लौटा दो मेरे शेर का सर
कैसा ये मंजर है कैसी विडम्बना
दुर्भाग्य ये कैसा अजीब हुआ
राष्ट्ररक्षा मे बेटा शहीद हुआ
घरवाले अनसनधारी हुए
मांग रहे शहीद बेटे का मस्तक
ना कोई पूछने वाला है यहाँ
ना उनको इनके दुख की पड़ी
सेनाध्यक्ष बैठे रिस्तेदारी में
सत्तासीन कर रहे घोषणाएँ
उठाएंगे कडा कदम हम ऐ वीरों
तुम चढ़ते रहो बल की बेदी पर
कोई सत्तासीन नशे मे चूर है
कोई महोत्सव का ले रहा मजा है
कोई तोड़ रहा टंगरी मुर्गे की
बैठ ऊँची अट्टालिकाओं पर
करता अट्टाहास कोई पाकिस्तानी
बगल मे खड़ा बेवकूफ हिंदुस्तानी
देता हमें वो केवल कोरी सांत्वना
बहुत हुआ अब न देना सांत्वना हमे
अब जाग चुका है भारत और भारतीय
अब चाहिए हमें केवल बदला हमारा
गर ना मिला हमे बदला हमारा तो
याद रखना हो ना जाओ 6 इंच छोटे तुम
बहुत हुआ अब न देना सांत्वना हमे
अब जाग चुका है भारत और भारतीय
अब चाहिए हमें केवल बदला हमारा
गर ना मिला हमे बदला हमारा तो
याद रखना हो ना जाओ 6 इंच छोटे तुम
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