आज देश का हर इन्सान चाहे वो देश के किसी भी कोने से हो परेसान है और बहुत ही ज्यादा ही परेसान है. लेकिन इस परेशानी के बाद भी, जो देशवाशियों की रातों की नींद को उड़ा रखा है, इन परेशानियों को भूल दुसरे प्रदेश वालों से जलन का भाव रखते हैं, और हमेसा निम्न दृष्टि से रखते हैं और बेईजत्त करने का एक मौका भी नहीं छोड़ते हैं. उत्तर प्रदेश वाला तामिल से जलता है, महाराष्ट्र बिहारी से जलता है, बंगाल वाले सभी से जलते हैं, जम्मू कश्मीर तो खैर खुद में ही जल गया, केरला की आंच अभी हमारे घरों तक नहीं पहुंची, उत्तर-पूर्व भारत के बारे में हमें कोई खबर पता नहीं चलती है. लेकिन आखिर ऐसा दुर्भाव हमारे अन्दर आया कहाँ से जबकि कांग्रेस रही सत्ता में और कांग्रेस तो कहती है की वो हमेसा लोगों को एक-दुसरे से जोडती है और सभी भारतीय एक हैं ऐसा दिखाती है तो ये कार्य हुआ कैसे. क्या हमारे में से किसी ने इस पर कुछ सोचा है? जबकि हमारे देश के हर प्रदेश का देश के लिए बहुत योगदान रहा है फिर चाहे वो बिहार हो या उड़ीसा हो या तमिलनाडु हो या महाराष्ट्र हो या जम्मू कश्मीर हो या फिर मेघालय मिजोरम अरुणांचल त्रिपुरा और आसाम हैं और इन सभी की अपनी अलग पहचान और उपयोगिता है देश के अन्दर. लेकिन एक देश में रह कर भी हम एक नहीं हैं.
जहाँ तक मुझे प्रतीत होता है की जैसे अंगरेज ऊपर से बहुत विनम्र प्रतीत होते थे लेकिन उनके अन्दर एक धरना होती थी की "फुट डालो और राज करो" वैसे अंगरेजों के द्वारा चालू किया गया अंगरेजों का मनोरंजन करने के लिए बने कांग्रेसी चाहते हैं की हम भारतवाशी कभी एक न हो पायें चाहे कोई भी परिस्थिति क्यूँ ना आ जाये. हम पढ़े लिखे होने के बाद भी आज तक इस कांग्रेस रूपी राक्षस के हाथों की कठपुतली बन घूम रहे हैं. समय आ गया है जागने का और कुछ नहीं तो खुद को जानने का, अपने आस-पास के परिवेश को जानने का, अपने प्रदेश को जानने का, अपने देश के दुसरे प्रदेशों को जानने का और सबसे बड़ी चीज देश को जानने का की हमारा देश अभी किसी परिस्थिति में है और हमारे बाद आज़ाद हुए देश किस परिस्थिति में हैं. उन देशों से अपने देश को पीछे रखने में किसका हाथ है और उन देशों को पीछे धकेलने के लिए हमारे देश को क्या जरुरत है और उसके लिए हमें क्या करना चाहिए.
हमें "अनेकता में एकता", जो हमारे देश की मूल पहचान है, उसे फिर से न सिर्फ जिवंत करना है बल्कि इसके खिलाफ कार्य करने वालों मुंह काला हो जाये.
Hum sab Hindu hai or kuch nahi.....
ReplyDeleteyah bhavna hame apne ander lani chahiye....