वर्तमान चुनौतियाँ और युवा
चुनौतियाँ होती क्या हैं? चुनौतियाँ आती कहाँ से हैं और उनका परिणाम क्या होता है?
चुनौतियाँ हमारे आज की परिस्थितियों पर आधारित होती हैं और जो परिश्थितियों से लड़ना नहीं जानता या लड़ नहीं पता है वो मिट जाता है| आज भी कमोबेश हमारे इस महान भारत देश में परिस्थितियों ने ऐसी चुनौतियों को जन्म दे दिया है की वो भारत को अन्दर से खोखला किये जा रही हैं| कह सकते हैं की "चहूँ ओर फैला है अन्धकार. लूट रही है इज्जत सरे आम"|
आज हम सभी देख रहे हैं की हमारे देश की हालत क्या बन चुकी है| चारो तरफ अराजकता का माहौल है| कही किसी को मार दिया गया तो कही किसी छोटी बच्ची का बलात्कार और उसकी हत्या तो कही सरे आम लूट मची है| आखिर ऐसा संभव हो कैसे हो रहा है?
अब जरा विस्तार से हम आज की परिस्थितियों को देखने की कोशिस करते हैं|
क्या आपको पता है की हमारे देश में कितने बड़े-बड़े घोटाले हुए अभी हाल के दिनों में? कामनवेल्थ घोटाला, २जि घोटाला, कोयला घोटाला और भी पता नहीं कौन कौन से घोटाले| पर क्या होता है वही लोग चुनाव में खड़े होते हैं और कुछ लालच दे देते हैं चुनाव के समय जैसे की लैपटॉप देंगे तो बेरोजगारी भत्ता देंगे पर होता क्या है---मिलता तो कुछ नहीं पर कोरे आश्वासन के चलते गलत लोग जीत कर चले आते हैं हमारे ऊपर राज करने| और ये संभव होता कैसे हैं, हमारे में से कुछ युवा जो या तो वोट देने जाते नहीं हैं या अगर जाते भी हैं तो उन्ही गलत ठेकेदारों को चुन लेते हैं|
इससे भी बढ़ कर बात होती है की आज का युवा केवल सिनेमा और लड़कियों के पीछे ही लगा रहता है| आज के युवा का रोल मॉडल होता कौन है? आज का युवा वर्ग केवल किसी हिरोइन का सपना देख रहा है या कुछ देशद्रोह का कार्य करने वाले लोगो को अपना हीरो मान कर चलते रह रहे हैं| शारीर तो बनायेंगे सलमान खान जैसे पर उस शारीर का उपयोग क्या होता है, केवल मटरगस्ती करके झूठी शान को दिखाना| फसबूक पर आते हैं लेकिन देश में क्या चल रहा है इसकी कोई खबर नहीं होती है| अपना मौज मस्ती का ग्रुप ढुंढते हैं और वहां किसी लड़की की प्रोफाइल जिसके पीछे कोई विकृत मानसिकता का लड़का भले क्यों न बैठा हो उसके केवल हाई लिख देने मात्र से पागलों की तरह कमेन्ट मारने में लग जाते हैं और इसी में पता नहीं क्या क्या सपने सजा लेते हैं|
कितने युवा अपने पिता से पिछली दो पीढ़ी का भी नाम बता सकते हैं| नहीं बता सकते हैं क्युकी उन्हें मतलब नहीं है अपने पुरखो को जानने का| जब अपने २ पीढ़ी का नाम नहीं पता तो अपने शहीद वीर पुरखों की गौरवशाली वीर गाथा कैसे याद रहेगी| अपना इतिहास नहीं पता तो देश का इतिहास कहाँ से पता रहेगा|
आज का युवा जब महंगाई आती है तो चिल्ला सकता है लेकिन वोट डालने के समय क्या करता है शायद आप सभी को खुद ही पता होगा| न पता हो तो एक बात अपनी अंतरात्मा से पूछिए|
आज का युवा केवल पाश्चात्य सभ्यता का अनुशरण करने में लगा है वो भी अंधानुसरण| ये तो होना ही था क्युकी खुद का इतिहास नहीं पता है की भारत क्या था? आज वही पाश्चात्य सभ्यता के देश हमारे देश के तरफ आस लगाये बैठे हैं| हमारे वेदों और ग्रंथो को पढ़ कर एक-एक चीज इजाद करते हैं और हम क्या करते हैं बस उनको वो चीजें इजाद होते हुए देखते मात्र रह जाते हैं लेकिन उन चीजों को ईजाद करने का जज्बा नहीं रखते हैं| बातें तो इतनी बड़ी-बड़ी करते हैं की बस एवरेस्ट उखाड़ कर अपने छत पर सजाने वाले हैं। लेकिन बस बातें ही हैं और कुछ नहीं। इसी मे जो युवा कुछ करते हैं वो पुराने ख्यालों के बिगड़े हुए युवा कहे जाते हैं।
मत भूलो की भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, खुदी राम बोस और सबसे अहम युवाओं के प्रेरणा श्रोत स्वामी विवेकानन्द जी भी युवा ही थे और देश की सोच कर चले और देश को हमेसा आगे रखा हमारे जैसा यूंही बैठे नहीं रहे। सोचो अगर ये लोग बैठे होते हमारे जैसे और किसी हसीना के ख्वाब मे डूबे रहते तो आज भी हम किसी अंग्रेज़ के घर पर चप्पलें साफ कर रहे होते या उनकी जूठन उठा रहे होते।
आगे आप सभी पढे-लिखे समझदार हैं ! ! !
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