उत्तराखंड त्राशदी के समय भी बीजेपी के नेताओं को तब तक नहीं जाने दिया गया जब तक की पप्पू नहीं पहुँच गया वहाँ अपनी नौटंकी दिखाने, कश्मीर दंगे के समय भी ऐसा ही देखने को मिला की बीजेपी के नेताओं को नहीं जाने दिया गया वहाँ जब तक की कोंग्रेसी नहीं पहुँच गए।
अब प्रदेश मे कॉंग्रेस से घोर दुश्मनी दिखाने वाले लेकिन केंद्र मे कोंग्रेसी टुकड़े पर पलने वाले मुल्ला-यम ने दिखाया अपना दोहरा चरित्र।
मुजफ्फर जाने वाले हर बीजेपी नेता को गिरफ्तार किया लेकिन मन्नू, पप्पू और उसकी इटालियन अम्मी को जाने की ना सिर्फ इजाजत दी बल्कि कई सारी और सहूलियतें भी।
अब यही मुल्लायम प्रदेश के बीजेपी नेताओं को वहाँ आने नहीं दे रहा है लेकिन जिसका उत्तर प्रदेश तक से कोई नाता नहीं है और खुद एक आतंकवादी है पर कॉंग्रेस के चलते बचा हुआ है बकरुद्दीन मवेशी को आने के लिए पलक-पावड़े बिछाये बैठी है ये सपा सरकार।
लेकिन इन सबके बीच एक ही बात कॉमन है की सभी के सभी ये तथाकथित धर्मनिरपेक्षी अवैध असलहा रखने वाले एवं दंगे भड़काने वाले शांतिप्रिय कौम के दहलीज पर ही अपना मत्था टेक वोट की भीख मांग वापस चले आ रहे हैं। करें भी क्यूँ ना ये दोहरे चरित्र वाले....आखिर इनको असलियत पता है की मुस्लिम कहीं भी वोट देगा एक मुश्त वोट देगा। लेकिन हिन्दू तो बिखरे हुए हैं। उनके भाई-बहन मार दिये जाएँ, बहनों की इज्जत उनकी आँखों के सामने लूट ली जाए तब भी दोगले बन उन्ही को वोट देंगे जिंहोने ऐसा जघन्य कार्य किया। ये हिन्दू उन्ही को वोट देंगे जो घूम-फिर का कॉंग्रेस के पाले मे गिरे।
जाट खुद को बहुत आगे मानते हैं और मुस्लिम विरोधी कहते हैं लेकिन वोट किसको देंगे रालोद को जो की अजित सिंह की पार्टी है और अजित सिंह खुद कॉंग्रेस के फेंके बोटी पर पलने वाला नरपिशाच है। वैसे भी इस दंगे मे मुजफ्फर नगर खुद अजित सिंह नहीं गया लेकिन अपने लड़के को भेजा। अब जाटों ने भी देखा ही होगा की अजित सिंह का लड़का जाटों के द्वार पर थूकने भी नहीं गया और केवल अपने वोट बैंक अवैध असलाहाधारी मुस्लिमों से मिल कर लौट आया।
साथ ही जब ये सभी अपनी वोट बैंक की राजनीति कर लौट आए मुस्लिमों के चौखट पर मत्था टेक कर, तब सेक्स सीडी के महानजनक अभिसेक्स मनु भिंगवी को अपने यहाँ बुला कर बुरखा धत्त अब ये प्रचार करने मे लग गई है की नेताओं को दंगाग्रस्त स्थलों से दूर रहना चाहिए ताकि जब बीजेपी के नेता या कोई हिन्दूवादी वहाँ जाए तो उसको सांप्रदायिक या दंगा भड़काऊ कह कर उसका दुष्प्रचार चालू कर सके ये कॉंग्रेस के टुकड़ों पर पलने वाली गंदी महिला जो पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे को दलाली का अड्डा बना रखी है। ऐसी ये अकेली नहीं है बल्कि आज हालत ये है की इस पत्रकारिता के पेशे मे एक दलाल ढूंढो तो हजार मिलते हैं। पूरा पत्रकार जगत ही जैसे दलालों का अड्डा नजर आने लगा है। किसी विशेष पार्टी या उक्त विशेष पार्टी को लाभ पहुँचने हेतु विशेष कौम को अच्छा एवं दूसरे कौम को हर छोटी बात मे भी गंदे तरीके से घसीटना ये इस पत्रकार जगत का पेशा हो गया है।
अब समय आ गया है की हिन्दू चाहे वो किसी भी जाति का हो, अपने वोट की अहमियत को समझे और ये देखने की कोशिस करे की उसका वोट अंत मे किस पार्टी के काम मे आ रहा है। वो अमुक पार्टी उस हिन्दू या देश के किसी भी हिन्दू के साथ कितनी खड़ी है। हिंदुओं के हित की कितनी रक्षा करती है एवं मानमर्दन करती है हिंदुओं के हितों का। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब भारत भी पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान की श्रेणी मे आ कर अपने अतीत को कोस रहा होगा एवं हमारी आने वाली पुश्तें हमें फूल माला नहीं चढ़ा रही होंगी बल्कि गालियों से नवाज रही होंगी।
आजम खान वो सांप है जो अपने खातिर अपने संपोले को भी खा सकता है, लेकिन हे सांप आप अपने संपोले खा जाओ, हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन किसी दूसरे समुदाय को डसने कि कोशिश करोगे तो दूसरे वाले का संपेरा जाग चूका है, या तुम पिंजरे मे बंद होगे या तुम्हारा फन कुचल दिया जायेगा .
ReplyDeleteMuslimano ka vote hi khatam kar dia jaye to koi rajneeti na kar sake
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