कभी किसी ने सोचा की राजीव गाँधी की मृत्यु के बाद सोनिया ने गद्दी नहीं सम्हाली! तब प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव बने! जो काफी समय तक कुर्सी से चिपके रहे! मरने वाले थे और अचानक जीवित हो गए! खैर उनकी बात छोडें... अब बात तब की करें जब अटल बहरी वाजपेयी प्रधान मंत्री बने! ऐसा क्या हुआ कि अटल जी के प्रधान मंत्री बनते ही सोनिया गाँधी को एकाएक भारतीय राजनीती में इतनी रूचि हो गयी? कि वह हम गरीबों पर दया करके भारत आ गई जबकि उन्होंने कहा था की वो कभी भारतीय राजनीती में नहीं आयेंगी पर वह केवल भारत आई ही नहीं बल्कि वह भारत कि प्रधान मंत्री तक बनाने को तैयार हो गयी! वो तो सुब्रहमनियम स्वामी और अब्दुल कलाम के चलते वह PM कि कुर्सी पर कब्ज़ा नहीं जमा पाई! फिर क्या था 'अंगूर खट्टे हो गए'! अरे भाई जब मिले नहीं तो खट्टे तो होंगे ही!
हाँ तो प्रश्न यह था कि ऐसा क्या हुआ अटल जी के प्रधान मंत्री बनने के बाद कि सोनिया को भारत लौटना पड़ा?
आपमें से कितने लोग यह जानते हैं कि अटल जी के काल में धर्मान्तरण पर पुर्णतः रोक लग गयी थी! जिस वजह से इन मिशनरी के लोगो का जीना दुशवार हो गया था! तब शायद सोनिया के नाजायज़ मातहत कैथोलिक चर्च के अध्यक्ष पोप ने सोनिया को भारत भेजा! सोनिया को अपनी ससुराल कि अचानक ही याद आ गयी! ससुराल का दर्द अपना दर्द बन गया!
EVM मशीन तक मंगा ली! फिर क्या? चुनाव हुए तो सोनिया के चलते कांग्रेस जीत गयी... जैसे कांग्रेस में तो कोई देशभक्त नेता था ही नहीं जो देश चला सकता!!!!! अब PM कि कुर्सी तो मिलते मिलते रह गयी... पर कांग्रेस का अध्यक्ष पद तो अपना ही था न उसके लिए भी बरसों से कांग्रेस के वफादार और बुजुर्ग सीताराम केसरी जी को उनका कार्यकाल पूरा किये बिना ही 1 साल के अन्दर ही लात मार दिया गया! अब पूरा कांग्रेस था सोनिया ताई के कब्जे में!!!
अब क्या दो बातें करनी थी एक गूंगे PM और दुसरे राष्ट्रपति ढूंढ़ने थे वह भी मिल गए! भाई एक रसोई में और दूसरा सलाम ठोंकता! भाई गाड़ी मज़े में चल निकली सोनिया की! EVM मशीन तो सबसे फायदे का सौदा रहा! देश में कुछ भी अराजकता करो, घोटाला करो, धर्मान्तरण करो.. खुल्लेआम करो...!! शर्माओ मत!!! जनता कुछ नहीं कर सकेगी! EVM है ना!!! तब डर कहे का? इनकम तो वैसे भी दुगनी हो गयी है! सारा मीडिया खरीद लो!! देखते हैं किस माई के लाल की हिम्मत है की वह सोनिया के खिलाफ खबर छापें? ज्यादा खुन्नस खायेंगे तो मन्नू पर जोक मार लेंगे और सब का अच्छा मनोरंजन हो जायेगा! उस से ज्यादा यह नपुंसकों का देश करेगा क्या?
वैसे भी आप इस निचे दी हुई क्रिस्चियन वेबसाइट को देख सकते हैं!!!
Source: http://www.christianitytoday.com/ct/2011/july/indiagrassroots.html?start=4
आपमें से कितने लोग यह जानते हैं कि अटल जी के काल में धर्मान्तरण पर पुर्णतः रोक लग गयी थी! जिस वजह से इन मिशनरी के लोगो का जीना दुशवार हो गया था! तब शायद सोनिया के नाजायज़ मातहत कैथोलिक चर्च के अध्यक्ष पोप ने सोनिया को भारत भेजा! सोनिया को अपनी ससुराल कि अचानक ही याद आ गयी! ससुराल का दर्द अपना दर्द बन गया!
EVM मशीन तक मंगा ली! फिर क्या? चुनाव हुए तो सोनिया के चलते कांग्रेस जीत गयी... जैसे कांग्रेस में तो कोई देशभक्त नेता था ही नहीं जो देश चला सकता!!!!! अब PM कि कुर्सी तो मिलते मिलते रह गयी... पर कांग्रेस का अध्यक्ष पद तो अपना ही था न उसके लिए भी बरसों से कांग्रेस के वफादार और बुजुर्ग सीताराम केसरी जी को उनका कार्यकाल पूरा किये बिना ही 1 साल के अन्दर ही लात मार दिया गया! अब पूरा कांग्रेस था सोनिया ताई के कब्जे में!!!
अब क्या दो बातें करनी थी एक गूंगे PM और दुसरे राष्ट्रपति ढूंढ़ने थे वह भी मिल गए! भाई एक रसोई में और दूसरा सलाम ठोंकता! भाई गाड़ी मज़े में चल निकली सोनिया की! EVM मशीन तो सबसे फायदे का सौदा रहा! देश में कुछ भी अराजकता करो, घोटाला करो, धर्मान्तरण करो.. खुल्लेआम करो...!! शर्माओ मत!!! जनता कुछ नहीं कर सकेगी! EVM है ना!!! तब डर कहे का? इनकम तो वैसे भी दुगनी हो गयी है! सारा मीडिया खरीद लो!! देखते हैं किस माई के लाल की हिम्मत है की वह सोनिया के खिलाफ खबर छापें? ज्यादा खुन्नस खायेंगे तो मन्नू पर जोक मार लेंगे और सब का अच्छा मनोरंजन हो जायेगा! उस से ज्यादा यह नपुंसकों का देश करेगा क्या?
वैसे भी आप इस निचे दी हुई क्रिस्चियन वेबसाइट को देख सकते हैं!!!
Source: http://www.christianitytoday.com/ct/2011/july/indiagrassroots.html?start=4
it was nice as relogion conversion was fully band during vajpayee's tenure , i hope it will come again . conversion of religion will b stopped
ReplyDeleteसही यार भीडे रहो ।
ReplyDeletevery well said.
ReplyDeleteati utam :)
ReplyDelete