चित्रा नारायणन : स्विस एम्बेसडर रिटायर्मेंट के बाद भी अपने बदले किसी और को पद पर ज्वाइन नहीं करने दे रहीं ! ! !
तथा खुलेआम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की हक़ से बेईजत्ति करने में दिलोजान से लगे हुए हैं
नारायणन"नारायणन"ऑफिसर को पिछले 1 साल से अनवरत इंतजार में व्यतीत करना पड़ रहा है। इसके साथ-साथ हमारी मौजूदा सरकार इनको पद का एक्सटेंसन दिए जा रही है।
साथ ही ये भी ध्यान देने वाली बात है की इसमें भारत की ही बेईजत्ति हो रही है परन्तु हमारे देश की महान और एक मात्र बची हुई स्वघोषित देशभक्त सरकार अपने होठों को मोटे धागे से सील कर मुर्दानगी वाली चुप्पी साधे हुए है।
लेकिन इस देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई इस बेईजत्ति के जघन्य तथा अक्षम्य कृत्य को आप क्या नाम देना चाहेंगे-----
1. स्वयंभू ऐश करने वाले राजनेताओं द्वारा घोषित दलित विवादस्पद विषय ?
2. सभी ऐसे देशभक्त कार्यों की जननी स्थल 10 जनपथ का एक और महान कार्य ?
3. साधारण सी घटना जो ध्यान देने योग्य नहीं है ?
4. या की सारे काले कारनामों की संधि-संगम समागम स्थल स्विस बैंक का सर्विसिंग विषय ?
सबसे अहम् सवाल एक और है कि इतनी बड़ी बेईजत्ति जो देश की हुई और अभी भी जारी है लेकिन किसी भी मीडिया को इस खबर से कोई फर्क नहीं पड़ा जैसे की ये खबर उनके लिए कोई मायने नहीं रखती है या कहें तो इनके द्वारा बनाये गए एक मात्र देशभक्त पार्टी की भद पीट रही थी और एक और छुपा हुआ चेहरा उजागर हो रहा था तो मीडिया ने इस खबर को कहीं भी डाला ही नहीं और इस तरह से हमारी महानतम मीडिया ने अपने स्वामिभक्ति का परिचय दिया।
अब जवाब कौन देगा इस बेईजत्ति का जो देश की हुई है ये देश की जनता के हाथों में है अब जनता जनार्दन निर्णय ले की करना क्या है और कैसे करना है तथा देश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई इस बेईजत्ति का जवाब कैसे देना है ये भी निर्णय करें ! ! !
वैसे एक और बात ज्ञात रहे की डॉ0 के आर नारायणन के नाम पर "डॉ0 के आर नारायणन सेण्टर फॉर दलित एंड मईनोरितिज स्टडीज (Dr. K. R. Narayanan Centre for Dalit and Minorities Studies) चलता है लेकिन दलित और मईनोरितिज के नाम पर फायदा किसको पहुँच रहा है ये भी जरा आंकलन करें आप सभी।
प्राइम ग्रुप में 23 अप्रैल 2012 को बिताया हुआ चित्रा नारायणन जी का सुखद पल (क्या यही वो पल हैं जो रिटायर्मेंट के बाद भी इस पद को छोड़ने नहीं दे रहे हैं और मौजूदा सरकार भी नहीं चाहती है ये महोदया हटें या पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और है ) |
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