कश्मीर अलगाववाद के सेब के बाग को सींचती
सोनिया गांधी
क्या है फर्क बुखारी, गीलानी, ओवैशी और सोनिया में ? ? ?
हम लोग आए दिन कश्मीर मे हुए दंगों, कत्लेयामों को ले कर चिल्लाते रहते हैं साथ ही चिल्लाते हैं कश्मीर को भारत से अलग करने वालों को लेकर। भूषण को भी इसी चलते मार पड़ी थी की वो कश्मीर को या तो आजाद करने या पाकिस्तान को देने की मांग कर रहा है। हम सभी कश्मीरियत को ले कर पता नहीं क्या-क्या सोचते रहते हैं और प्रतिदिन बिना नागा किए उस पर चिंतन और मनन करते रहते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है की कश्मीर मे सीमा उल्लंघन की इतनी बड़ी घटनाओं तथा हमारे सैनिकों की आए दिन हो रही शहादतों के उपरांत भी हमारी सरकार कोई भी कदम क्यूँ नहीं उठाती है सिवाय बोल-बच्चन के। अब आइये देखिये हमारे इस सरकार के निकम्मेपन का कारण जिसके कारण हमारे सैनिक आए दिन वीर गति को प्राप्त हो रहे हैं और हमारी सरकार विपक्ष और जनता के कितना भी विरोध करने के बाद भी चुप है।
मौजूदा सरकार की माताश्री माननीय सोनिया गांधी जी "The Forum Of Democratic Leaders in the Asia-Pacific (FDI-AP)" नामक भारत विरोधी और भारत के विघटन को तत्पर संस्था जो की कश्मीर की आजादी की बात करती है, की सह-अध्यक्षा हैं।
अब जब देश की संसद महोदया होने के साथ-साथ सोनिया जी तो कॉंग्रेस की जगत माता के रूप मे जानी जाती हैं तो ऐसे मे क्या किसी कोंग्रेसी की इतनी हिम्मत होगी की वो कश्मीर तो क्या देश के किसी भाग को देश से अलग होने पर उंगली नहीं उठा सकते हैं। क्यूंकी इनकी माता श्री ही कश्मीर को आजाद देखना चाहती है और ऐसा प्रतीत होता है की इन महोदया को तकलीफ होती है कश्मीर को भारत का अंग देख कर। तो ऐसे मे कश्मीर मे हमारे सैनिकों का मरना तो जारी रहेगा ही साथ ही हमारी माताओं की गोद और नवविवाहितों की मांग तथा घर का आँगन सूना होता रहेगा। लेकिन इन माताओं और विधवा बहनों की चीत्कारों से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्यूंकी 10 जनपथ ही चाहता है की कश्मीर भारत से अलग हो जाये इसके लिए चाहे कुछ भी करना हो।
अब ऐसे मे कई सवाल उठते हैं कि:
देश को तोड़ने कि बात करना क्या सोनिया के आगे देशद्रोह नहीं है?
क्यूँ अभी तक सोनिया गांधी पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ क्यूंकी वो एक नकली मिश्रित गांधी परिवार कि बेवा हैं?
एक संसद होने के बाद देश को तोड़ने वाले संगठन का साथ देने के बाद किस मुँह से सोनिया गांधी संसद मे बैठती हैं?
जिस संगठन को भारत मे प्रतिबंधित होना चाहिए उसी संगठन कि सह-अध्यक्षा हमारी विधवा संसद महोदया सोनिया गांधी जी हैं फिर भी कोई नहीं बोलता है, ऐसा क्यूँ?
हम गीलानी, बुखारी इत्यादि को गाली देते हैं कि ये सभी कश्मीर को भारत से अलग करने कि बात करते हैं परंतु आज तक कोई भी सोनिया गांधी के इस घिनौने और दोगले कृत्य पर एक शब्द नहीं कहा। ऐसा क्यूँ?
क्या मिश्रित नकली गांधी परिवार कि बेवा होने के चलते इन सोनिया गांधी महोदया को राष्ट्रद्रोह कि खुली छुट होने के साथ-साथ राष्ट्रद्रोह का आरक्षण है?
क्या आप सभी यूं ही चुप रह कर सोनिया गांधी जैसी राष्ट्रद्रोही के राष्ट्रद्रोह के कार्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ उसमे सहभागी बने रहना चाहते हैं?
बग्गा जी ने इस सच के ऊपर से और सोनिया गांधी के राष्ट्रद्रोह के ऊपर से पर्दा उठाया था परंतु किसी भी मीडिया को इसे दिखने कि जहमत तो क्या हिम्मत ही नहीं हुई शायद या कहें तो हो सकता है चुप रहने कि कीमत मिल गई होगी मीडिया कर्मियों को। लेकिन मीडिया कि इस चुप्पी से देश का विघटन तक हो सकता है और जनता यूंही मूर्ख बन राष्ट्रद्रोह मे अपना सहयोग करती रहेगी।
अगर अभी भी आपको मेरी बातों पर विश्वास न हो तो आप निम्नांकित लिंक पर जाएँ और खुद देखें राष्ट्रद्रोही सोनिया गांधी कि सच्चाई और फैसला करें------
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