4 Nov 2012

भारतियों के खून पसीने की कमाई उड़ाई

कांग्रेस पार्टी की रैली लेकिन भारत सरकार और भारतियों के खून पसीने की कमाई उड़ाई गई.

कांग्रेस की राम लीला मैदान में ४ नवम्बर की दिल्ली सरकार के लिय की गई रैली के लिए ५ स्पेशल ट्रेनें चलायीं गईं, १५ ट्रेनों में स्पेशल डिब्बे जोड़े गए, सड़क परिवहन वाले हकलान थे बस का इन्तेजाम करने में ताकि लोगों को थोक के भाव में कांग्रेस की बेशर्मी निहित जनशक्ति को दिखाने के लिए भेड़-बकरी की तरह कोंच कर भेजा सके. इसके साथ ही साथ सरकारी कार्यालयों में कार्य करने वाले जिन सरकारी मातहतों को छुट्टी के दिन गधों के तरह लाद कर लाया गया था उनकी अगले ७ दिन की वैतनिक छुट्टी, मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को ११०० रुपये का लालच जो बाद में शायद दिए भी नहीं गए होंगे.

इसे कहते हैं भोंडापन जिसमे कांग्रेस ने अपना काम तो कर लिया लेकिन इस ४५ मिनट के इस नौटंकी के लिए देश का करोडो रूपया बाप का माल समझ सोनिया और उसके पालतू स्वानों ने गन्दी नाली में बहा दिया. लेकिन कहने को और दिखाने को ये आम लोगों की पार्टी है जो जनहित के बारे में सोचती है और देश के बारे में सोचती है. क्या देश के बारे में सोचने वाली पार्टी ऐसा कुकर्म करेगी की देश को पैसे को अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल करे. इसमें मैं अपने देश के लिए समर्पित मीडिया को भी धन्यवाद देना चाहूँगा की उन्होंने इस बात को लोगों तक पहुँचाने की परेशानी नहीं उठाई और आराम से केवल १० लोगों को बढ़ा कर १०० लोग दिखाने में लगी रही और कांग्रेस तथा उसकी मालकिन सोनिया गाँधी को आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम में लूटने का भरपूर मौका मिल सके क्यूंकि चुनावी सावन तो अभी उमड़ा है चुनावी बारिशों के झंझावत तो अभी देखने बाकी हैं. इस तरीके के सराहनीय कार्य से हमारे देश की मीडिया ने देश की जनता का और जनता के पैसों के भी भरपूर मान रखा ताकि उनको आगे भी कैसे लूटा जा सके और देश की जनता को बेवकूफ बनाया जा सके.

जहाँ देश आज महंगाई की मार से पीड़ित ही वरन महंगाई ने जनता की कमर तोड़ जनता को जमीं पर घिसट-घिसट मरने को छोड़ दिया है वहां इस तरह जनता के पैसे जो जनता के उपयोग में लाये जा सकते हैं उसको गन्दी नाली में भोंडी पहचान और कटी हुई नाक को ऊँचा करने के लिए बहाया जा रहा है और मीडिया इसका मूक समर्थन कर रही है और जनता मूकदर्शक बन अपना ही उपहास उड़ते हुए देख रही है. ऐसा देश है मेरा ! ! ! 

चलिए अब जैसा भी है इस चुनावी सावन में कुछ तूफ़ान लाने का जिम्मा हम अपने सर पर उठाते हैं और औकात भूल जाने वालों को उनकी औकात याद दिलाते हैं.

जय हिन्द
वन्देमातरम

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