20 Oct 2012

अधूरी सी प्यास है


आज मन उदास और अधूरी सी प्यास है
होठों पर हंसी है पर दिल तो हताश है
आँखे पथरा गईं हाथ कांपते हैं अब तो
गले में आवाज नहीं शारीर में जान नहीं
टूट कर बिखरा हूँ मैं जाने कब जुडुन्गा
खुद को खड़ा न कर पाया मैं अब तलक
खोखला हुआ पड़ा हूँ मैं दशकों से यारों
रण में तो उतर गया पर हाथ खाली हैं
सोचता नहीं की देगा कोई सहारा मुझे
राह चुनी है जब ये मैंने खुद से ही 
सोचता हूँ हो जाये सवेरा मेरे लिए भी
कब तलक भटकूँ इस अन्धकार में मैं
सोचता हूँ कोई साथी मिल जाये मुझे
कब तलक बना रहूँ राही अकेला मैं
ध्यान लगाता हूँ मैं अपने काम में 
पर दिल में रहती है एक हुक हरदम
डांट भी सुनता हूँ मैं मेरे अपनों की
पर मेरे अपने डांटते भी हैं मेरे लिए ही 
पर करूँ क्या कभी-कभी समझ न आता
दिमाग लगाता तो दिल कहीं और है जाता
पर मैं भी बढूँगा एक दिन बहुत आगे
अँधेरा काट आएगा सवेरा मेरे लिए भी
इन्तेजार में हूँ मैं उस दिन के की जब
खुद का तो भार उठा सकूँगा मैं तब 

18 Oct 2012

नेहरु ने देश की लुटिया डुबाई


हिंदी चीनी भाई-भाई
भाई ने भाई के घर में
चोरी से घुस सेंध लगाई
भाई का जमाई खाता रहा 
घर में बैठ कर मलाई
ये जमाई कोई और नहीं था भाई
नेहरु ही थे वो जमाई
हार कर युद्ध चाइना से 
नेहरु ने देश की लुटिया डुबाई
तब भी सबक इनको न आई
उसके बाद तो देश से इन्होने 
हार का कारन छुपाया 
देश गया भांड में इनको क्या मतलब
देश को बाँट मथनी में
अब तो कांग्रेसी खाते मलाई हैं
पर इतने के बाद भी अब कहते 
बेशर्मी से की "हिंदी-चीनी भाई हैं"
चाइना के नाम पर अब भी होती है
इन कांग्रेसियों की बोलती बंद
पर रोज दावा ठोकता है चाइना 
कभी अरुणांचल पर तो कभी कश्मीर पर
हम तो इतना भी नहीं जानते हैं देश में 
कौन मरा भारतीय सैनिक की भेष में
क्यूँ हरा हारा भारत चाईनीज देश से
अब न सोयेंगे अब न खोएंगे 
सच क्या है हार का या हम जानेंगे
भारत को एक बनाना है 
विरोधियों को देश से भागना है
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
तो अरुणांचल से गुजरात तक
पूरा भारत एक और हमारा है 

2 Oct 2012

सोनिया और भारत


जो कांग्रेस अपने किये हुए घोटालों और उस वजह से गर्त में धकेले जाने के बाद भी भारत निर्माण नाम से विज्ञापन चला कर भोली-भाली भारतीय आम जनता को बेवकूफ बनाने में लगी है वही कांग्रेस की सरकार क्या ये बता सकती है की जब भारत में इतना विकास हुआ है तो कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी विदेशों में क्यूँ इलाज कराने जाती हैं.....क्या भारत में उपस्थित अस्पताल और डॉक्टर पर उनका भरोषा नहीं है या ये डॉक्टर और अस्पताल हठी के दिखने के दांत हैं जिन्हें आम जनता को मारने के लिए छोड़ा गया है

साथ ही साथ सोनिया गाँधी लगता है इतनी बड़ी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बन गईं और शायद ये बयान भी आ जाये की सोनिया गाँधी १८५७ के स्वतंत्रता आन्दोलन में लक्ष्मी बाई जी के साथ लड़ी थी वो आज देश से इतनी बड़ी हो गईं की देशवासियों को अपनी अय्यास्सी पर हुए खर्च का ब्यौरा भी नहीं दे सकती हैं.............वैसे याद दिलाना चाहूँगा की ये वही सोनिया गाँधी हैं जो देश को अब तक में ४ बार मझधार में छोड़ कर देश से भाग चुकी हैं

१. इमरजेंसी के समय अपने पुरे परिवार पति और बच्चों समेत इतालियन दूतावास में शरण लेने गईं थीं जबकि ऐसा कहा जाता रहा है की उस समय तक सोनिया गाँधी इतालियन नागरिकता त्याग चुकी थी.
२. राजीव गाँधी की मृत्यु के समय देश छोड़ कर गईं और जाने से पहले ये कह कर गईं की ये कभी भी भारतीय राजनीती में नहीं आएँगी.
३. पिछले साल जब बाबा रामदेव जी का आन्दोलन हुआ था तब सपरिवार सोनिया गाँधी पहले स्विट्जरलैंड फिर अमेरिका गईं, आखिर वो कौन सा इलाज था जो पहले तो स्विट्जरलैंड में नहीं हुआ लेकिन अमेरिका जा कर महिना दिन के प्रवास में संभव हो पाया.
४. इस साल भी जब जन-आन्दोलन हुआ तब देश में कुछ भी हो सकता था पर सोनिया गाँधी को इससे क्या मतलब वो तो फिर चली गईं अमेरिका इलाज के बहाने.

क्या ऐसी औरत जो खुद को जबरदस्ती एक पार्टी पर अध्यक्ष बने रहने के लिए थोपे, देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखे और जब देश कातर दृष्टि से सोनिया और उनके परिवार की तरफ देखे तो देशवासी पायें की सोनिया गाँधी तो अमेरिका या किसी और देश में बेहद ही गुप्त दौरे पर निकल गईं हैं जिन दौरों से आज तक भारत का कुछ भला नहीं हुआ है. ऐसी महिला जो अपने आप को देश का भला सोचने वाली बताती है वो देश में संकट के समय देश से भाग जाये वो देश का क्या खाक सोचेगी.

और सबसे अहम् बात जब सोनिया गाँधी अपने मायके इटली की नही हुई (भले दिखाने के लिए) तो वो भारत जो की उनका ससुराल है उसका क्या होंगी.

देश की भोली-भाली जनता अब खुद निर्णय करे की उसे कौन चाहिए और कौन गलत है.......कौन दिखावे का लड्डू भारत को खिलाना चाहता है और कौन भारत को कम से कम अपना तो मान कर काम कर रहा है.