8 Dec 2013

Delhi Election : A Learning Stage


दिल्ली चुनाव : एक सबक सभी के लिए


दिल्ली विधानसभा 2013 के हुए मतदान की मतगणना भी पूर्ण हो गई साथ ही रिजल्ट भी आ गए। इस चुनाव मे उम्मीद के मुताबिक बड़ी पार्टी के रूप मे कमल के खिलने को मैं भाजपा, नितिन गडकरी, नरेंद्र मोदी जी एवं सबसे अहम भाजपा के मुख्य मंत्री के ईमानदार उम्मीदवार डॉ हर्षवर्धन जी को बधाई देता हूँ। साथ ही 4-0 से जीत के लिए बधाई देता हूँ भाजपा के चारों प्रदेशों के समस्त कार्यकर्ताओं को। इस चुनाव मे अप्रत्याशित रूप से दूसरे स्थान पर आने वाली पार्टी जिसका अभी तक पंजीकरण भी नहीं हुआ "आम आदमी पार्टी" को भी बधाई देता हूँ। 

सबसे अहम है की दिल्ली का ये चुनाव हमे कई सीख दे कर गया। कहीं रुदालियों का दौर जारी है तो कहीं जीत के पटाखों के साथ नारों का शोर जारी है।

भाजपा के नेताओं को जमीनी स्तर पर और जुड़ाव चाहिए और अपने सैनिकों को चुनावी हथियारों से पूर्ण रूप से लैस करने की जरूरत के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं की बातों को ज्यादा ध्यान से सुनने की जरूरत है साथ ही कार्यकर्तों के सुझाओं का विश्लेषण कर उनपर अमल करने की जरूरत है। भाजपा को एक और जरूरत है अपने प्रतिद्वंदी को कभी भी कमजोर समझने की भूल ना करे।

साथ ही जिस प्रकार से दिल्ली की करीब 25% जनता ने केजरीवाल मे विश्वास दिखाया है ऐसे मे केजरीवाल को दिल्ली की जनता के विश्वास पर खरे उतरते हुए दिल्ली की जनता को पुनः चुनाव मे ना झोंकते हुए दिल्ली को एक ईमानदार मुख्य मंत्री देना चाहिए। ध्यान रहे की दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी के किसी उम्मीदवार को नहीं बल्कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को वोट दिया है। ऐसे मे दिल्ली की जनता चाहेगी की जिस प्रकार से केजरीवाल ने राम लीला मैदान से जनलोकपाल पास करने को कहा या फिर दिल्ली की जनता को आधी कीमत पर बिजली देने का वादा किया साथ ही दिल्लीवासियों को मुफ्त मे पानी देने को कहा वो सभी चुनावी वादे इसी सत्र मे पूरा करने का माद्दा दिखाना चाहिए।

साथ ही दिल्ली की जनता हर्ष पूर्वक केजरीवाल की तरफ देखते हुए सोच रही है की भले ही केजरीवाल अपने नौकरी के कार्यकाल के दौरान इन्कमटैक्स डिपार्टमेन्ट मे घूस तो नहीं रोक सके थे लेकिन पूरी दिल्ली को घूसमुक्त क्षेत्र घोषित करके दिल्ली के बसींदो को घूस के बोझ से सम्पूर्ण मुक्ति दिलाएँगे। 

वैसे ये चुनाव पुरानी कहावत को भी चरितार्थ करता गया। जिस प्रकार कॉंग्रेस ने अपने ऊपर हो रहे चौतरफा हमलों और कई रिपोर्टों मे आ रही उसकी करारी हार को परख, आम आदमी पार्टी को हर तरह से सुविधा दे, अपनी कुर्सी बचाने के लिए मैदान मे उतारा उसने भाजपा को तो बहुमत लेने से रोक दिया लेकिन कॉंग्रेस का दिल्ली मे सफाया कर कॉंग्रेस को उसी के खोदे हुए गड्ढे मे गिरा दिया।

परंतु सभी बातें एक तरफ हैं और केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनते हुए मैं देखना चाहता हूँ। दिल्ली का रहवासी होने के नाते मैं चाहता हूँ केजरीवाल दिल्ली को "हंग असेंबली" ना दे कर अपनी सरकार बनाएँ और अपने चुनावी वादे पूरे करें।


No comments:

Post a Comment