना बनाएगी। लेकिन 9 सालों तक चुप रही। जबकि आंध्र से ही कॉंग्रेस के सबसे ज्यादा एमपी हैं और आंध्र के बल पर ही दिल्ली मे कॉंग्रेस बैठी है। लेकिन फिर भी आंध्र के लिए क्या किया कॉंग्रेस ने। भाई को भाई से लड़वा दिया। छोटे राज्यों को अटल जी ने बनाया लेकिन जब मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ बने तब दोनों जगह मिठाई बांटी जा रही थी। यही हाल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए भी था, यही बिहार और झारखंड के लिए भी था की दोनों जगह मिठाई बांटी गई। लेकिन यहाँ कॉंग्रेस ने तो दोनों भाइयों को लड़वा दिया। मैं भी जब तेलंगाना आया था तो कहा था की 100 दिन मे तेलंगाना बना देंगे लेकिन हमने कहा था की हम सीमान्ध्र के विकास को नजरंदाज नहीं करेंगे। मैं चाहता हूँ आंध्र और तेलंगाना के शहर हैदराबाद से ज्यादा विकास करें। मैं पूछना चाहता हूँ की जब कॉंग्रेस ने 2004 मे ही कहा था की वो तेलंगाना को बनाएगी तो क्यूँ अभी 10 साल और इंतजार करने को कहा दूसरे राजधानी के लिए। क्यूँ नहीं दूसरी राजधानी के लिए उसी समय से काम शुरू हुआ। मैं एक छोटे जगह से आता हूँ, मैं गांधी और पटेल जी की धरती का हूँ, मैं नहीं चाहता की आंध्र और तेलंगाना दोनों भाई आपस मे लड़ें। माँ के दूध मे क्या कोई दरार होती है....नहीं। हमारे सूरत और अहमदाबाद मे 4 लाख तेलगु भाई रहते हैं और साथ मे कमाते हैं खाते हैं क्या वैसे ही यहाँ हम दोनों आंध्र और तेलगु भाई साथ नहीं रह सकते हैं। हमारा लक्ष्य होना चाहिए की आंध्र और तेलंगाना दोनों गुजरात से भी ज्यादा प्रगति करें, विकास करें। क्यूंकी विकास ही सारी परेशानियों का हल है।

लेकिन कॉंग्रेस विकास के पथ नहीं चलती क्यूंकी वो जनता के सवालों का जवाब नहीं दे सकती है। 40 साल पहले कहीं भी शुद्ध घी नहीं लिखा होता था बल्कि केवल घी लिखा होता था। आज शुद्ध घी लिखना पड़ता है क्यूंकी कॉंग्रेस ने उसमे भी मिलावट कर दिया। ठीक उसी प्रकार कॉंग्रेस ने गरीबों के थाली से रोटी छिन लिया और अब फूड सेक्यूरिटी बिल का झुनझुना दे रही है। अरे 60 सालों के राज के बाद आज फूड सेक्यूरिटी बिल जरूरत भला पड़नी चाहिए थी। 

आज अर्थशास्त्री एक शब्द का उपयोग करते हैं Inclusive Growth। क्या इस शब्द का उपयोग पहले होता था। नहीं। लेकिन आज हो रहा है क्यूंकी कॉंग्रेस सभी को Exclude करके चलती है। आज कॉंग्रेस देश पर बोझ बन गई है। आज मैं NTR को याद करना चाहता हूँ जिंहोने कॉंग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करने की कोशिस की। अगर हम NTR को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो उनके कॉंग्रेस मुक्त भारत को साकार करें। आज पूरे देश मे कॉंग्रेस मुक्त भारत का वातावरण बन रहा है हमे इसको पूरा करना होगा। 

आज भ्रस्टाचार ने पूरे देश को निगल लिया है। जल-थल-नभ कोई ऐसा कोना नहीं छोड़ा कॉंग्रेस ने जहां उसने भ्रस्टाचार नहीं किया हो। हमारे नेता एलके आडवाणी जी पूरे देश मे घूमे। मकसद सिर्फ काले धन के प्रति जागरूकता को लाकर काले धन को विदेशी बैंको से भारत वापस लाना था। लेकिन कॉंग्रेस ने उनकी नहीं सुनी। मतलब साफ है की कॉंग्रेस का ही है काला धन जो वो लाना ही नहीं चाहते हैं। 

आप गुजरात को पसंद नहीं करते हैं ठीक है लेकिन तमिलनाडु की डॉ जयललिता से स्किल डेव्लपमेंट के बारे मे सीखें। डॉ रमन सिंह जी ने कैसे गरीबों को भी भोजन दिया उससे सीखे जिसको सुप्रीम कोर्ट तक ने सराहा है। लोग कहते हैं की कैसे एक बच्ची बड़ी हो अपना भविष्य देखे तो मैं कहता एचएन की आप मध्य प्रदेश जाएँ और वहाँ शिवराज चौहान जी की लाड़ली लक्ष्मी योजना को देखें।

देश मे एक ही परिवार ने सालों-साल राज किया लेकिन उस परिवार ने भारत के आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया। एक बार मैंने प्रधानमंत्री जी से कहा की आंध्र, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, गोवा सभी की कोस्ट लाइन है एक बार सभी प्रदेशों के मुख्य मंत्रियों को बुलाएँ और हम बैठ कर देखें की कोस्ट लाइन को हम कैसे विकास मे बदल सकते हैं। लेकिन आज तक प्रधानमंत्री जी ने मेरी बात नहीं सुनी और आज रुपया की कीमत देखिये डॉलर के मुक़ाबले की है।

कभी विदेशों से बच्चे हमारे देश मे पढ़ने आते थे लेकिन आज हमारे ही युवा वो शिक्षा नहीं पा पते हैं जो वो चाहते हैं। आज हमारे शिक्षित युवा और पैसा दोनों हमारे देश से बाहर जा रहा है। आज गाँवों मे डॉ नहीं है जिस वजह से हमारे ग्रामवासियों को दवाई तक नहीं मिल पाती है। ये समस्या सालों से है लेकिन केंद्र सरकार ने आज तक इस समस्या को दूर करने की ओर कोई कदम नहीं उठाया। हम दवाई तो बना रहे हैं लेकिन क्या हमारे पास डॉ हैं उन दवाइयों को देने के लिए। 

हर जरूरी चीज खाना, छत, कपड़ा कॉंग्रेस हमसे छिनती जा रही है। लेकिन उस तरह से विकास नहीं कर रही है की ये जरूरी चीजें तक हमे मिल सकें। आज युवाओं के पास वो सामर्थ्य है की वो कार्य कर सकें लेकिन कॉंग्रेस के भ्रस्टाचार ने पूरा कोश खाली कर दिया तो युवाओं को उनके अपेक्षित कार्य नहीं मिलता है। आज युवाओं के पास स्किल के होते हुए भी कार्य नहीं है।

सरकार का एक ही धर्म होता है - भारत पहले। सरकार का एक ही धर्मग्रंथ होता है - भारत का संविधान। सरकार की एक ही भक्ति होती है - भारत भक्ति। सरकार की एक ही शक्ति होती है - जन शक्ति। सरकार की एक ही पुजा होती है - सवा सौ करोड़ भर्तियों की भलाई। सरकार की एक ही कार्य शैली होती है - सबका साथ सबका विकास।

Yes We Can, Yes Will Do. 

जय तेलंगाना, जय सीमांध्रा, भारत माता की जय, वन्देमातरम

http://www.youtube.com/watch?v=yk_lR88bpsg


Arvind Kejriwal the Traitor - VI


आम आदमी पार्टी वालो का तो सिर्फ और सिर्फ एक ही काम है और वह है मोदी विरोध! और मोदी विरोधियो का खेमा कितना व्यापक है यह तो सभी जानते हैं इसमें केजरीवाल ही नहीं, सोनिया और यहाँ तक अडवानी जैसे नेता शामिल हैं जो की इस काम में लगे रहते हैं की कैसे मोदी समर्थको को तोडा जाये! 

अभी जब पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी नरेन्द्र मोदी के साथ खड़े मिले तो उनको झूठे आरोप लगा के बदनाम कर दिया! इतना बदनाम की उन्होंने अध्यक्ष पद त्याग दिया! लेकिन आज तक नितिन गडकरी की चार्ज शीट नहीं बनी क्योंकि कोई आरोप तय ही नहीं हो पाए! अलबत्ता आरोप लगाने वाली आम आदमी पार्टी की मुख्य सदस्या एवं केजरीवाल की अभिन्न महिला साथी अंजलि दमानिया खुद कठघरे मे खड़ी नजर आईं। ऐसे मे 1 साल से भी पहले केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के आंतरिक जनलोकपाल द्वारा जांच कर 5 महीने के अंदर रिपोर्ट लाने को कहा लेकिन केजरीवाल जी के ना तो 5 महीने पूरे हुए और ना ही रिपोर्ट आई। परंतु मीडिया की रिपोर्ट आ गई की दोषी अंजलि दमानिया थी जो वहाँ की जमीन हथियाने के चक्कर मे थी और बहुत सी जमीन पहले ही हथिया चुकी हैं।

मोदी विरोधी खेमे को लगा की नया भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह उनके इशारो पर नाचेगा और मोदी पार्टी में दरकिनार हो जायेंगे परन्तु पुनः ऐसा नहीं हुआ! राजनाथ सिंह जम कर मोदी के साथ खड़े दिखाई दिए और उन्होंने पार्टी को एक नयी दिशा दी! 

इस पर मोदी विरोधी खेमे को लगा की अब तो राजनाथ सिंह को कैसे बदनाम किया जाए तो अब वह उनके खिलाफ मोर्चा खोल कर खड़े हो गए RTI और पता नहीं क्या क्या का सुर छेड़ कर! 

आखिर "टारगेट" पर तो मोदी ही हैं ...... राजनाथ सिंह पर तो प्रहार इसलिए है की मोदी का आधार कमज़ोर किया जा सके!

पर यह ध्यान रहे ..... जीत हमेशा सच की होती है!

सत्यमेव जयते!!!!!

10 Aug 2013

Arvind Kejriwal the Traitor - V



आओ खेलें टोपी-टोपी

ये दो टोपियाँ हैं....एक टोपी दशकों से आम जनता को पहनाई जाती रही है और वोट लीआ जाता रहा है

दूसरी टोपी हाल ही मे पैदा हुई है जिसकी विशेषता है की इसको पहनने के लिए आम आदमी को लिख कर बताना पड़ता है की वो "आम आदमी" है

मतलब साफ है दोनों टोपी एक ही है बस पहनाने का तरीका बदला है 

Arvind Kejriwal the Traitor - IV


एक केजरीवाल समर्थक मुझे अपना केजरीवाल विरोधी पोस्ट रोकने को कह रहे थे। मैंने उनसे पूछा की केजरीवाल ने अपने नौकरी के दौरान ऐसा क्या किया था जैसा बाकी के ईमानदार IAS अधिकारियों ने किया तो .....

अभी अभी केजरीवाल के समर्थक ने बताया की केजरीवाल ने अपना NGO "परिवर्तन" अपने नौकरी के दौरान बनाया....वो भी गुप्त तरीके से....और RTI के जरिये काम किया 

जब मैंने कहा की ये तो गैर कानूनी है। कोई भी इंसान सरकारी नौकरी मे रहते कुछ और नहीं कर सकता है तो बताने लगे की वो केजरीवाल ने अपने नाम से नहीं बनाया था.....जबकि केजरीवाल के एनजीओ मे केजरीवाल ही हैं शुरू से।

उसके बाद तर्क देने लगे की इतना तो चलता है और केजरीवाल ने अपने नौकरी के दौरान यही कार्य किया है ।

ऐसे मे गद्दार हुआ ये केजरीवाल और इसको तो जेल मे होना चाहिए।

Arvind Kejariwal the Traitor - III


केजरीवाल की बदलती टोपीयाँ

जब से अन्ना आंदोलन चालू हुआ और अरविंद के साथ टोपियों का बाजार चालू हुआ वो बदस्तूर जारी है

सबसे पहली टोपी आई "मैं अन्ना हूँ" "i am annaa" "मी अण्णा आहे"

अगले अनसन मे टोपी आई "मुझे चाहिए जनलोकपाल"

थोड़े समय बाद IAC ग्रुप टूट गया और फिर नई टोपी आई "मैं अरविंद हूँ" - ये इस लिए था क्यूंकी अन्ना के आम लोगों के साथ मिल कर खड़े किए गए आंदोलन को अरविंद ने हाईजैक कर अपना नाम दे दिया आखिर अपनी महत्वाकांक्षा जो पूरी करनी थी...और इस महत्वाकांक्षा के लिए अन्ना की बाली देना मतलब अलग करना जरूरी था।

फिर नम्बर आया "मुझे चाहिए स्वराज" - वैसे ज्ञात रहे की यहाँ स्वराज नामक किताब तक अरविंद केजरीवाल ने चोरी कर ली एक शिक्षक की और अपने नाम से छाप दिया....इसे कहते हैं ईमानदारी

फिर बारी आई "मैं हूँ आम आदमी"

एक सभा मे अरविंद की टोपी पर हिन्दी और उर्दू दोनों मे लिखा मिला "मैं हूँ आम आदमी" .... क्यूँ भाई वन्देमातरम और भारत माता की फोटो को मंच से हटाने के बाद भी बुखारी का सपोर्ट नहीं मिल रहा था क्या?

इसके बाद टोपी आई "आम आदमी पार्टी जिंदाबाद" - इस टोपी को दिखा कर कॉंग्रेस का साथ पर बीजेपी पर बकवास यही केजरीवाल का मकसद बना.....बिके हुए इंसान से इससे ज्यादा क्या उम्मीद की जा सकती है।

इन बदलती टोपियों से एक बात तो समझ आ गई की केजरीवाल बहुत ही प्यार से लोगों को टोपी पहनाता चला जा रहा है.....हाँ टोपी पहनने के बाद आपको सवाल करने का हक नहीं है बस आँख बंद कर जो केजरीवाल कह रहा है उसे मान लो....ज्यादा चूँ-चापड़ की तो केजरीवाल के गुंडे हैं ना

केजरीवाल की टोपी की कसम बड़ा ही धूर्त है यह....जब ये अपने अन्ना का नहीं हुआ....किरण बेदी का नहीं हुआ....अपनी बुड्ढी साथी को अपने घर के बाहर पिटवाया अपने गुंडो से तो ये आम आदमी और देश का क्या खाक होगा

Arvind Kejariwal the Traitor - II



ये कुछ अफसर हैं, आज पूरा देश इनको इनके कार्यों के वजह से याद करता है और सलाम करता है....इनके कार्यों से सरकारें हिल गईं, इनके आए दिन तबादले होते रहे



लेकिन वहीं केजरीवाल इन्कम टैक्स डिपार्टमेन्ट मे चोरी देखते रहे लेकिन किए कुछ नहीं। ये और इनकी पत्नी आराम से दिल्ली मे 18 सालों से पड़े रहे। एक चोरी का पर्दाफास करना छोड़ो आवाज तक नहीं उठाई। उसके बाद नौकरी छोड़ NGO चालू कर दिया और बन बैठे हरिश्चंद्र।

अगर नौकरी के कार्यकाल मे इनके किए गए किसी कार्य का आपको पता चले तो मुझे भी सूचित करने की कृपा करिएगा

9 Aug 2013

Arvind kejariwal the Traitor


क्या 4 जून 2011 की वो काली रात आपको याद है ?



उस 4 जून 2011 को दिल्ली की पुलिस ने रामलीला मैदान मे जालियावाला बाग की तरह सो रहे बाबा रामदेव के समर्थकों पर लाठी चार्ज की थी। उस लाठी चार्ज मे बहन राजबाला का दुखद निधन हो गया था। और उसमे बाबा को मंच छोडना पड़ा था क्यूंकी उनकी हत्या की साजिश रची जा चुकी थी।

इतना तो शायद सभी जानते होंगे। लेकिन इसके पीछे एक और सच्चाई जो अब तक बाहर नहीं आई थी।

उसी 4 जून की रात को बाबा रामदेव के साथ मंचासीन होने अन्ना आने वाले थे। जी हाँ वही केजरीवाल के अन्ना। लेकिन केजरीवाल ने अन्ना को उस दिन आने से रोक दिया। अन्ना को केजरीवाल ने फोन कर किसी भी हालत मे अगले दिन आने को कहा। अन्ना फिर 4 जून 2011 को ना आ कर अगले दिन 5 जून 2011 को दिल्ली पहुंचे।

सभी जानते थे की बाबा रामदेव के अनुयायाई ना सिर्फ दिल्ली या भारत मे बल्कि पूरे विश्व मे हैं। उनके एक आहवाहन पर लाखों लोग एक झटके मे पहुँच जाएंगे। तब तक अन्ना सिर्फ महाराष्ट्र मे जाने जाते थे और केजरीवाल सिर्फ लूट-खसोट करने वाली बीरादारी NGO मे जाने जाते थे। इससे आगे इन दोनों का वजूद ना के बराबर था। लेकिन केजरीवाल ने सोचा की अगर लाठी चार्ज होती है और बाबा को मार दिया जाता है इसमे और इसके बाद अन्ना के साथ मिलकर केजरीवाल अनसन करते हैं तो पूरा देश केजरीवाल के साथ खड़ा होगा एवं ये अपना उल्लू सीधा कर सकते हैं।

4 जून 2011 को रामलीला मैदान मे केजरीवाल के षड्यंत्र से लाठी चार्ज हुई थी। यही जयचंद बन कॉंग्रेस से मिलकर लाठी चार्ज करवाया था। और उस लाठी चार्ज मे हमे बहन राजबाला को खोना पड़ा।

गद्दार जयचंद है ये केजरीवाल