बनारस का बम विस्फोट और रामपुर सीआरपिऍफ़ कैम्प हुए हमारे जवानों के नरसंहार याद है या भूल गए........उनके आरोपियों को सौहार्द्र दिखाने के नाम पर छोड़ा जा रहा है ताकि मुल्ला तुस्टीकरण को धर्मनिरपेक्षता की चादर से सजाया जा सके.....और आम जनता को अँधा और मुर्ख बनाया जा सके
वैसे धर्मनिरपेक्षता के ढकोसले के पीछे बैठे ढकोसले-चंद इन मुल्लों के वोटों की भीख के लिए देश से और कितना गद्दारी करेंगे....और देश की जनता का सब्र का बाँध आखिर कब टूटेगा....आखिर इतना सब्र क्यूँ दिखा रही है जनता....क्या कंठ से आवाज निकाल ली गई है.....कान हैं या कौवा ले कर गया...या की तुम्हारे हाथों में दही जम गया है.....
चलो कोई बात नहीं आप अभी दिवाली मनाओ....उसके बाद क्रिस्मश, फिर अंग्रेजों का नया साल......सब त्यौहार पड़े हैं....चिंता की बात नहीं.....अभी आपके घर पर बिजली नहीं गिरी है...हाँ भगवान से प्रार्थना करूँगा की वो उस बिजली से आपके परिवार को बचाए रखें...
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