बजा दो बिगुल महाक्रान्ति का,
चढ़ा लो त्योरियां, दिखा दो शौर्य,
गौरव है तुम्हारा बड़ा गौरवशाली,
कर लो एक बार पुरखो को याद,
शुभकार्यों को बढ़ाने का है समय,
यूँ सर झुकाए क्या सोच रहे हो,
कर याद उन वीर शहीदों को,
गौरवशाली है गाथा जिनकी,
रखो केवल इतना ही याद,
उसी गौरव को फिर है दुहराना,
माँ का आंचल बचा कर है लाना,
बाधाएं और कांटे बहुत हैं मार्ग में,
पर कदाचित तुम नहीं घबराना,
बाधाओं को चिर बना मार्ग अपना,
काँटों को बना दो अपने पैरों का फुल,
सब छोड़ लिखो एक नया अध्याय,
पाप छुप गया है पापियों के पीछे,
दिखा दो वीरता इन पापियों को,
दिला दो याद इन पापियों को,
हम संताने हैं उन्ही रणबाकुरों की,
जिन्होंने उखाड़े थे पैर इन पापियों के,
पर सोच लो तुम्हे पैर काटने हैं इनके,
नहीं पनपने देना इन विषधरों को अब,
बचा लाओ भारत की पहचान तुम,
बना दो इसे पुनः वैसा ही धनवान तुम,
लिख डालो एक नया इतिहास तुम||
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