जस्टिस गांगुली.....रेपिस्ट या फिर सोनिया द्वारा प्रताड़ित
जस्टिस गांगुली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा। आरोप लगाने वाली लड़की क्रिश्चियन है (लड़की के धर्म का जिक्र करना यहाँ जरूरी है, इसलिए जिक्र किया, कृपया अन्यथा ले कोई)। लड़की जस्टिस गांगुली पर यौन उत्पीड़न का कोई एफ़आईआर नहीं करना चाहती है। जस्टिस गांगुली का सिर्फ मीडिया ट्रायल चल रहा है।
आपको याद होगा की जस्टिस गांगुली पर जब यौन उत्पीड़न का आरोप लगा तब सुप्रीम कोर्ट ने जांच किया और आगे कुछ भी कार्य करने से मना करते हुए अपना जांच रिपोर्ट आगे बढ़ा दिया। उसके पहले और बाद से मीडिया जस्टिस गांगुली पर इतनी हमलावर हुई की उनको पद से हटाने तक का फैसला सुनाते हुए जस्टिस गांगुली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
लेकिन हालिया घटनाक्रम और माननीय सुब्रमनियम स्वामी जी द्वारा इस यौन उत्पीड़न घटना पर टिप्पणी कई बंद लिफाफे खोल कर सोचने पर मजबूर करता है।
सुब्रमनियम स्वामी जी ने बताया की जस्टिस गांगुली 2G घोटाले मे मुख्य जांचकर्ता हैं जिन्होने सोनिया गांधी की नींद उड़ा दी है। ऐसे मे जस्टिस गांगुली के ऊपर यौन उत्पीड़न का मात्र आरोप लगाना, वो भी एक क्रिश्चियन लड़की के द्वारा, लड़की का जस्टिस गांगुली के ऊपर यौन उत्पीड़न का एफ़आईआर करने से इन्कार करना, मीडिया समेत सभी कोंग्रेसी नेताओं का जस्टिस गांगुली पर मुखर विरोध और विरोध के एवज मे इस्तीफ़े की मांग, महिला आयोग द्वारा जस्टिस गांगुली के इस्तीफे की मांग लेकिन तेजपाल के मामले मे शांत बने रहना, कहीं ना कहीं दाल मे काला होने का या कहें तो पूरी दाल के ही काले होने का अंदेशा है।
अगर लड़की के द्वारा जस्टिस गांगुली पर लगाए आरोप को भी देखें तो वो भी हास्यप्रद होने के साथ-साथ संदेहास्पद ज्यादा लगते हैं। लड़की ने पहले कहा की जस्टिस गांगुली ने लड़की को एक ही रूम शेयर करने को कहा, फिर लड़की ने कहा की जस्टिस गांगुली ने लड़की का हाथ चूमा और कहा की वो उससे प्यार करते हैं।
इन सभी घटनाक्रमों को देखें तो साफ-साफ दिखता है की सोनिया गांधी 2G घोटाले के जांच की आंच से बचने के लिए और जस्टिस गांगुली को ना खरीद पाने की स्थिति मे उन पर अपनी किसी यौन असंतृप्त, कभी यौन व्यापार की मंडी बनी वेटिकन की चमची द्वारा झूठा आरोप लगा कर जस्टिस गांगुली को महज बदनाम करने और 2G घोटाले की जांच से हटाने की साजिश रची है।
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